ETV Bharat / state

मुख्य सचिव ने बायो सीएनजी प्लांट स्थापित किए जाने को लेकर बैठक की, दिए ये निर्देश

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र (Chief Secretary Durga Shankar Mishra) की अध्यक्षता में पीपीपी मोड पर बायो-सीएनजी प्लांट स्थापित करने की बैठक हुई. इस बैठक में पीपीपी मोड़ पर प्रयागराज में 200 टीपीडी क्षमता बायो-सीएनजी प्लांट लगाने की स्वीकृति प्रदान की गई.

etv bharat
मुख्य सचिव ने बायो सीएनजी प्लांट स्थापित किये जाने को लेकर बैठक की
author img

By

Published : Sep 29, 2022, 10:45 PM IST


लखनऊः प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र (Chief Secretary Durga Shankar Mishra) की अध्यक्षता में पीपीपी मोड़ पर बायो सीएनजी प्लांट (Bio CNG Plant) स्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया. जिसके संबंध में नगर निगमों द्वारा आमंत्रित ईओआई पर विचार-विमर्श एवं निर्णय लिये जाने के लिए ‘कमेटी ऑफ सेक्रेटरीज’ की बैठक की गई. इस बैठक में विचार-विमर्श के बाद पीपीपी मोड़ पर प्रयागराज में 200 टीपीडी क्षमता, गाजियाबाद में 300 टीपीडी व लखनऊ में 300 टीपीडी क्षमता के ठोस अपशिष्ट के जैविक कूड़े पर आधारित बायो-सीएनजी प्लांट लगाने की स्वीकृति प्रदान की गई.


प्रदेश में पीपीपी मोड़ पर डेवलपर द्वारा इन परियोजनाओं पर पूरी अवधि के लिए ओएंडएम खर्च सहित 100 प्रतिशत पूंजी निवेश किया जायेगा. जिससे निकाय पर कोई वित्तीय बोझ नहीं होगा. इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से 300 करोड़ रुपये का कैपिटल इनवेस्टमेंट होगा तथा निकायों को 204 लाख रुपये की सालाना आमदनी रॉयल्टी के रूप में प्राप्त होगी.


इस ठोस कचरे के जैविक अंश पर आधारित यह बायो सीएनजी परियोजनायें सालाना 2 लाख टन कार्बन डाइ ऑक्साइड एवं अन्य ग्रीन हाउस गेसेज को कम करेंगी। इन परियोजनाओं से 27,000 किलोग्राम बायो-सीएनजी प्रतिदिन उत्पन्न होगी, जिसका प्रयोग इंडस्ट्रियल, कामर्शियल एवं वाहनों के लिये ईंधन के रूप में किया जायेगा. इससे आयात पर निर्भरता कम होगी. जिसके परिणामस्वरूप विदेशी मुद्रा की बचत होगी.

यह भी पढ़ें- कामयाबी की राह में अखिलेश यादव के सामने होंगी यह चुनौतियां
बता दें कि बायो सीएनजी संयंत्र (Bio CNG Plant) के उप-उत्पाद के रूप में प्रतिदिन 160 मिट्रिक टन किण्वित जैविक खाद का उत्पादन होगा. जिसका उपयोग गंगा नदी सहित नदियों के किनारे खेती के लिए किया जा सकता है. इससे रासायनिक खाद का प्रयोग कम होगा और मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी. यह नदी के पानी के साथ रासायनिक उर्वरकों के मिश्रण को भी रोकेगा. इस परियोजना के क्रियान्वित होने से 600 स्थानीय निवासियों के लिए प्रत्यक्ष और प्रयत्क्ष रूप से नये रोजगार का सृजन होगा. इस बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात सहित सम्बन्धित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी आदि मौजूद रहे.


यह भी पढ़ें-अहमदाबाद में राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन, पीएम ने कहा- खिलाड़ियों की जीत देश की छवि को बेहतर बनाती है


लखनऊः प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र (Chief Secretary Durga Shankar Mishra) की अध्यक्षता में पीपीपी मोड़ पर बायो सीएनजी प्लांट (Bio CNG Plant) स्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया. जिसके संबंध में नगर निगमों द्वारा आमंत्रित ईओआई पर विचार-विमर्श एवं निर्णय लिये जाने के लिए ‘कमेटी ऑफ सेक्रेटरीज’ की बैठक की गई. इस बैठक में विचार-विमर्श के बाद पीपीपी मोड़ पर प्रयागराज में 200 टीपीडी क्षमता, गाजियाबाद में 300 टीपीडी व लखनऊ में 300 टीपीडी क्षमता के ठोस अपशिष्ट के जैविक कूड़े पर आधारित बायो-सीएनजी प्लांट लगाने की स्वीकृति प्रदान की गई.


प्रदेश में पीपीपी मोड़ पर डेवलपर द्वारा इन परियोजनाओं पर पूरी अवधि के लिए ओएंडएम खर्च सहित 100 प्रतिशत पूंजी निवेश किया जायेगा. जिससे निकाय पर कोई वित्तीय बोझ नहीं होगा. इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से 300 करोड़ रुपये का कैपिटल इनवेस्टमेंट होगा तथा निकायों को 204 लाख रुपये की सालाना आमदनी रॉयल्टी के रूप में प्राप्त होगी.


इस ठोस कचरे के जैविक अंश पर आधारित यह बायो सीएनजी परियोजनायें सालाना 2 लाख टन कार्बन डाइ ऑक्साइड एवं अन्य ग्रीन हाउस गेसेज को कम करेंगी। इन परियोजनाओं से 27,000 किलोग्राम बायो-सीएनजी प्रतिदिन उत्पन्न होगी, जिसका प्रयोग इंडस्ट्रियल, कामर्शियल एवं वाहनों के लिये ईंधन के रूप में किया जायेगा. इससे आयात पर निर्भरता कम होगी. जिसके परिणामस्वरूप विदेशी मुद्रा की बचत होगी.

यह भी पढ़ें- कामयाबी की राह में अखिलेश यादव के सामने होंगी यह चुनौतियां
बता दें कि बायो सीएनजी संयंत्र (Bio CNG Plant) के उप-उत्पाद के रूप में प्रतिदिन 160 मिट्रिक टन किण्वित जैविक खाद का उत्पादन होगा. जिसका उपयोग गंगा नदी सहित नदियों के किनारे खेती के लिए किया जा सकता है. इससे रासायनिक खाद का प्रयोग कम होगा और मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी. यह नदी के पानी के साथ रासायनिक उर्वरकों के मिश्रण को भी रोकेगा. इस परियोजना के क्रियान्वित होने से 600 स्थानीय निवासियों के लिए प्रत्यक्ष और प्रयत्क्ष रूप से नये रोजगार का सृजन होगा. इस बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात सहित सम्बन्धित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी आदि मौजूद रहे.


यह भी पढ़ें-अहमदाबाद में राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन, पीएम ने कहा- खिलाड़ियों की जीत देश की छवि को बेहतर बनाती है

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.