लखनऊ: समाजवादी पार्टी के बाहुबली विधायक अभय सिंह के साले का लाइसेंस सरकारी दस्तावेजों में दर्ज करने वाले कर्मचारियों पर एसटीएफ की नजर टेढ़ी हो गई हैं. सूत्रों के मुताबिक, अब तक जांच में कलेक्ट्रेट में तैनात रहे चार असलहा बाबू और दो एसीएम संदेह के घेरे में है. अब एसटीएफ ने 2016 से अब तक तैनात रहे शस्त्र लिपिकों का ब्योरा तलब किया है.
संदीप सिंह ने नागालैंड से बनवाए गए कथित फर्जी शस्त्र लाइसेंस को वर्ष 2004 में लखनऊ में दर्ज किया गया था. इसके लिए राजधानी के हजरत गंज थाने से बकायदा पुलिस की रिपोर्ट भी लगी थी. संदीप सिंह की गिरफ्तारी के बाद जिलाधिकारी लखनऊ सूर्य पाल गंगवार ने शस्त्र अनुभाग में तैनात रहे लिपिकों को हटा दिया था. ऐसे में हटाए गए इन लिपिकों के विषय में भी यूपी एसटीएफ जानकारी निकाल रही है. वहीं एसटीएफ की जांच शुरू होते ही शस्त्र अनुभाग प्रभारी अपर नगर मजिस्ट्रेट और असलहा बाबू दोनों अचानक छुट्टी पर चले गए थे.
गुरुवार को प्रभारी एसीएम व असलहा बाबू के वापस लौटने के बाद संदीप सिंह के शस्त्र लाइसेंसों से जुड़ी फाइलों को ढूंढने के लिए रिकॉर्ड रूम खुलवाया गया था. एसटीएफ के अनुसार रिकॉर्ड काफी पुराने हैं ऐसे में ढूंढने में समय लग रहा है. दरअसल, मूल रूप से अयोध्या का रहने वाला संदीप सिंह बाहुबली सपा विधायक अभय सिंह का साला है. वह बीते कई वर्षों से लखनऊ में रहकर प्रॉपर्टी डीलिंग कर रहा था. बीते शनिवार को यूपी एसटीएफ ने सरोजनी नगर इलाके से संदीप को गिरफ्तार किया था. उस पर आरोप था कि, नागालैंड से फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाया था.
इसके बाद उसने खुद पर लगे कई मुकदमों को छिपा कर यूपी ट्रांसफर कराया. इसके लिए सबसे पहले संदीप ने हजरतगंज थानांतर्गत पता दिया और फिर दो बार विभूतिखंड इलाके का पता देकर नवीनीकरण कराया था. जांच में सामने आया कि संदीप ने जिस हजरतगंज पते पर असलहा ट्रांसफर कराया था, वह दारुलशफा 107 बी तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी का सरकारी मकान था.
रडार पर रिपोर्ट लगाने वाले पुलिसकर्मी: वहीं संदीप सिंह की गिरफ्तारी के बाद लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने हजरतगंज व विभूतिखंड के उन पुलिस कर्मियों की जानकारी तलब की है, जिन्होंने संदीप सिंह के फर्जी शस्त्र लाइसेंस को नवीनीकरण की रिपोर्ट लगाई थी. सूत्रों के मुताबिक, डीसीपी मध्य और डीसीपी पूर्वी रिपोर्ट लगाने वाले पुलिसकर्मियों की जानकारी कर रहे है, जल्द ही पुलिस कमिश्नर को रिपोर्ट सौंपी जाएगी.
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