लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में हम सबका सौभाग्य है कि आजादी के अमृत महोत्सव (azadi ka amrit mahotsav) के साक्षी बन रहे हैं. हमारी आन-बान-शान का प्रतीक भारत का राष्ट्रध्वज देश के शौर्य, शांति और बलिदान का प्रतीक भी है. उन्होंने शनिवार को सेंट्रल कमांड में वीरता पुरस्कार प्राप्त सेनानियों के सम्मान समारोह में वीर सपूतों के परिजनों को सम्मानित किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को देश को स्वाधीनता मिली. स्वाधीनता मिलने के बाद देश की सुरक्षा, एकता अखंडता को अक्षुण्य बनाए रखने के लिए 4 युद्धों से देश को जूझना पड़ा. हर अवसर पर देश के बहादुर जवानों ने एकता अखंडता के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. आजादी का अमृत महोत्सव 75 वर्ष के आत्मावलोकन का अवसर हम सबको दे रहा है. महान देश के सपूतों ने देश के लिए बलिदान देने में जरा भी संकोच नहीं किया. देश लंबी लड़ाई के बाद आजाद हुआ था. मैं हृदय से उनका अभिनन्दन करता हूं.
उन्होंने कहा कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना प्रधानमंत्री मोदी ने की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश 'आजादी का अमृत महोत्सव' (azadi ka amrit mahotsav) मना रहा है. उसे साकार करने का लक्ष्य हम सबको दिया है. ये आयोजन कोई सरकारी आयोजन नहीं है. हर घर तिरंगा (har ghar tiranga) जो भारत की आन बान शान का प्रतीक है. पहली बार ये हर नागरिक के साथ जुड़ा हुआ है. हर व्यक्ति इसे सफल बनाने में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृत महोत्सव अगले 25 वर्ष की कार्य योजना को मूर्तरूप देने वाला है. भारत आज वैश्विक मंच पर सबसे आगे रहकर तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के साथ अपनी आभा को बिखेर रहा है. भारत की ओर आज उम्मीदों से देखा जा रहा है. यही देश के सामूहिकता की ताकत है. नया भारत खाद्यान्न के क्षेत्र में ही नहीं, रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर हो रहा है. नए भारत मे भारत के जवान देश की अखंडता को अक्षुण्य बनाये रखने के लिए लगातार तत्पर हैं. वैश्विक मंच पर जब कभी शांति की स्थापना के लिए आवाहन किया गया, तो वहां भी जवानों ने उन देशों में जाकर अपने अभूतपूर्व शौर्य का प्रदर्शन किया है.
सीएम योगी ने कहा कि हमारे जवान हमेशा नेशन फर्स्ट के लिए सोचकर अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देता है. देश के जवान हर आपदा में अपना सब कुछ दे देते हैं. हम दुश्मन के लिए अगर जितने सख्त हैं. हम उतने ही संवेदनशील हम देश में आई हर आपदा के समय होते हैं. हमने 2017 में सरकार में आने के बाद ये तय किया कि देश के लिए बलिदान देने वाले जवान के परिजनों को 50 लाख रुपये की राशि देंगे. उनके परिवार के किसी सदस्य को नौकरी देने की बात आई तो हम देते हैं. उस शहीद परिवार की जिम्मेदारी हमारी होती है. उनके जनपद में उनके स्मृति में शहीद स्मारक बनाने का प्रावधान रखा गया है.
यह भी पढ़ें-केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने स्वतंत्रता सेनानी के पैर छूकर किया सम्मान
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह अपने सैनिकों को सम्मान देने की प्रक्रिया के साथ नई पीढ़ी को उनके स्मृतियों से भी जोड़ने की प्रक्रिया होती है. उत्तरप्रदेश आज रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है. यहां डिफेंस कॉरिडोर के माध्यम से नई विकास गाथा लिखने की ओर अग्रसर है. वीर शहीदों के परिजनों को यह विश्वास दिलाते हैं कि सम विषम परिस्थितियों में केंद्र व राज्य सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप