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लखनऊ: उद्यमियों को लगाने पड़े चक्कर तो नपेंगे अधिकारी, अफसरों की जवाबदेही तय

उद्योग बंधु की बैठक में मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि प्रदेश का औद्योगिक विकास राज्य सरकार की उच्चतम प्राथमिकताओं में सम्मिलित है. उन्होंने कहा कि उद्यमियों की समस्याओं का तत्काल और निश्चित समय सीमा पर निर्णय कराया जाए.

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Published : Jan 9, 2020, 5:57 PM IST

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उद्योग बंधु की बैठक.

लखनऊ: प्रदेश में निवेश को बढ़ाने की योगी सरकार की नीति को लेकर कड़ाई का असर आला अफसरों पर साफ देखा जा सकता है. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने अधिकारियों की कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देश दिया है कि अगर प्रदेश में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को सरकारी दफ्तरों और अफसरों के चक्कर लगाने पड़े तो अफसर भी नपेंगे. मुख्य सचिव ने कहा कि ऐसा पाए जाने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उद्योग बंधु की बैठक के दौरान मुख्य सचिव आरके तिवारी ने सूबे के आला अफसरों की इसको लेकर जवाबदेही भी तय कर दी है.

मुख्य सचिव ने उद्यमियों की सहूलियत के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश.
उद्योग बंधु की बैठक में मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि उद्यमियों की समस्याओं का तत्काल और निश्चित समय सीमा पर निर्णय कराया जाए. उद्यमियों को उद्योग बंधु की बैठकों में मात्र एक बार आना पड़े. निस्तारण के लिए प्रकरणों से संबंधित जानकारी अथवा आख्या अधिकतम एक माह में जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराया जाए. ऐसा न होने की स्थिति पर संबंधित जिलों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को आगामी उद्योग बंधु की बैठक में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देना होगा. इस बैठक में 12 प्रकरणों का तत्काल निस्तारण किया गया. वहीं 18 मामलों में संबंधित विभागों को समयबद्ध रूप से त्वरित निस्तारण के निर्देश भी दिए गए हैं.


ये भी पढ़ें- चेतन चौहान बोले, 'जेएनयू नहीं, फिल्मों पर ध्यान दें दीपिका पादुकोण'


मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश का औद्योगिक विकास राज्य सरकार की उच्चतम प्राथमिकताओं में सम्मिलित है. मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के अनुपालन में उद्योगों की समस्याओं का निस्तारण समय बद्ध रूप से कराने के उद्देश्य से उद्योग बंधु की बैठक आईआईडीसी की अध्यक्षता में प्रत्येक माह और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रत्येक दो माह में आयोजित की जाएगी. उन्होंने जिला स्तर पर लंबे समय से लंबित भूमि संबंधित प्रकरणों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए हैं. साथ ही कहा कि उद्योगों के लिए भूमि संबंधी रिपोर्ट जिला प्रशासन द्वारा एक माह के अंदर अवश्य उपलब्ध कराएं.

उद्यमियों की परेशानी को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं. तय समय सीमा में फाइलों के निस्तारण के लिए कहा गया है. उद्योग बंधु में फाइलों के धीमे निस्तारण पर दो अधिकारियों को निलंबित किया गया है. समय सीमा में काम नहीं होने पर उच्च अधिकारी जिम्मेदार होंगे.
-मुख्य सचिव, राजेन्द्र कुमार तिवारी

लखनऊ: प्रदेश में निवेश को बढ़ाने की योगी सरकार की नीति को लेकर कड़ाई का असर आला अफसरों पर साफ देखा जा सकता है. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने अधिकारियों की कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देश दिया है कि अगर प्रदेश में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को सरकारी दफ्तरों और अफसरों के चक्कर लगाने पड़े तो अफसर भी नपेंगे. मुख्य सचिव ने कहा कि ऐसा पाए जाने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उद्योग बंधु की बैठक के दौरान मुख्य सचिव आरके तिवारी ने सूबे के आला अफसरों की इसको लेकर जवाबदेही भी तय कर दी है.

