लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के लिये सहायक अध्यापकों और प्रवक्ताओं को नियुक्ति पत्र वितरित किया. लखनऊ के लोकभवन में आयोजित समारोह में करीब 200 शिक्षकों को आमंत्रित किया गया था. लोक सेवा आयोग से चयनित 2846 सहायक अध्यापकों और प्रवक्ताओं (667 एलटी ग्रेड और 179 प्रवक्ताओं) को जॉइनिंग लेटर दिया गया है. इनमें से 200 शिक्षकों को लोकभवन में और बाकी बचे हुए शिक्षकों को उनके जिले में ही सांसद और मंत्रियों द्वारा नियुक्ति पत्र दिया गया.
नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि आज 2846 शिक्षक चयनित होकर जाएंगे. लेकिन किसी भी शिक्षक को पूरी प्रक्रिया में कहीं भी सिफारिश कराने की जरूरत नहीं आई होगी. सरकार ने प्रयास किया कि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को तेज करते हुए रिक्तियों को पूरी तरह भरें. प्रदेश में इस दौरान उच्च, माध्यमिक, बेसिक और तकनीकी शिक्षा के लगभग 1.5 लाख पद भरे गए. सभी नवचयनित शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन मेरिट के आधार पर विद्यालय भी चयन करके उपलब्ध कराए हैं.
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है. 2017 से पहले पारदर्शी व्यवस्था नहीं थी लिहाजा प्रतिभागी निराश रहता था. पिछले 15 से 20 सालों में कभी इतनी नियुक्तियां नहीं हुईं, जितनी नियुक्तियां हमारे साढ़े चार साल के कार्यकाल में हुई हैं. प्रदेश के अंदर कानून-व्यवस्था की बेहतर स्थिति की वजह से देश के अलावा विदेश में भी उत्तर प्रदेश की छवि बदली है. लोगों को लगता है कि अब प्रदेश सुरक्षित है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों को इस बात का भी भरोसा है कि अब यहां कोई धन उगाही नहीं कर सकता. प्रदेश के अंदर प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है. उत्तर प्रदेश देश में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में सामने आया है, जबकि 2017 से पहले प्रदेश अर्थव्यवस्था के मामले में छठवें नंबर पर था. यह वही प्रदेश है जहां से नौजवान भागता था. यहां उन्हें संभावनाएं नहीं दिखती थीं. आज हालात बदले हैं, नौजवान प्रदेश में ही निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से सरकारी नौकरी मिल रही हैं. आज प्रदेश के परंपरागत उद्योग ओडीओपी के जरिए देश से लेकर विदेश तक अपनी पहचान बना रहे हैं और प्रदेश को विकास के मार्ग पर आगे ले जा रहे हैं.
इस मौके पर डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने बताया कि कैसे उत्तर प्रदेश में नकल रोकने में सफलता मिली. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार रोजगार देने में और शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में लगातार काम कर रही है. बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विकास पुरुष पहले से ही कहा जा रहा है, लेकिन अब उन्हें रोजगार पुरुष के रूप में जाना जाएगा. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले साढे चार सालों में करीब पांच लाख नौकरियां दी हैं. अकेले बेसिक शिक्षा विभाग में ही सवा लाख युवाओं को नौकरी दी गई है.
ऐसा पहली बार हुआ है कि यूपी सरकार ने एलटी ग्रेड एग्जाम की जिम्मेदारी लोक सेवा आयोग को सौंपी है. सहायक अध्यापकों भर्ती का फैसला रिटेन एग्जाम से लिया गया. इसके लिए परीक्षा 2018 में हुई थी. बताया जा रहा है कि नियुक्त होने वाले नए शिक्षों को इच्छा के अनुसार जिले और स्कूल का चयन करने का अधिकार दिया जा रहा है.
इससे पहले राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के विभिन्न विषयों में रिक्त सहायक अध्यापकों के 10768 शिक्षक भर्ती में चयनित अध्यापकों को दो चरणों में ऑनलाइन माध्यम से नियुक्ति पत्र बांटे जा चुके हैं. पहले चरण में 3,317 शिक्षकों और दूसरे चरण में 436 एलटी ग्रेड और प्रवक्ताओं को नियुक्ति पत्र वितरित कर चुका हैं. तीसरे चरण में सीएम योगी ने 2667 एलटी ग्रेड और 179 प्रवक्ताओं को नियुक्ति पत्र दिया.