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अमृत योजना के तहत गुणवत्तापूर्ण हो कार्यः मुख्य सचिव - अमृत योजना के प्रगति

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने मंगलवार को अमृत योजना के प्रगति को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. बैठक में संबंधित अधिकारी, डीएम और मंडलायुक्तों ने हिस्सा लिया. इस दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को योजना के अंतर्गत गुणवत्तापूर्ण कार्य को लेकर निर्देश दिए.

मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी
मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी
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Published : Feb 3, 2021, 2:57 AM IST

लखनऊः मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अमृत योजना के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की गई.
बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों से निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि योजनांतर्गत जो कार्य किये जा रहे हैं, उनकी गुणवत्ता उच्च कोटि की हो और प्रयुक्त मटेरियल भी उच्च क्वालिटी का हो. उन्होंने जिलाधिकारियों से परियोजनाओं की स्थिति की सूचना 5 फरवरी, 2021 तक उपलब्ध कराने को कहा.

60 शहरी निकायों में अमृत योजना
बैठक में बताया गया कि अमृत योजना प्रदेश के 60 शहरी स्थानीय निकायों में संचालित है. इनमें से 7 ऐसे निकाय हैं जिनकी आबादी 10 लाख से अधिक है और 53 शहरी निकाय हैं, जिनकी आबादी 1 लाख से 10 लाख के मध्य है. अमृत योजना का उद्देश्य प्रत्येक घर को पाइप लाइन के द्वारा जलापूर्ति एवं सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराना है. इसके अतिरिक्त योजनान्तर्गत शहरी निकायों में हरियाली विकसित करना और पार्कों का सौंदर्यीकरण भी शामिल है, ताकि नागरिकों का स्वास्थ्य और शहर का सौंदर्यीकरण बेहतर हो सके.

अमृत योजना में खर्च
प्रदेश में अमृत योजना के तहत 11421.66 करोड़ की धनराशि स्वीकृत है. यह धनराशि पेयजल, सीवरेज और पार्कों के रखरखाव पर खर्च की जायेगी. इस धनराशि में से 4922.46 करोड़ केन्द्रीय अंशदान, 3744.08 करोड़ राज्य अंशदान और 2755.13 करोड़ सम्बन्धी शहरी निकायों द्वारा वहन की जायेगी. मिशन के अंतर्गत 9.98 लाख परिवारों को पेयजल कनेक्शन और 10.84 लाख परिवारों को सीवर कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

अमृत योजना की स्थिति
इस समय 411 परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है और 197 परियोजनायें पूर्ण की जा चुकी हैं. अब तक 6,43,767 घरों को पेयजल कनेक्शन और 4,85,337 घरों को सीवर कनेक्शन से जोड़ा जा चुका है. कुल स्वीकृत धनराशि 11421.66 करोड़ में से 5533 करोड़ जलापूर्ति पर, 5643 करोड़ सीवरेज पर और 246 करोड़ रुपये हरियाली एवं पार्कों के सौंदर्यीकरण के लिये तय की गई है. इसमें से 12311.59 करोड़ रुपये की परियोजनायें राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी द्वारा स्वीकृत की गई हैं. प्रोजेक्ट के अंतर्गत अब तक 12311.59 करोड़ की 729 डीपीआर अनुमोदित की गई है, जिनमें से 10231.52 करोड़ की निविदायें स्वीकृत की जा चुकी हैं. योजनान्तर्गत 4767.62 करोड़ की धनराशि कार्यदायी संस्थाओं को दी जा चुकी है, जिसमें से 4324.93 करोड़ व्यय किये जा चुके हैं.

योजनान्तर्गत जलापूर्ति की 53 प्रोजेक्ट लागत 1622.10 करोड़, सीवरेज एवं सेप्टेज के 23 प्रोजेक्ट लागत 2614.63 करोड़ और पार्क सौंदर्यीकरण के 121 प्रोजेक्ट लागत 88.20 करोड़ पूरे किये जा चुके हैं. बैठक में सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सम्बन्धित मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारीगण आदि शामिल हुए. संचालन सचिव, नगर विकास अनुराग यादव ने किया.

लखनऊः मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अमृत योजना के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की गई.
बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों से निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि योजनांतर्गत जो कार्य किये जा रहे हैं, उनकी गुणवत्ता उच्च कोटि की हो और प्रयुक्त मटेरियल भी उच्च क्वालिटी का हो. उन्होंने जिलाधिकारियों से परियोजनाओं की स्थिति की सूचना 5 फरवरी, 2021 तक उपलब्ध कराने को कहा.

60 शहरी निकायों में अमृत योजना
बैठक में बताया गया कि अमृत योजना प्रदेश के 60 शहरी स्थानीय निकायों में संचालित है. इनमें से 7 ऐसे निकाय हैं जिनकी आबादी 10 लाख से अधिक है और 53 शहरी निकाय हैं, जिनकी आबादी 1 लाख से 10 लाख के मध्य है. अमृत योजना का उद्देश्य प्रत्येक घर को पाइप लाइन के द्वारा जलापूर्ति एवं सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराना है. इसके अतिरिक्त योजनान्तर्गत शहरी निकायों में हरियाली विकसित करना और पार्कों का सौंदर्यीकरण भी शामिल है, ताकि नागरिकों का स्वास्थ्य और शहर का सौंदर्यीकरण बेहतर हो सके.

अमृत योजना में खर्च
प्रदेश में अमृत योजना के तहत 11421.66 करोड़ की धनराशि स्वीकृत है. यह धनराशि पेयजल, सीवरेज और पार्कों के रखरखाव पर खर्च की जायेगी. इस धनराशि में से 4922.46 करोड़ केन्द्रीय अंशदान, 3744.08 करोड़ राज्य अंशदान और 2755.13 करोड़ सम्बन्धी शहरी निकायों द्वारा वहन की जायेगी. मिशन के अंतर्गत 9.98 लाख परिवारों को पेयजल कनेक्शन और 10.84 लाख परिवारों को सीवर कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

अमृत योजना की स्थिति
इस समय 411 परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है और 197 परियोजनायें पूर्ण की जा चुकी हैं. अब तक 6,43,767 घरों को पेयजल कनेक्शन और 4,85,337 घरों को सीवर कनेक्शन से जोड़ा जा चुका है. कुल स्वीकृत धनराशि 11421.66 करोड़ में से 5533 करोड़ जलापूर्ति पर, 5643 करोड़ सीवरेज पर और 246 करोड़ रुपये हरियाली एवं पार्कों के सौंदर्यीकरण के लिये तय की गई है. इसमें से 12311.59 करोड़ रुपये की परियोजनायें राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी द्वारा स्वीकृत की गई हैं. प्रोजेक्ट के अंतर्गत अब तक 12311.59 करोड़ की 729 डीपीआर अनुमोदित की गई है, जिनमें से 10231.52 करोड़ की निविदायें स्वीकृत की जा चुकी हैं. योजनान्तर्गत 4767.62 करोड़ की धनराशि कार्यदायी संस्थाओं को दी जा चुकी है, जिसमें से 4324.93 करोड़ व्यय किये जा चुके हैं.

योजनान्तर्गत जलापूर्ति की 53 प्रोजेक्ट लागत 1622.10 करोड़, सीवरेज एवं सेप्टेज के 23 प्रोजेक्ट लागत 2614.63 करोड़ और पार्क सौंदर्यीकरण के 121 प्रोजेक्ट लागत 88.20 करोड़ पूरे किये जा चुके हैं. बैठक में सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सम्बन्धित मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारीगण आदि शामिल हुए. संचालन सचिव, नगर विकास अनुराग यादव ने किया.

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