मुख्य सचिव ने उद्यमियों की सहूलियत के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश.
उद्योग बंधु की बैठक में मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि उद्यमियों की समस्याओं का तत्काल और निश्चित समय सीमा पर निर्णय कराया जाए. उद्यमियों को उद्योग बंधु की बैठकों में मात्र एक बार आना पड़े. निस्तारण के लिए प्रकरणों से संबंधित जानकारी अथवा आख्या अधिकतम एक माह में जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराया जाए. ऐसा न होने की स्थिति पर संबंधित जिलों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को आगामी उद्योग बंधु की बैठक में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देना होगा. इस बैठक में 12 प्रकरणों का तत्काल निस्तारण किया गया. वहीं 18 मामलों में संबंधित विभागों को समयबद्ध रूप से त्वरित निस्तारण के निर्देश भी दिए गए हैं.


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मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश का औद्योगिक विकास राज्य सरकार की उच्चतम प्राथमिकताओं में सम्मिलित है. मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के अनुपालन में उद्योगों की समस्याओं का निस्तारण समय बद्ध रूप से कराने के उद्देश्य से उद्योग बंधु की बैठक आईआईडीसी की अध्यक्षता में प्रत्येक माह और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रत्येक दो माह में आयोजित की जाएगी. उन्होंने जिला स्तर पर लंबे समय से लंबित भूमि संबंधित प्रकरणों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए हैं. साथ ही कहा कि उद्योगों के लिए भूमि संबंधी रिपोर्ट जिला प्रशासन द्वारा एक माह के अंदर अवश्य उपलब्ध कराएं.

उद्यमियों की परेशानी को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं. तय समय सीमा में फाइलों के निस्तारण के लिए कहा गया है. उद्योग बंधु में फाइलों के धीमे निस्तारण पर दो अधिकारियों को निलंबित किया गया है. समय सीमा में काम नहीं होने पर उच्च अधिकारी जिम्मेदार होंगे.
-मुख्य सचिव, राजेन्द्र कुमार तिवारी

Intro:लखनऊ: उद्यमियों को लगाने पड़े चक्कर तो नपेंगे अधिकारी, मुख्य सचिव ने तय की बड़े अफसरों की जवाबदेही

लखनऊ। प्रदेश में निवेश को बढ़ाने की योगी सरकार की नीति को लेकर कड़ाई का असर आला अफसरों पर साफ देखा जा सकता है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने अधिकारियों की कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देश दिया है कि अगर प्रदेश में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को सरकारी दफ्तरों और अफसरों के चक्कर लगाने पड़े तो अफसर भी नाप दिए जाएंगे। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उद्योग बंधु की बैठक के दौरान मुख्य सचिव आरके तिवारी ने सूबे के आला अफसरों की इसको लेकर जवाबदेही भी तय की है।


Body:उद्योग बंधु की बैठक में मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा है कि उद्यमियों की समस्याओं का तत्काल अथवा निश्चित समय सीमा पर निर्णय कराए जाएं। ताकि उद्यमियों को उद्योग बंधु की बैठकों में मात्र एक बार आना पड़े। निस्तारण के लिए प्रकरणों से संबंधित जानकारी अथवा आंख्या अधिकतम एक माह में जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा अवश्य उपलब्ध न कराने की स्थिति पर संबंधित जिलों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को आगामी उद्योग बंधु की बैठक में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देना होगा। इस बैठक में 12 प्रकरणों का तत्काल निस्तारण किया गया। वहीं 18 मामलों में संबंधित विभागों को समयबद्ध रूप से त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि प्रदेश का औद्योगिक विकास राज्य सरकार की उच्चतम प्राथमिकताओं में सम्मिलित है। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के अनुपालन में उद्योगों की समस्याओं का निस्तारण समय बद्ध रूप से कराने के उद्देश्य से उद्योग बंधु की बैठक आईआईडीसी की अध्यक्षता में प्रत्येक माह तथा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रत्येक दो माह में आयोजित की जाएगी। उन्होंने जिला स्तर पर लंबे समय से लंबित भूमि संबंधित प्रकरणों पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए हैं कि उद्योगों के लिए भूमि संबंधी रिपोर्ट जिला प्रशासन द्वारा एक माह के अंदर अवश्य उपलब्ध कराएं।


बाईट-मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा कि धीमी गति से विनिवेश प्रक्रिया पर मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा कि उद्यमियों और सभी कि परेशानी को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं। तय समय सीमा में फाइलों के निस्तारण के लिए कहा गया है। उद्योग बंधु में फाइलों के धीमे निस्तारण पर दो अधिकारियों को निलंबित किया गया है समय सीमा में काम नहीं होने पर उच्च अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

दिलीप शुक्ला, 9450663213


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