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सीएम योगी ने MSME इकाइयों को 10,390 करोड़ का लोन वितरित किया

राजधानी लखनऊ में ऑनलाइन स्वरोजगार मेला का आयोजन किया गया. इस दौरान तीन लाख 54 हजार MSME इकाइयों को 10 हजार 390 करोड़ रुपये के ऋण बांटे गये. कारीगरों को इस दौरान टूलकिट भी दिए गए.

सीएम योगी आदित्यनाथ
सीएम योगी आदित्यनाथ
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Published : Dec 3, 2020, 2:55 PM IST

लखनऊ : ऑनलाइन स्वरोजगार मेले में तीन लाख 54 हजार एमएसएमई इकाइयों को 10 हजार 390 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया. लोन मेले का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल माध्यम से किया. इस मौके पर सांकेतिक रूप से उन्होंने कुछ लोगों को ऋण भी वितरित किए. इसके साथ ही कारीगरों को टूलकिट भी दिए गए. प्रदेश की इकोनॉमी को मजबूती प्रदान करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

5 हजार लोगों को टूल किट बांटे गए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 10,390 करोड़ रुपये का लोन वितरित करने के साथ ही एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत कारीगरों के स्किल डेवलपमेंट के लिए कार्य किए गए हैं. उन सभी लोगों को नि:शुल्क टूलकिट भी शासन स्तर पर उपलब्ध कराई जा रही है. प्रदेश के सभी जिलों में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर पांच हजार लोगों को टूल किट बांटा गया है.

सीएम योगी ने क्या कहा


सीएम योगी ने कहा कि यह प्रदेश के उद्योग को गति देने के लिए, लोगों के जीवन में खुशहाली लाने और प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों का एक हिस्सा है. योगी ने कहा कि मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि कोविड-19 के दौरान प्रदेश में वृहद स्तर पर कार्य प्रारंभ किया गया. भारत सरकार की योजनाओं को हाथों-हाथ लेकर उसका लाभ प्रदेश के एमएसएमई इकाइयों को देने का कार्यक्रम किया गया. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ से अधिक के आर्थिक पैकेज की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. केंद्र सरकार की तरफ से एमएसएमई सेक्टर के लिए तीन लाख करोड़ रुपये का पैकेज सुनिश्चित किया गया. प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के दौरान प्रदेश में आए कामगार, श्रमिक और अन्य प्रवासी मजदूरों के स्वावलंबन के लिए कार्यक्रम प्रारंभ किया. केंद्र और राज्य सरकार की तमाम योजनाओं से उन्हें जोड़ा गया.



20 लाख एमएसएमई इकाइयों को लोन का लक्ष्य

अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना नवनीत सहगल ने कहा कि छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उन्हें लोन दिलाया जा रहा है ताकि उनका रोजगार स्थापित हो सके और प्रदेश की उन्नति हो. प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा हो. इस उद्देश्य के साथ हम लोग काम कर रहे हैं. इस वर्ष 20 लाख नई एमएसएमई को वित्त पोषित करने का लक्ष्य बैंकर्स के साथ मीटिंग में रखा गया था. इससे 60 से 80 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.


अब तक लोन के लिए चार मेले हुए आयोजित

पहला कैंप मई में हुआ था, दूसरा कैंप जून में, तीसरा अगस्त में और चौथा ऋण मेला आज आयोजित किया गया. प्रदेश में अब तक साढ़े छह लाख नई एमएसएमई इकाइयों और पुरानी चार लाख 37 हजार इकाइयों को लोन दिया गया है. आज के मेले को मिलाकर 10 लाख 85 हजार इकाइयों को लोन वितरित कर दिया जाएगा. आधे लक्ष्य पर पहुंचे हैं. बैंकर्स से मिलकर 20 लाख के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भी काम किया जा रहा है.

लखनऊ : ऑनलाइन स्वरोजगार मेले में तीन लाख 54 हजार एमएसएमई इकाइयों को 10 हजार 390 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया. लोन मेले का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल माध्यम से किया. इस मौके पर सांकेतिक रूप से उन्होंने कुछ लोगों को ऋण भी वितरित किए. इसके साथ ही कारीगरों को टूलकिट भी दिए गए. प्रदेश की इकोनॉमी को मजबूती प्रदान करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

5 हजार लोगों को टूल किट बांटे गए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 10,390 करोड़ रुपये का लोन वितरित करने के साथ ही एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत कारीगरों के स्किल डेवलपमेंट के लिए कार्य किए गए हैं. उन सभी लोगों को नि:शुल्क टूलकिट भी शासन स्तर पर उपलब्ध कराई जा रही है. प्रदेश के सभी जिलों में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर पांच हजार लोगों को टूल किट बांटा गया है.

सीएम योगी ने क्या कहा


सीएम योगी ने कहा कि यह प्रदेश के उद्योग को गति देने के लिए, लोगों के जीवन में खुशहाली लाने और प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों का एक हिस्सा है. योगी ने कहा कि मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि कोविड-19 के दौरान प्रदेश में वृहद स्तर पर कार्य प्रारंभ किया गया. भारत सरकार की योजनाओं को हाथों-हाथ लेकर उसका लाभ प्रदेश के एमएसएमई इकाइयों को देने का कार्यक्रम किया गया. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ से अधिक के आर्थिक पैकेज की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. केंद्र सरकार की तरफ से एमएसएमई सेक्टर के लिए तीन लाख करोड़ रुपये का पैकेज सुनिश्चित किया गया. प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के दौरान प्रदेश में आए कामगार, श्रमिक और अन्य प्रवासी मजदूरों के स्वावलंबन के लिए कार्यक्रम प्रारंभ किया. केंद्र और राज्य सरकार की तमाम योजनाओं से उन्हें जोड़ा गया.



20 लाख एमएसएमई इकाइयों को लोन का लक्ष्य

अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना नवनीत सहगल ने कहा कि छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उन्हें लोन दिलाया जा रहा है ताकि उनका रोजगार स्थापित हो सके और प्रदेश की उन्नति हो. प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा हो. इस उद्देश्य के साथ हम लोग काम कर रहे हैं. इस वर्ष 20 लाख नई एमएसएमई को वित्त पोषित करने का लक्ष्य बैंकर्स के साथ मीटिंग में रखा गया था. इससे 60 से 80 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.


अब तक लोन के लिए चार मेले हुए आयोजित

पहला कैंप मई में हुआ था, दूसरा कैंप जून में, तीसरा अगस्त में और चौथा ऋण मेला आज आयोजित किया गया. प्रदेश में अब तक साढ़े छह लाख नई एमएसएमई इकाइयों और पुरानी चार लाख 37 हजार इकाइयों को लोन दिया गया है. आज के मेले को मिलाकर 10 लाख 85 हजार इकाइयों को लोन वितरित कर दिया जाएगा. आधे लक्ष्य पर पहुंचे हैं. बैंकर्स से मिलकर 20 लाख के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भी काम किया जा रहा है.

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