लखनऊ : पिछले साल की तरह इस बार भीषण गर्मी की विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे थे. विशेषज्ञों का दावा था कि इस बार पिछले साल से भी दोगुनी गर्मी होने वाली है, क्योंकि प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण पर्यावरण की स्थिति काफी ज्यादा खराब हो चुकी हैं, लेकिन इधर बीच देखा जा रहा है कि लगातार 10 दिन पहले भी बारिश हुई थी. इसके बाद फिर से बारिश हुई बारिश के बाद से मौसम सुहावना बना हुआ है. धूप तो निकल रही है, लेकिन अधिक चटक नहीं है.
लखनऊ विश्वविद्यालय के भूविभाग के प्रोफेसर ध्रुव सेन सिंह ने बताया कि इस समय अप्रैल और मई के महीने में जब गर्मी शुरू होती है तो बहुत से जगह में लो बेल्ट बन जाता है. इसके कारण चक्रवात आता है और इस चक्रवात के कारण आंधी तूफान चक्रवात आते हैं और बारिश होती है. बारिश होने के दो कारण है वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव है. इस कारण और दूसरा बहुत से जगहों पर लो बेल्ट बन गए हैं. इसके कारण बारिश हो रही है. निश्चित रूप से जब बरसात होती है तो तापक्रम कम हो जाता है. इस बरसात के कारण भी कुछ दिनों तक मौसम का तापमान नियंत्रित रहेगा और आने वाले दिनों में गर्मी कम होगी, लेकिन अप्रैल का महीना चल रहे हैं.
अगर यह बरसात नहीं हुई तो गर्मी फिर से बढ़ेगी, लेकिन एक आम बात है यह एक चक्रीय प्रक्रिया है. आप लोगों ने बहुत सालों में देखा होगा कि अप्रैल मई के महीने में आंधी और तूफान आना एक आम बात होती है और जैसे ही आंधी तूफान आते हैं तो निश्चित रूप से कुछ नुकसान तो होता है, लेकिन उसके साथ साथ मौसम में नमी आ जाती है. उसके साथ-साथ तापक्रम भी कम हो जाता है. इस समय की बरसात जो है वह खेती के लिए बहुत प्रतिकूल है, क्योंकि गेहूं की फसल तैयार है. इसी तरह की बारिश होती रही और आंधी तूफान आते रहे तो निश्चित रूप से जो रवि की फसल है उसके ऊपर विपरीत प्रभाव पड़ेगा.
ठंडा बना रहेगा मौसम : पर्यावरणविद् बीपी श्रीवास्तव ने बताया कि इस तरह लगातार बारिश होने से फसलों को तो नुकसान हो रहा है. बात अगर मौसम की करते है तो इस समय मौसम काफी सुहावना है और तापमान में भी काफी गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि इस समय तापमान रात के समय 25 से 30 डिग्री सेल्सियस होता है, जबकि दिन में 30 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच में ही रहता है. वर्ष 2022 में पहली अप्रैल को तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था. ऐसे में जाहिर तौर पर तापमान में गिरावट होने के कारण मौसम खुशनुमा बना है और आने वाले कुछ दिन इसी तरह से बने रहेंगे. राजधानी लखनऊ का तापमान शनिवार दोपहर को 26 डिग्री सेल्सियस बना रहा.
प्रदूषण में भी आई गिरावट : इस समय तापमान के साथ-सथ प्रदूषण में भी गिरावट आई है. जनवरी-फरवरी के महीने में वायु प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया था और लखनऊ रेड जोन में प्रदूषण के मामले में था. इस समय वायु प्रदूषण के मामले में लखनऊ ग्रीन जोन में आ गया है. सीपीसीबी रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 56 रहा. वहीं केंद्रीय विद्यालय का एक्यूआई 46, लालबाग का एक्यूआई 60, तालकटोरा का एक्यूआई 77, गोमतीनगर का एक्यूआई 31, भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी क्षेत्र का एक्यूआई 46 और कुकरेल पिकनिक स्पॉट का एक्यूआई 77 रहा.
अस्पतालों में भी प्रदूषण से पीड़ित मरीज कम : सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि इस समय प्रदूषण से प्रभावित मरीजों की संख्या जाहिर तौर पर कम हुई हैं. प्रदूषण से प्रभावित मरीजों की संख्या कम हुई है. ज्यादातर मरीज को सांस लेने में समस्या होती है. प्रदूषण के कारण बहुत सारे मरीज जो दमा से पीड़ित होते हैं उनको भर्ती करने तक की नौबत आ जाती है. फिलहाल अभी प्रदूषण से प्रभावित मरीजों की संख्या बेहद कम है.