लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं. सीएम योगी ने निर्देशित किया है कि जिन डिफाल्टर चीनी मिलों द्वारा अभी तक पेराई सत्र 2022-23 का गन्ना मूल्य भुगतान नहीं किया है, उनके गन्ना मूल्य का भुगतान प्राथमिकता पर कराया जाए. गन्ना मूल्य भुगतान न करने वाली चीनी मिलों के विरुद्ध वसूली प्रमाण-पत्र जारी करते हुए गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित कराया जाए. मुख्यमंत्री के सख़्त दिशा निर्देश के बाद बजाज समूह द्वारा पेराई सत्र 2022-23 के गन्ना मूल्य के एकमुश्त 1,371 करोड़ रुपये की धनराशि अपनी चीनी मिलों से सम्बद्ध किसानों के खातों में विगत 24 घंटों में भेजी गई है. बजाज समूह की चीनी मिलों से सम्बद्ध लगभग 5.25 लाख गन्ना किसानों के खातों में बकाया गन्ना मूल्य की धनराशि पहुंचने से किसानों को बड़ी राहत मिली है.
इन चीनी मिलों से किसानों को भुगतान : बजाज समूह की चीनी मिलों द्वारा जारी की गई धनराशि के अन्तर्गत चीनी मिल गागनौली सहारनपुर द्वारा 98 करोड़ रुपये, थाना भवन शामली द्वारा 142 करोड़ रुपये, भैसाना मुजफ्फरनगर द्वारा 112 करोड़ रुपये, किनौनी मेरठ द्वारा 180 करोड़ रुपये, बिलाई बिजनौर द्वारा 90 करोड़ रुपये, बरखेड़ा पीलीभीत द्वारा 93 करोड़ रुपये, मकसूदापुर शाहजहांपुर द्वारा 68 करोड़ रुपये, कुंदरखी गोंडा द्वारा 82 करोड़ रुपये, गोला गोकर्णनाथ लखीमपुरखीरी द्वारा 185 करोड़ रुपये, पलियाकलां लखीमपुरखीरी द्वारा 157 करोड़ रुपये, खम्भारखेड़ा लखीमपुरखीरी द्वारा 82 करोड़ रुपये, इटईमैदा बलरामपुर द्वारा 37 करोड़ रुपये, रुदौली बस्ती द्वारा 37 करोड़ रुपये तथा प्रतापपुर देवरिया द्वारा 10 करोड़ रुपये की धनराशि शामिल है.
गन्ना से जुड़े उत्पाद बेचकर भुगतान के निर्देश : मुख्यमंत्री ने गन्ना मूल्य भुगतान न करने वाली चीनी मिलों की चीनी व अन्य सह-उत्पादों की तेजी से बिक्री कर प्राथमिकता पर गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान कराए जाने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री के सख्त रुख के परिणामस्वरूप चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा अन्य बकायेदार समूह- राणा, यदु, ओसवाल, केसर, सिम्भावली, मोदी और शामली की चीनी मिलों में उपलब्ध चीनी स्टॉक, शीरा, बगास, खोई एवं अन्य सह-उत्पादों की तेजी से बिक्री कर प्राप्त धनराशि से गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित कराने हेतु चीनी मिलों एवं विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं. अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि यदि चीनी मिलें इन निर्देशों का अनुपालन नहीं करती हैं, तो उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करते हुए बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की वसूली हेतु वसूली प्रमाण-पत्र जारी करने की संस्तुति प्रेषित की जाए.
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