लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष यहां लोक भवन में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति 2023 के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण किया गया. प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 6 वर्षों के दौरान प्रदेश में सुनियोजित शहरीकरण तेजी से बढ़ा है. भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इसे और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. इसके साथ ही नई कॉलोनियां बसाने के लिए अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति की जमीन लेने के लिए जिलाधिकारी की अनुमति लेना अनिवार्य नहीं होगा. सीएम ने फिलहाल इसकी सैद्धांतिक सहमति दी है. इस बारे में आने वाले समय में आवास विकास विभाग से इसको लेकर शासनादेश कैबिनेट से मंजूरी दी जाएगी. साढ़े 12 एकड़ में नई टाउनशिप बसाने की सरकार अनुमति देने की तैयारी कर रही है.
प्रदेश सरकार नगरीय क्षेत्रों के सुव्यवस्थित विकास तथा इनमें ईज ऑफ लिविंग का स्तर बढ़ाने के लिए प्रभावी प्रयास कर रही है. शहरों के नियोजित एवं सुस्थिर विकास के लिए आवास एवं उससे सम्बद्ध अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध कराना तथा समाज के विभिन्न वर्गों को उनकी आर्थिक क्षमतानुसार आवास की सुविधा मुहैया कराना आवश्यक है. नई टाउनशिप नीति के निर्धारण के पूर्व पहले की नीतियों का पुनरावलोकन कर उनके क्रियान्वयन में बाधक बिन्दुओं का अध्ययन एवं निराकरण कर लिया जाए. इस कार्य में अन्य राज्यों की नीतियों का अध्ययन करते हुए उनके उपयोगी प्राविधानों का अंगीकरण किया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति में यह ध्यान रखा जाए कि विकसित की जाने वाली टाउनशिप में सभी भौतिक और सामाजिक अवस्थापना सुविधाओं के साथ-साथ रहने, कार्य करने तथा मनोरंजन सुविधाओं का एकीकृत रूप से प्राविधान हो. टाउनशिप में विकसित किए जाने वाले पार्कां/हरित पट्टियों में बागवानी के लिए जल संरक्षण के दृष्टिगत टर्शरी ट्रीटेड जल का उपयोग किया जाए. पार्कों के पास शॉपिंग कॉम्पलेक्स, पुलिस स्टेशन तथा पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था हो, जिससे पार्क में आने वाले लोगों को सुरक्षा की अनुभूति हो तथा उन्हें आवश्यकतानुसार शॉपिंग की सुविधा भी मिले.
नगरों के नियोजन में स्थानीय सम्भावनाओं के अनुरूप आर्थिक गतिविधियों के विकास का प्राविधान किया जाए. सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को शहर के विकास से जोड़ा जाए. टाउनशिप के नियोजन में सॉलिड वेस्ट डिस्पोजल के सम्बन्ध में 'नेट जीरो वेस्ट' का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए. नगर नियोजन की कार्यवाही 'कार्बन न्यूट्रल' के सिद्धान्त के आधार पर की जाए. जनपद अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मन्दिर बन रहा है. देश के विभिन्न राज्यों की सरकारों तथा धार्मिक संगठनों द्वारा अयोध्या में अपने भवन/आश्रम/धर्मशाला आदि के निर्माण के लिए भूमि के लिए अनुरोध किया जा रहा है. आवंटन की कार्यवाही को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि आवंटित की जाने वाली भूमि के लिए बेहतर कनेक्टिविटी का प्राविधान किया जाए. इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण सहित आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
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