लखनऊ: प्रदेश में निवेश को बढ़ाने की योगी सरकार की नीति को लेकर कड़ाई का असर आला अफसरों पर साफ देखा जा सकता है. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने अधिकारियों की कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देश दिया है कि अगर प्रदेश में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को सरकारी दफ्तरों और अफसरों के चक्कर लगाने पड़े तो अफसर भी नपेंगे. मुख्य सचिव ने कहा कि ऐसा पाए जाने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उद्योग बंधु की बैठक के दौरान मुख्य सचिव आरके तिवारी ने सूबे के आला अफसरों की इसको लेकर जवाबदेही भी तय कर दी है.
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मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश का औद्योगिक विकास राज्य सरकार की उच्चतम प्राथमिकताओं में सम्मिलित है. मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के अनुपालन में उद्योगों की समस्याओं का निस्तारण समय बद्ध रूप से कराने के उद्देश्य से उद्योग बंधु की बैठक आईआईडीसी की अध्यक्षता में प्रत्येक माह और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रत्येक दो माह में आयोजित की जाएगी. उन्होंने जिला स्तर पर लंबे समय से लंबित भूमि संबंधित प्रकरणों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए हैं. साथ ही कहा कि उद्योगों के लिए भूमि संबंधी रिपोर्ट जिला प्रशासन द्वारा एक माह के अंदर अवश्य उपलब्ध कराएं.
उद्यमियों की परेशानी को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं. तय समय सीमा में फाइलों के निस्तारण के लिए कहा गया है. उद्योग बंधु में फाइलों के धीमे निस्तारण पर दो अधिकारियों को निलंबित किया गया है. समय सीमा में काम नहीं होने पर उच्च अधिकारी जिम्मेदार होंगे.
-मुख्य सचिव, राजेन्द्र कुमार तिवारी