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सीएम योगी ने यू-राइज पोर्टल किया लॉन्च, तकनीकी ज्ञान के साथ सुधरेगी शिक्षा व्यवस्था

राजधानी लखनऊ में सीएम योगी आदित्यानथ ने 'यू-राइज' पोर्टल को लॉन्च किया. सीएम ने इस अवसर पर कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां देश का पहला एकीकृत पोर्टल लागू हुआ है. यह अन्य राज्यों के लिए भी एक मानक बनेगा.

सीएम ने किया ‘यू-राइज’ पोर्टल को लांच
सीएम ने किया ‘यू-राइज’ पोर्टल को लांच
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Published : Sep 24, 2020, 7:53 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोक भवन में यू-राइज पोर्टल लाॅन्च किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में प्रदेश के तकनीकी संस्थाओं के उन्नयन की दृष्टि से दीन दयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया था, उसके दूसरे चरण के इस अभियान के साथ आज हम जुड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 आजादी के बाद शिक्षा क्षेत्र में सुधार का सबसे बड़ा अभियान है. यह हमें केवल सैद्धान्तिक ज्ञान तक सीमित नहीं रखेगा, बल्कि यह छात्र-छात्राओं को व्यावहारिक और तकनीकी ज्ञान से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनने जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने यू-राइज पोर्टल के लाॅन्च और दीन दयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के अन्तर्गत चेक वितरण एवं नवीन कार्यों के शिलान्यास कार्यक्रम को सम्बोधित किया. उन्होंने कहा कि यू-राइज पोर्टल एक यूनिफाइड पोर्टल है. यह पोर्टल प्राविधिक, व्यावसायिक और कौशल विकास से जुड़े छात्र-छात्राओं के साथ ही उनके जितने भी विशेषज्ञ हैं, उन सबको एक प्लेटफार्म उपलब्ध करा रहा है. इसमें विद्यार्थियों के जीवन चक्र को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां देश का पहला एकीकृत पोर्टल लागू हुआ है. यह अन्य राज्यों के लिए भी एक मानक बनेगा. उन्होंने कहा कि हम सब तकनीक से जुड़कर ही आगे बढ़ सकते हैं और बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना कर सकते हैं. तकनीक जीवन में कितना परिवर्तन ला सकती है, कोरोना काल खंड में इस बात को हम सभी ने महसूस किया है. यू-राइज पोर्टल का लोकार्पण और दीन दयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के तहत नवीन कार्याें का शिलान्यास यह दिखाते हैं कि बड़ी से बड़ी चुनौतियां भी हमारे कार्याें में बाधा नहीं बन सकती हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध एक बड़ी कार्रवाई को तकनीक के माध्यम से आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है. बहुत सारे लोगों ने फर्जी डिग्री लेकर नौकरियां हासिल कर लीं. वर्षाें से यह मामला चलता आ रहा था. तकनीक के माध्यम से उन्हें ट्रैक करके उन लोगों पर समुचित कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि यू-राइज पोर्टल के माध्यम से किसी भी छात्र-छात्रा के बारे में किसी संस्था या संस्थान को जानकारी प्राप्त करना हो तो वह आसानी से प्राप्त कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि इस पोर्टल से 20 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यू-राइज पोर्टल किसी भी विद्यार्थी के पूरे जीवन चक्र को लेकर चल रहा है. विद्यार्थी के प्रवेश, उनके पाठ्यक्रम, प्रैक्टिकल, शुल्क, परीक्षा और परिणाम को प्रस्तुत करने के साथ ही आने वाले समय में उनके रोजगार एवं नौकरी को भी इससे जोड़ने में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर तकनीक नहीं होती तो इस सदी की सबसे बड़ी कोरोना महामारी मानवता के लिए एक बड़ा संकट खड़ा कर देती. उन्होंने प्रधानमंत्री के विजन को सैल्यूट करते हुए कहा कि तकनीक के माध्यम से ही बिना भ्रष्टाचार के लाभार्थी को जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा सकता है. उन्होंने जनधन खाते का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे करोड़ों लोगों को डीबीटी के माध्यम से लाभ पहुंचाया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण पिछले छह महीनों से शिक्षण संस्थान बंद चल रहे हैं. इस दौरान भी शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जा रही है. यह भी तकनीक से ही सम्भव हुआ है. तकनीक को लेकर लोगों में नई रुचि देखने को मिली है. लोग स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ आगे बढ़ रहे हैं, जो समाज के लिए एक अच्छा संकेत है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोक भवन में यू-राइज पोर्टल लाॅन्च किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में प्रदेश के तकनीकी संस्थाओं के उन्नयन की दृष्टि से दीन दयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया था, उसके दूसरे चरण के इस अभियान के साथ आज हम जुड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 आजादी के बाद शिक्षा क्षेत्र में सुधार का सबसे बड़ा अभियान है. यह हमें केवल सैद्धान्तिक ज्ञान तक सीमित नहीं रखेगा, बल्कि यह छात्र-छात्राओं को व्यावहारिक और तकनीकी ज्ञान से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनने जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने यू-राइज पोर्टल के लाॅन्च और दीन दयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के अन्तर्गत चेक वितरण एवं नवीन कार्यों के शिलान्यास कार्यक्रम को सम्बोधित किया. उन्होंने कहा कि यू-राइज पोर्टल एक यूनिफाइड पोर्टल है. यह पोर्टल प्राविधिक, व्यावसायिक और कौशल विकास से जुड़े छात्र-छात्राओं के साथ ही उनके जितने भी विशेषज्ञ हैं, उन सबको एक प्लेटफार्म उपलब्ध करा रहा है. इसमें विद्यार्थियों के जीवन चक्र को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां देश का पहला एकीकृत पोर्टल लागू हुआ है. यह अन्य राज्यों के लिए भी एक मानक बनेगा. उन्होंने कहा कि हम सब तकनीक से जुड़कर ही आगे बढ़ सकते हैं और बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना कर सकते हैं. तकनीक जीवन में कितना परिवर्तन ला सकती है, कोरोना काल खंड में इस बात को हम सभी ने महसूस किया है. यू-राइज पोर्टल का लोकार्पण और दीन दयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के तहत नवीन कार्याें का शिलान्यास यह दिखाते हैं कि बड़ी से बड़ी चुनौतियां भी हमारे कार्याें में बाधा नहीं बन सकती हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध एक बड़ी कार्रवाई को तकनीक के माध्यम से आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है. बहुत सारे लोगों ने फर्जी डिग्री लेकर नौकरियां हासिल कर लीं. वर्षाें से यह मामला चलता आ रहा था. तकनीक के माध्यम से उन्हें ट्रैक करके उन लोगों पर समुचित कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि यू-राइज पोर्टल के माध्यम से किसी भी छात्र-छात्रा के बारे में किसी संस्था या संस्थान को जानकारी प्राप्त करना हो तो वह आसानी से प्राप्त कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि इस पोर्टल से 20 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यू-राइज पोर्टल किसी भी विद्यार्थी के पूरे जीवन चक्र को लेकर चल रहा है. विद्यार्थी के प्रवेश, उनके पाठ्यक्रम, प्रैक्टिकल, शुल्क, परीक्षा और परिणाम को प्रस्तुत करने के साथ ही आने वाले समय में उनके रोजगार एवं नौकरी को भी इससे जोड़ने में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर तकनीक नहीं होती तो इस सदी की सबसे बड़ी कोरोना महामारी मानवता के लिए एक बड़ा संकट खड़ा कर देती. उन्होंने प्रधानमंत्री के विजन को सैल्यूट करते हुए कहा कि तकनीक के माध्यम से ही बिना भ्रष्टाचार के लाभार्थी को जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा सकता है. उन्होंने जनधन खाते का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे करोड़ों लोगों को डीबीटी के माध्यम से लाभ पहुंचाया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण पिछले छह महीनों से शिक्षण संस्थान बंद चल रहे हैं. इस दौरान भी शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जा रही है. यह भी तकनीक से ही सम्भव हुआ है. तकनीक को लेकर लोगों में नई रुचि देखने को मिली है. लोग स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ आगे बढ़ रहे हैं, जो समाज के लिए एक अच्छा संकेत है.

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