लखनऊः मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में मंगलवार को विश्व बैंक सहायतित उत्तर प्रदेश कोर रोड नेटवर्क डेवलपमेंट परियोजना की प्रोजेक्ट गवर्निंग बोर्ड की बैठक आयोजित हुई. मुख्य सचिव ने बैठक में बताया कि परियोजना के अंतर्गत करीब 500 किमी. सड़कों का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य कराया जा रहा है. इसमें करीब 3269 करोड़ रुपये का व्यय संभावित है. इसके अतिरिक्त सड़क सुरक्षा के विभिन्न कार्यों पर करीब 630 करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित है.
उन्होंने यह भी बताया गया कि सड़क चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के चार कार्य कुल लम्बाई 258.355 किमी. अनुमानित लागत 1415.02 करोड़ रुपये विभिन्न चरणों में प्रगति पर हैं. गरौठा-चिरगांव रोड जनपद झांसी सड़क लम्बाई 49.145 किमी लागत 227.17 करोड़ रुपये का 99 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और अवशेष कार्य 30 सितम्बर 2020 तक पूर्ण कर लिया जायेगा.
हमीरपुर-राठ रोड जनपद हमीरपुर सड़क लम्बाई 72.785 किमी लागत 349.46 करोड़ रुपये का 70 प्रतिशत कार्य 15 नवम्बर 2020 तक पूरा हो जायेगा और जुलाई 2021 तक शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा. गोला-शाहजहांपुर रोड, जनपद शाहजहांपुर और लखीमपुर सड़क लम्बाई 57.300 किमी लागत 418.48 करोड़ रुपये का कार्य प्रगति पर है और नवम्बर 2021 तक कार्य पूरा हो जायेगा. इसके अलावा बदायूं-बिल्सी रोड जनपद अमरोहा और संभल सड़क लम्बाई 79.125 किमी लागत 419.91 करोड़ रुपये का कार्य भी प्रगति पर है और इसके भी नवम्बर 2021 तक पूर्ण हो जाने की संभावना है.
इसके अतिरिक्त सड़क चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के 6 नये कार्य चिह्नित किये गये हैं, जिनकी कुल लम्बाई 260.10 किमी एवं लागत 1952.90 करोड़ रुपये है. इन कार्यों की डीपीआर तैयार कराई जा रही है. हमीरपुर-राठ-गुरसराय-झांसी सड़क लम्बाई 35 किमी लागत 250 करोड़ रुपये, मुरादाबाद-हरिद्वार-देहरादून सड़क लम्बाई 36 किमी लागत 356.40 करोड़ रुपये, गढ़-स्याना-बुलंदशहर सड़क लम्बाई 49.50 किमी लागत 499.20 करोड़ रुपये, बहराइच-गोण्डा-अयोध्या सड़क लम्बाई 60.10 किमी लागत 365 करोड़ रुपये, हामिदपुर-खुच्वसर रोड सड़क लम्बाई 47.50 किमी लागत 289.20 करोड़ रुपये और बांसी-मेंहदावल-खलीलाबाद रोड लम्बाई 32 किमी लागत 193.10 करोड़ रुपये है. उक्त सभी कार्यों की डीपीआर तैयार कराई जा रही है.
मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने सभी कार्य निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार पूरा करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि सभी कार्यों का गहन पर्यवेक्षण सुनिश्चित कराया जाये तथा कार्यों की गुणवत्ता का सतत निरीक्षण और परीक्षण भी अवश्य हो. उन्होंने कहा कि चिह्नित 6 नये कार्यों की डीपीआर भी समय से सब्मिट हो जाए.