लखनऊ: प्रदेश की पुलिस को बेहतर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है. अपर पुलिस महानिदेशक स्थापना पीयूष आनंद ने पत्र जारी कर 50 साल की उम्र वाले पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है. इसमें अनफिट पाए जाने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा. इससे 50 वर्ष से अधिक के पुलिस कर्मचारियों में भय व्याप्त है.
सीएम योगी के रुख के बाद पुलिस महकमे में मचा हड़कंप
- पुलिस विभाग की ओर से जारी किए गए पत्र के बाद पुलिस कर्मचारियों में खासा चर्चा हो रही है.
- पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रुख के बाद पुलिस कर्मचारी दबाव महसूस कर रहे थे.
- पत्र जारी कर देने के बाद पुलिस विभाग के कर्मचारियों में असुरक्षा का माहौल है.
- आला अधिकारी व सरकार के खिलाफ कर्मचारी खुलकर तो कुछ बोलने को तैयार नहीं है.
- दबी जुबान से कर्मचारी यह जरूर कह रहे हैं कि पूरी जिंदगी विभाग के नाम करने पर उन्हें अंतिम समय में इस तरीके से असुरक्षित कर देना ठीक नहीं है.
पहले भी लागू था नियम
- लंबे समय से पुलिस विभाग में यह नियम मौजूद है, लेकिन इसका पालन कभी भी इस तरीके से नहीं किया गया.
- प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद इस नियम को मजबूती से लागू किया जा रहा है.
- पत्र जारी कर 50 वर्ष से अधिक कर्मचारियों की जानकारी तलब की गई है.
- इस बार कर्मचारियों के लिए फरमान इसलिए डराने वाला है क्योंकि प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ पुलिस को लेकर काफी गंभीर नजर आ रहे हैं.
यह नियम कोई नया नहीं है. लंबे समय से इस नियम को विभाग फॉलो करते हुए आ रहा है और काफी हद तक यह नियम ठीक भी है. अभी तक इस नियम पर किसी का ध्यान नहीं जाता था, लेकिन योगी सरकार ने पुलिसिंग को बेहतर करने के लिए इस ओर ध्यान दिया है .
बृजलाल, पूर्व डीजीपी, यूपी
- डीआईजी विजय भूषण को स्पष्ट करना पड़ा कि विभाग 50 वर्ष की उम्र से अधिक कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के लिए स्क्रीनिंग कराएगा.
- इसके लिए 30 जून तक जानकारियां एकत्र की जाएंगी.
- इसके लिए एसएसपी, आईडी व विभाग के आला अधिकारियों को पत्र जारी कर सूचनाएं उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है.
स्क्रीनिंग में जिन कर्मचारियों को आपराधिक मामलों सहित भ्रष्टाचार खत्म करने और कार्य में रुचि लेते हुए नहीं पाया जाएगा, उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें सेवानिवृत्त किया जाएगा.