लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास में कोविड संक्रमण को देखते हुए टीम-9 के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. बैठक में उन्होंने कहा कि सावधानी और सतर्कता ही कोविड नियंत्रण का आधार है. इस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं. मास्क के प्रयोग, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन इत्यादि से इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण दिखें, उन्हें होम आइसोलेशन में रखते हुए इलाज किया जाए और उनकी निरन्तर मॉनीटरिंग की जाए. कोमॉर्बिड मरीजों, बुजुर्गाें और बच्चों को संक्रमण से बचाने पर विशेष ध्यान दिया जाए, यदि वे संक्रमित हों तो उनके इलाज की प्रक्रिया मॉनीटर की जाए. उन्हें फौरन मेडिसिन किट उपलब्ध करायी जाए. संक्रमण के को देखते हुए आवश्यकतानुसार मिनी कंटेनमेन्ट जोन और कंटेनमेन्ट जोन की व्यवस्था बहाल करने पर विचार किया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को इस संक्रमण के विषय में संतुलित जानकारी दी जाए, ताकि उनमें पैनिक न क्रिएट हो. यह संक्रमण कम तीव्रता वाला है, अतः इसके लक्षण दिखने पर सामान्य मरीज होम आइसोलेशन में रहकर चिकित्सक की सलाह से अपना इलाज कर सकता है. यह संक्रमण वायरल फीवर की तरह है, अतः इससे डरने की आवश्यकता नहीं है, परन्तु सभी एहतियात अवश्य बरते जाएं. मरीज की जांच कराने के उपरान्त चिकित्सक द्वारा निर्दिष्ट इलाज होम आइसोलेशन में शुरू कर दिया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण के मद्देनजर सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ न लगायी जाए. जिन क्षेत्रों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है वहां सैनिटाइजेशन और साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था की जाए. सभी जनपदों में साफ-सफाई की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. आवश्यतानुसार सैनिटाइजेशन भी किया जाए. बदलती परिस्थितियों में व्यापक जनहित के दृष्टिगत स्वास्थ्य विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार नवीन कोविड गाइडलाइंस जारी की गई है, इनका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि निगरानी समितियां और इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर्स को पूरी तरह सक्रिय किया जाए. निगरानी समितियां अपना कार्य प्रभावी ढंग से करें. गांवों में प्रधान के नेतृत्व में और शहरी वार्डाें में पार्षदों के नेतृत्व में निगरानी समितियां क्रियाशील रहें. निगरानी समितियां घर-घर संपर्क कर बिना टीकाकरण वाले लोगों की सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएं, ताकि उन्हें वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा सके.
सीएम योगी ने ने कहा कि सभी आईसीसीसी में डॉक्टर्स का पैनल तैनात करते हुए लोगों को टेली कन्सल्टेशन की सुविधा उपलब्ध करायी जाए. जरूरत के मुताबिक लोगों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए. कोविड के उपचार में उपयोगी जीवनरक्षक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए. मुख्यमंत्री को बैठक में अवगत कराया गया कि बीते 24 घंटों में 02 लाख 19 हजार 256 कोरोना टेस्ट किये गये, जिसमें 4,310 लोग कोरोना पॉजिविट पाए गये। इसी अवधि में 119 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि टीके की उपयोगिता को देखते हुए जल्द से जल्द सभी पात्र लोगों का वैक्सीनेशन किया जाए, अधिकाधिक स्कूलों में विशेष शिविर लगाए जाएं. बैठक के दौरान अवगत कराया गया कि कोविड से बचाव के लिए अति महत्वपूर्ण टीकाकरण का कार्य प्रदेश में सुचारू रूप से चल रहा है. गत दिवस तक 15 वर्ष से अधिक आयु के 13 करोड़ 17 लाख से अधिक लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है, जबकि 07 करोड़ 68 लाख से अधिक लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं. विगत दिवस 15 से 18 आयु वर्ग के किशोरों के कोविड टीकाकरण में 04 लाख 16 हजार से अधिक किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है.
बैठक में चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल, पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव नगर विकास रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.