लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित अधिकारियों को नोएडा में सुपरटेक (Supertech) द्वारा बनाए गए ट्विन टावरों के निर्माण में कथित अनियमितता के आरोपी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. सुपरटेक एमेराल्ड केस (Supertech emerald court demolition case) में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि सुपरटेक के ट्विन टॉवर्स को गिराया जाएगा. सुपरटेक के ये दोनों ही टॉवर 40-40 मंजिला हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ये टॉवर नोएडा अथॉरिटी और सुपटेक की मिलीभगत से बने थे.
सीएम योगी ने कहा कि सीएम योगी ने आदेश देते हुए कहा है कि नोएडा के सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट बिल्डर के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कराया जाएगा, 2004 से लापरवाही चल रही थी. शासन स्तर से विशेष जांच समिति गठित कर उक्त प्रकरण की गहन जांच कराई जानी चाहिए. एक-एक दोषी अधिकारी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी. जरूरत पड़ने पर आपराधिक केस भी दर्ज किया जाए.
कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि सुपरटेक अपने ही पैसों से इनको तीन महीने के अंदर तोड़े साथ ही खरीददारों की रकम ब्याज समेत लौटाए. इधर, अथॉरिटी ने अपनी सफाई में कहा है कि कार्रवाई होगी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये फ्लैट्स बिल्डर और नोएडा अथॉरिटी की 'नापाक' मिलीभगत की वजह से बने, जिनकी मंजूरी योजना का RWA तक को नहीं पता था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुपरटेक के T16 और T 17 टॉवर्स को बनाने से पहले फ्लैट मालिक और RWA की मंजूरी ली जानी जरूरी थी. साथ ही जब इस नोटिस निकाला गया कि न्यूनतम दूरी की आवश्यकताओं के नियम को तोड़ा गया है तो भी कोई एक्शन नहीं लिया गया. कोर्ट ने माना कि बिल्डर ने मंजूरी मिलने से पहले ही काम शुरू कर दिया था, लेकिन फिर भी नोएडा अथॉरिटी ने कोई एक्शन नहीं लिया.