लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में अभ्युदय योजना के तहत यूपीएससी सहित विभिन्न परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों के लिए आयोजित सम्मान समारोह में शामिल हुए. इस अवसर पर सीएम ने कहा कि कोरोना के दौरान जो चुनौतियां आई थी, उसी को लेकर हमने सफलता का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अभ्युदय योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना से यूपीएससी में 23 अभ्यर्थियों का चुना जाना प्रदेश के लिए गौरव की बात है. इसके अलावा अभ्युदय संस्थान के माध्यम से यूपीएससी और अनुप्रति की परीक्षा में 100 से अधिक अभ्यर्थियों ने सफलता प्राप्त कर अपने आप में नया कीर्तिमान बनाया है.
95 अभ्यर्थियों को किया सम्मानितः सीएम ने कहा कि आज प्रदेश में अभ्युदय कोचिंग संस्था के अच्छे परिणाम दिखाई दे रहे हैं. इस संस्थान में नए चयनित आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, आईआईटी-जेईई और नीट से सफलता प्राप्त कर चुके अभ्यर्थी मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी से जुड़कर पढ़ा रहे हैं. इस संस्था से विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के विषय विशेषज्ञों को भी जोड़ा गया है. फिजिकली और वर्चुअल दोनों तरह की कक्षाएं संचालित कर रहे हैं. सीएम योगी ने आगे कहा कि अब सभी 75 जनपदों में संचालित इन संस्थाओं की गुणवत्ता को हमें और बेहतर करना है. कार्यक्रम में समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण और राज्य मंत्री संजीव बोर्ड भी मौजूद रहे. इस अवसर पर सीएम योगी ने संघ लोक सेवा आयोग के 23 और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के 95 अभ्यर्थियों को सफलता प्राप्त करने पर सम्मानित किया. इन सभी अभ्यर्थियों ने अभ्युदय कोचिंग से तैयारी कर सफलता प्राप्त की है.
2020 तक केवल 3 से 4 छात्रों का ही चयन हो पाता था
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि 1998 से लेकर 2020 तक समाज कल्याण विभाग कोचिंग चलाता था. उनके माध्यम से केवल 3-4 बच्चों का ही चयन हो पाता था. पहली बार सरकार द्वारा चलाई जा रही इस नि: शुल्क कोचिंग सेवा से संघ लोक सेवा आयोग में 23 और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में 95 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं. उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में संचालित एकलव्य विद्यालयों में पढ़ रहे विद्यार्थियों का चयन आईआईटी-जेईई, नीट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रहा है. उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग ने पिछले छह वर्ष के अंदर अनेक रचनात्मक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया है. 2015-16 में अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति अज्ञात कारणों से रोक दी गई थी. हमारी सरकार ने आते ही इसके लिए बजट निर्धारित किया और 2015-16 और 2016-17 की छात्रवृत्ति छात्रों भेजी गई. हमारी सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्र एवं छात्राओं को वर्ष में दो बार (26 जनवरी और दो अक्टबूर) छात्रवृत्ति दे रही है.
बीते दो वर्षों में 118 अभ्यर्थी हुए चयनित
इस अवसर पर समाज कल्याण राज्यमंत्री ( स्वतंत्र प्रभार.) असीम अरुण ने कहा कि कहा कि अभ्युदय योजना एक चेन रिएक्शन की तरह काम करती है. जो अभ्यर्थी चयनित हो, वो नियुक्ति के जनपदों में अभ्युदय कोचिंग को आगे बढ़ाएं, जिससे निजी कोचिंग संस्थानों पर निर्भरता कम हो. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा संचालित सर्वोदय विद्यालयों में भी अभ्युदय केद्रों का संचालन शुरू किया गया है. इन संस्थानों में सभी वर्गों के अभ्यर्थियों को विशेषज्ञों द्वारा ऑफ़लाइन व ऑनलाइन नि:शुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है.
इनका हुआ सम्मान
- कानपुर नगर निवासी कृतिका मिश्रा- 66 वीं रैंक
- मेरठ निवासी द्विज गोयल-71 वीं रैंक,
- उधमसिंह नगर उत्तराखंड निवासी चंद्रकांत बगोरिया-75 वीं रैंक
- अलीगढ़ निवासी असद ज़ुबेरी 86 वीं रैंक