लखनऊ : मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कोरोना की गाइड लाइन जारी करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को कोरोना के खिलाफ महत्वपूर्ण उपलब्धि मिली है. कोरोना के सक्रिय केस में निरंतर कमी आ रही है. उन्होंने कहा कि हालांकि पिछले कुछ सप्ताह में राज्य के कुछ क्षेत्रों में सक्रिय केस में वृद्धि होने के भी संकेत मिले हैं. वर्तमान में त्योहारी सीजन, ठंड के आगमन और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने में लापरवाही की वजह से कुछ क्षेत्रों में कोरोना के संक्रमण बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं. ऐसे में पूरी सावधानी बरतने की जरुरत है.
रात्रि कर्फ्यू लगाने का निर्णय ले सकेगा स्थानीय प्रशासन
मुख्य सचिव ने कहा कि कंटेनमेंट जोन की कार्य योजना को और सख्ती से लागू करने और निरंतर निगरानी किए जाने की आवश्यकता है. इसके लिए स्थानीय जिला प्रशासन, पुलिस और नगरीय निकाय प्रशासन को स्थानीय परिस्थितियों का आंकलन करके कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन कराने तथा स्थानीय स्तर पर कुछ प्रतिबंध लगाने के लिए उत्तरदायित्व दिए जाने की आवश्यकता है. लिहाजा परिस्थितियों को देखते हुए स्थानीय स्तर पर पुलिस प्रशासन निर्णय ले सकेंगे. वैसे तो केंद्र सरकार की अनुमति के बगैर प्रदेश में कहीं लॉक डाउन नहीं लगाया जा सकेगा. लेकिन कोरोना संक्रमण के प्रसार को देखते हुए स्थानीय प्रतिबंध लागू किया जा सकेगा. इसमें रात्रि कर्फ्यू भी शामिल है.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुपालन को लेकर लोगों को प्रोत्साहित करने, मास्क पहनने, स्वच्छता और सामाजिक दूरी के मानकों का सख्ती से पालन कराया जाए. साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर मास्क नहीं पहनने वाले व्यक्तियों पर निर्धारित जुर्माना भी वसूला जाए. भीड़भाड़ वाले स्थानों जैसे मार्केट, साप्ताहिक बाजार, सार्वजनिक परिवहन में सामाजिक दूरी का अनुपालन कराया जाए. हवाई जहाज, ट्रेन और मेट्रो रेल में यात्रियों को नियंत्रित करने के लिए पूर्व में निर्गत एसओपी का सख्ती से अनुपालन किया जाए. बस, नाव अथवा यातायात के अन्य साधनों के विषय में भी कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराया जाए. कंटेनमेंट जोन के भीतर और बाहर चिकित्सीय आपातकालीन सुविधाओं, आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति के अतिरिक्त अन्य किसी प्रकार के आवागमन को प्रतिबंधित रखा जाएगा.
72 घंटे के अंदर 80 फीसद कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग
मुख्य सचिव ने कहा कि सर्विलांस टीम को प्रत्येक मकान की सघन निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं. निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार कोरोना की टेस्टिंग के निर्देश भी दिए गए हैं. गाइडलाइन में पॉजिटिव पाए गए व्यक्तियों के संपर्क में आए सभी व्यक्तियों की सूची (कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग) तैयार किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. इनके चिन्हांकन, ट्रेसिंग, क्वॉरेंटाइन तथा 14 दिनों तक निरंतर अनुश्रवण की कार्यवाही की जाएगी. पॉजिटिव पाए जाने के 72 घंटे के अंदर ही 80 प्रतिशत संपर्क चिन्हित करने को कहा गया है. इसके अलावा कोविड-19 मरीजों को तत्काल आइसोलेट करते हुए उपचार शुरू किया जाए. साथ ही जरुरत के हिसाब से हॉस्पिटल में भर्ती कर उपचार के साथ-साथ सतत निगरानी भी की जाए.
कंटेनमेंट जोन के बाहर अनुमन्य गतिविधियां
इस गाइड लाइन में कंटेनमेंट के बाहर विभिन्न गतिविधियों की छूट दी गई है. किसी भी बंद स्थान (हाल/कमरे) की निर्धारित क्षमता का 50 प्रतिशत किंतु एक समय में अधिकतम 100 व्यक्तियों तक ही फेस शामिल होने की इजाजत होगी. इस दौरान मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. थर्मल स्कैनिंग, सैनिटाइजर और हैंड वॉश रखना होगा. वहीं खुले स्थान/मैदान के 40 प्रतिशत क्षेत्रफल से कम क्षमता तक ही व्यक्तियों के लिए अनुमन्य होगा. कार्यालयों में भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. ऐसे शहर जहां कोविड-19 की पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से अधिक है, वहां एक ही समय पर कर्मचारियों की संख्या को कम रखने पर निर्णय लिया जा सकेगा.
उल्लंघन किया तो होगी होगी कार्रवाई
राज्य के बाहर से या राज्य के अंदर लोगों और वस्तुओं के आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा. जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 200 की धारा 51 से 60 तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी. गाइडलाइन एक दिसंबर से अग्रिम आदेश तक राज्य में लागू रहेगी.