लखनऊ: यूपी में पांच साल संविदा पर नियुक्ति के बाद सरकारी नौकरी दिए जाने के प्रस्ताव का खूब विरोध हो रहा है. छात्र सड़कों पर हैं, वहीं आम जनता सरकार के इस फैसले को मनमानी बता रही है. विरोध प्रदर्शन और युवाओं की नाराजगी से चिंतित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोजगार दिए जाने को लेकर सक्रिय हो गए हैं.
छह महीने में बांटे जाएं नियुक्ति पत्र
शुक्रवार को सीएम योगी ने एक उच्च स्तरीय बैठक की. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपर मुख्य सचिव से तत्काल विभागों में खाली रिक्त पदों का ब्यौरा मांगा है. उन्होंने कहा कि अब तक हुई तीन लाख भर्तियों की तरह पारदर्शी तरीके से अगले तीन महीनों में यूपी में खाली पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कराई जाए और छह महीने में युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे जाएं.
पारदर्शिता से होगी भर्ती
सीएम योगी जल्द ही सभी भर्ती आयोग और भर्ती बोर्ड के चेयरमैन के साथ बैठक करके नियुक्त प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और जल्द से जल्द नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा कराने को लेकर दिशा-निर्देश देंगे. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि जिस प्रकार यूपी लोक सेवा आयोग एवं अन्य सरकारी भर्तियां हुई हैं उसे पारदर्शी व निष्पक्ष तरीके से तेजी से कराई जाए सभी भर्तियों को पूरी तरह से जल्द से जल्द भरने का काम कराया जाएं.
युवाओं की नाराजगी दूर करने की कोशिश
कोई बड़ी सरकारी भर्तियों में 1 लाख 37 हजार पुलिस की भर्ती और 50 हजार शिक्षकों की भर्ती हो चुकी है. एक लाख से अधिक अन्य विभागों में भी भर्ती हो चुकी है. इसी प्रकार के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए. योगी सरकार 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में युवाओं को नौकरी देकर उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश में जुट गई है. इसीलिए सरकार ने सभी रिक्त पदों पर नियुक्त करने को लेकर अब प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं.