लखनऊ: विधान परिषद के सभापति रमेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधान परिषद उत्तर प्रदेश के सौन्दर्यीकरण कार्यों का लोकार्पण और चित्र वीथिका का उद्घाटन किया. उन्होंने विधान परिषद के वर्तमान सदस्यों की पट्टिका का अनावरण भी किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है. सर्वाधिक सदस्य संख्या के साथ यूपी का विधान मंडल देश का सबसे बड़ा विधान मंडल है.
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विधान परिषद के मा. सभापति श्री रमेश यादव जी तथा मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी महाराज ने आज विधान परिषद के सौन्दर्यीकरण कार्यों का लोकार्पण एवं चित्र वीथिका का उद्घाटन किया।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) January 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
महाराज जी ने विधान परिषद के वर्तमान सदस्यों की पट्टिका का भी अनावरण किया। pic.twitter.com/rBMsdB5eml
">विधान परिषद के मा. सभापति श्री रमेश यादव जी तथा मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी महाराज ने आज विधान परिषद के सौन्दर्यीकरण कार्यों का लोकार्पण एवं चित्र वीथिका का उद्घाटन किया।
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महाराज जी ने विधान परिषद के वर्तमान सदस्यों की पट्टिका का भी अनावरण किया। pic.twitter.com/rBMsdB5emlविधान परिषद के मा. सभापति श्री रमेश यादव जी तथा मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी महाराज ने आज विधान परिषद के सौन्दर्यीकरण कार्यों का लोकार्पण एवं चित्र वीथिका का उद्घाटन किया।
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सीएम योगी ने कहा कि विधान मंडल लोकतंत्र का मंदिर और आस्था का केंद्र है. राज्य के इस उच्च सदन में सौन्दर्यीकरण के लिए किए गए कार्य सराहनीय हैं. उत्तर प्रदेश की विधान परिषद का इतिहास अत्यन्त गौरवशाली है. 5 जनवरी, 1887 को विधान परिषद का गठन किया गया था. उस समय उत्तर प्रदेश को ‘उत्तर पश्चिम प्रान्त और अवध प्रान्त’ के नाम से जाना जाता था.
विधान परिषद का इतिहास समृद्ध रहा है
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान परिषद के 1887 से अब तक की यात्रा का अपना एक समृद्ध इतिहास रहा है. वर्ष 1937 में अपने गठन के पश्चात विधान परिषद की प्रथम बैठक तत्कालीन परिषद भवन के एक समिति कक्ष में हुई थी. उसी समय ही विधान परिषद के लिए एक अलग मंडल का निर्माण प्रारम्भ कर दिया गया था, जो वर्ष 1937 में तैयार हो गया. दिनांक 31 जुलाई, 1937 को विधान परिषद ने अपनी प्रथम बैठक इसी मंडल में की गयी थी. अगले 15 से 17 वर्षाें में यह विधान परिषद भवन अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण कर रहा होगा. प्रदेश की विधान परिषद ने देश और दुनिया को एक समृद्ध विरासत दी है.
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आज लखनऊ में विधान परिषद के नवीनीकृत भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में मा• मुख्यमंत्री @myogiadityanath जी, मा• सभापति जी एवं मा• सदस्यगण के साथ प्रतिभाग किया। pic.twitter.com/kHT82SenM6
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महत्वपूर्ण लोगों का सदन से रहा है जुड़ाव
सीएम योगी आदित्यनाथने कहा कि इस विधान परिषद से महामना पं. मदन मोहन मालवीय, पूर्व मुख्यमंत्री पं. गोविन्द बल्लभ पंत, पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. सम्पूर्णानन्द, सर तेज बहादुर सप्रू, प्रख्यात कवियित्री महादेवी वर्मा आदि का इस सदन से जुड़ाव रहा है. विधान परिषद की प्रथम बैठक थाॅर्न हिल मेमोरियल हाॅल, प्रयागराज में हुई थी. विधान परिषद में सामान्यतः विधान सभा द्वारा पारित विधेयक ही प्रस्तुत किए जाते हैं. सन 1950 से विधान परिषद द्वारा पारित किए गए अधिनियमों में 7 जनवरी, 1950 को पारित ‘उत्तर प्रदेश भाषा विधेयक’ सम्मिलित है.
लोकतंत्र में संवाद की भूमिका महत्वपूर्ण
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में संवाद की महत्वपूर्ण भूमिका है. वर्ष 2019 में बापू की 150वीं जयन्ती के अवसर पर सतत विकास लक्ष्य पर चर्चा के लिए 36 घंटे तक राज्य विधान मंडल चला था. 100 सदस्यीय इस विधान परिषद में भी सतत विकास लक्ष्यों पर चर्चा की गई थी. इस चर्चा का उद्देश्य था कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को लाभान्वित किया जा सके.
लोकार्पित चित्र वीथिका हम सबको प्रेरणा प्रदान करेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान परिषद में लोकार्पित चित्र वीथिका हम सबको प्रेरणा प्रदान करेगी. चित्र वीथिका में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर सावरकर के चित्र को देखकर उन्होंने कहा कि "स्व. सावरकर का व्यक्तित्व प्रत्येक भारतवासी के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है. सावरकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के साथ-साथ एक बहुत बड़े दार्शनिक, लेखक और कवि भी थे." मुख्यमंत्री ने कहा कि "प्रदेश सरकार द्वारा 4 फरवरी 2021 से 4 फरवरी 2022 तक चौरीचौरा के शताब्दी वर्ष के दौरान विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, विधान परिषद सदस्य स्वतंत्रदेव सिंह सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे.