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'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' की मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने की समीक्षा

मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' में सुधार को लेकर बैठक हुई. इस दौरान मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि निर्धारित टाइमलाइन से यूजर फ्रेंडली सेवाएं सभी विभाग दें.

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस
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Published : Oct 23, 2020, 11:46 PM IST

लखनऊ: 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' में सुधार को लेकर महत्वपूर्ण बैठक मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित हुई. इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत एनओसी एवं लाइसेंसिंग के कार्योंं एवं सेवाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए ऑनलाइन सिस्टम डेवलप किया जा रहा है. सभी विभागों को अपने कार्यों एवं सेवाओं को ऑनलाइन कराते समय यह ध्यान में रखना होगा कि सिस्टम यूजर फ्रेण्डली एवं स्मूथ हो. इसको जितना अधिक आसान बनाया जाएगा, लोगों के लिए उतना ही अधिक लाभकारी होगा.

ऑनलाइन फार्मेट में अपलोड करें डॉक्यूमेंट
मुख्य सचिव ने कहा कि ऑनलाइन फाॅर्मेट में कौन से डाॅक्यूमेंट्स अपलोड किये जाने हैं, फोटोग्राफ यदि आवश्यक हो तो अधिकतम कितने केबी की हो, स्वप्रमाणित अभिलेख मान्य हैं या प्रमाणित आदि का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए. इसके अतिरिक्त सिग्नेचर और डिजिटल सिग्नेचर की स्थिति भी स्पष्ट होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यूजर का प्रमाणीकरण उसके मोबाइल एवं ई-मेल पर ओटीपी के माध्यम से किया जा सकता है.

इसके अतिरिक्त ऑनलाइन सिस्टम में चेकलिस्ट और प्रोसीजर की पूरी जानकारी भी उपलब्ध होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन सिस्टम का एक स्टैण्डर्ड फाॅर्मेट होना चाहिए, जो कि सभी विभागों पर लागू हो और संबंधित विभाग आवश्यकतानुसार उसमें संशोधन कर सकें. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन सिस्टम ऐसा डेवलप हो, जो कि सभी विभागों के लिए लगभग एक जैसा और यूजर फ्रेण्डली रहे.

टाइम लाइन से हों काम
मुख्य सचिव ने सभी विभागों से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस अंतर्गत सुधारों के लिए निर्धारित टाइम लाइन का कड़ाई से पालन करने की अपेक्षा की. उन्होंने सुधारों की उक्त प्रक्रिया में जनहित गारण्टी अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित टाइम लाइन को भी सम्मिलित करने के निर्देश दिये. इसके अतिरिक्त निवेशकों की सुविधा के लिए निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से यूनीफाइड पेमेंट को भी ऑनलाइन सिस्टम में समाहित करने के निर्देश दिये गये.

इन विभागों की इतनी योजनाएं हुईं ऑनलाइन
बैठक में बताया गया कि एफएसडीए 12, जियोलाॅजी एण्ड माइंस 01, पिकप 3, बेसिक शिक्षा 1, कृषि 2, लोक निर्माण विभाग 3, रजिस्ट्रार फर्म्स सोसायटीज 8, स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन 5, परिवहन 1, उद्योग बन्धु 28, यूपी फायर सर्विस 5, यूपीपीसीबी 23, यूपीपीसीएल 8, यूपीसीडा 8, फिल्म बन्धु 1, शहरी विकास 18, न्याय विभाग 2, राजस्व 7, काॅमर्शियल टैक्स 16, इलेक्ट्रिसिटी सेफ्टी 5, एक्साइज 17, हाउसिंग 15, श्रम 50, माध्यमिक शिक्षा के एक कार्य व सेवाओं को ऑनलाइन कर पूरी तरह शुरू कर दिया गया है.

लखनऊ: 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' में सुधार को लेकर महत्वपूर्ण बैठक मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित हुई. इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत एनओसी एवं लाइसेंसिंग के कार्योंं एवं सेवाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए ऑनलाइन सिस्टम डेवलप किया जा रहा है. सभी विभागों को अपने कार्यों एवं सेवाओं को ऑनलाइन कराते समय यह ध्यान में रखना होगा कि सिस्टम यूजर फ्रेण्डली एवं स्मूथ हो. इसको जितना अधिक आसान बनाया जाएगा, लोगों के लिए उतना ही अधिक लाभकारी होगा.

ऑनलाइन फार्मेट में अपलोड करें डॉक्यूमेंट
मुख्य सचिव ने कहा कि ऑनलाइन फाॅर्मेट में कौन से डाॅक्यूमेंट्स अपलोड किये जाने हैं, फोटोग्राफ यदि आवश्यक हो तो अधिकतम कितने केबी की हो, स्वप्रमाणित अभिलेख मान्य हैं या प्रमाणित आदि का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए. इसके अतिरिक्त सिग्नेचर और डिजिटल सिग्नेचर की स्थिति भी स्पष्ट होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यूजर का प्रमाणीकरण उसके मोबाइल एवं ई-मेल पर ओटीपी के माध्यम से किया जा सकता है.

इसके अतिरिक्त ऑनलाइन सिस्टम में चेकलिस्ट और प्रोसीजर की पूरी जानकारी भी उपलब्ध होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन सिस्टम का एक स्टैण्डर्ड फाॅर्मेट होना चाहिए, जो कि सभी विभागों पर लागू हो और संबंधित विभाग आवश्यकतानुसार उसमें संशोधन कर सकें. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन सिस्टम ऐसा डेवलप हो, जो कि सभी विभागों के लिए लगभग एक जैसा और यूजर फ्रेण्डली रहे.

टाइम लाइन से हों काम
मुख्य सचिव ने सभी विभागों से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस अंतर्गत सुधारों के लिए निर्धारित टाइम लाइन का कड़ाई से पालन करने की अपेक्षा की. उन्होंने सुधारों की उक्त प्रक्रिया में जनहित गारण्टी अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित टाइम लाइन को भी सम्मिलित करने के निर्देश दिये. इसके अतिरिक्त निवेशकों की सुविधा के लिए निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से यूनीफाइड पेमेंट को भी ऑनलाइन सिस्टम में समाहित करने के निर्देश दिये गये.

इन विभागों की इतनी योजनाएं हुईं ऑनलाइन
बैठक में बताया गया कि एफएसडीए 12, जियोलाॅजी एण्ड माइंस 01, पिकप 3, बेसिक शिक्षा 1, कृषि 2, लोक निर्माण विभाग 3, रजिस्ट्रार फर्म्स सोसायटीज 8, स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन 5, परिवहन 1, उद्योग बन्धु 28, यूपी फायर सर्विस 5, यूपीपीसीबी 23, यूपीपीसीएल 8, यूपीसीडा 8, फिल्म बन्धु 1, शहरी विकास 18, न्याय विभाग 2, राजस्व 7, काॅमर्शियल टैक्स 16, इलेक्ट्रिसिटी सेफ्टी 5, एक्साइज 17, हाउसिंग 15, श्रम 50, माध्यमिक शिक्षा के एक कार्य व सेवाओं को ऑनलाइन कर पूरी तरह शुरू कर दिया गया है.

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