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मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिए निर्देश, संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा को लेकर कही ये बात

राजधानी में मुख्य सचिव ने समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि 'सभी जनपदों में गेहूं क्रय की प्रतिदिन समीक्षा करते हुये प्रगति लाई जाये.'

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Published : May 19, 2023, 8:38 AM IST

लखनऊ : मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. बैठक में खाद्य एवं रसद, पशुधन, कौशल विकास मिशन आदि के कार्यों की समीक्षा की गई. मुख्य सचिव ने कहा कि 'संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा-2023 का आयोजन 15 जून, 2023 को प्रस्तावित है. इस परीक्षा को नकलविहीन व पारदर्शिता के साथ संपन्न कराने के लिए सभी तैयारियों को समय से पूरा कर लिया जाये. अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिये. सभी केन्द्रों पर पेयजल, शौचालय आदि मूलभूत सुविधायें उपलब्ध और सीसीटीवी कैमरे क्रियाशील होने चाहिये.'

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिए निर्देश
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिए निर्देश

गेहूं खरीद की समीक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि 'सभी जनपदों में गेहूं क्रय की प्रतिदिन समीक्षा करते हुये प्रगति लाई जाये. जनपद स्तर पर पंचायती राज विभाग का सहयोग प्राप्त कर ग्राम पंचायतों के माध्यम से गेहूं क्रय करने की कार्ययोजना तैयार की जाये. ग्राम प्रधानों को क्रय लक्ष्य देते हुए उनका सहयोग प्राप्त कर गेहूं खरीद में प्रगति लाई जाये. उन्होंने अत्यधिक गेहूं क्रय कराने वाले ग्राम प्रधान को सम्मानित करने का भी सुझाव दिया.' उन्होंने कहा कि 'संरक्षित निराश्रित गोवंश के भरण पोषण के लिये लगभग 80 लाख कुंतल भूसे की आवश्यकता होगी. सभी जनपदों को गौ आश्रय स्थल में संरक्षित गोवंश के अनुसार भूसा क्रय एवं दान से प्राप्त करने के लिए लक्ष्य उपलब्ध करा दिया गया है. सभी जिलाधिकारी भूसे की स्थिति की समीक्षा कर 31 मई, 2023 तक एक तिहाई भूसे का भण्डारण अवश्य सुनिश्चित करा लिया जाये. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत डीबीटी के माध्यम से भुगतान के लिए गो-आश्रय पोर्टल तैयार कराया गया है. इस पोर्टल पर लाभार्थियों का आधार नंबर व बैंक खातों का विवरण दर्ज किया जाना है, अतः सभी जिलाधिकारी एमआईएस के अनुसार समस्त अवशेष डाटा का सत्यापन कराते हुये 7 दिनों के भीतर पोर्टल पर अपलोड कराना सुनिश्चित करायें, जिससे जून, 2023 का भुगतान जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में किया जा सके.'


कौशल विकास मिशन की समीक्षा करते हुये चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि 'बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने का यह एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है. अतः मिशन के तहत जनपदों में चल रहे प्रशिक्षण कार्यों का समय-समय पर अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर कौशल विकास मिशन को बढ़ावा दिया जाये. निर्धारित लक्ष्य के अनुसार, शत-प्रतिशत युवाओं का पंजीकरण कराकर प्रशिक्षण कार्य को समय से पूरा कराया जाये. प्लेसमेंट के डाटा को भी यूपीएसडीएम पोर्टल पर अपलोड कराया जाये. प्रशिक्षण समय से पूरा न कराने वाली एजेन्सियों के विरुद्ध भी नियमानुसार कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाये. उन्होंने प्रस्तावित ग्राउंड ब्रेक्रिंग सेरेमनी की प्रगति की गहन समीक्षा की. उन्होंने कहा कि निवेशकों को निरन्तर संवाद बनाते हुये उन्हें अधिक से अधिक फैसिलिटेट और प्रोत्साहित किया जाये, साथ ही सभी औपचारिकताओं को समय से पूरा कराया जाये और जनपद में उपलब्ध लैंड बैंक की भी जानकारी दी जाये, जिससे अधिक से अधिक प्रोजेक्ट जीबीसी के लिये तैयार हो सकें. जनपद में नियुक्त होने वाले उद्यमी मित्र का सहयोग निवेशकों के हैंडहोल्डिंग व उनकी समस्याओं का समाधान कराने में सहयोग लिया जाये.'


समीक्षा के दौरान बताया गया कि 'जीबीसी के लिये 7,86,748 करोड़ रुपये के 5,701 एमओयू को शार्टलिस्टेड किया गया है, जिनमें से 71,738 करोड़ रुपये के 1,199 एमओयू जीबीसी के लिये तैयार हैं, अगले माह से सभी जनपदों में एक-एक उद्यमी मित्र ज्वाइन करेंगे, उन्हें 14 दिनों का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा.'



‘मिशन निरामयाः’ की समीक्षा बैठक आयोजित : मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में ‘मिशन निरामयाः’ की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. मुख्य सचिव ने कहा कि ‘मिशन निरामयाः’ अधिक कार्यकुशल नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने की एक महत्वाकांक्षी अभियान है. इससे प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे और सुदृढ़ होगा और लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधायें प्राप्त होंगी. इस अभियान में तेजी लाते हुये भविष्य की जरूरतों के अनुसार नर्सिंग एवं पैरामेडिकल प्रशिक्षण में व्यापक परिवर्तन पर जोर दिया जाये. उन्होंने कहा कि नर्सिंग कॉलेज व पैरामेडिकल कॉलेज में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाये और कोर्स की प्रवेश परीक्षा तथा एकेडेमिक परीक्षा को नकलविहीन व पारदर्शिता के साथ संपन्न करायी जायें, ताकि प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें बेहतर प्लेसमेंट प्राप्त हो सके. इसके अलावा अभियान चलाकर प्रदेश में अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग व पैरामेडिकल कालेजों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाये.

यह भी पढ़ें : रेलवे कॉलोनियों से अवैध कब्जा हटाया जाएगा, कराई जाएगी ऑडिटिंग

लखनऊ : मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. बैठक में खाद्य एवं रसद, पशुधन, कौशल विकास मिशन आदि के कार्यों की समीक्षा की गई. मुख्य सचिव ने कहा कि 'संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा-2023 का आयोजन 15 जून, 2023 को प्रस्तावित है. इस परीक्षा को नकलविहीन व पारदर्शिता के साथ संपन्न कराने के लिए सभी तैयारियों को समय से पूरा कर लिया जाये. अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिये. सभी केन्द्रों पर पेयजल, शौचालय आदि मूलभूत सुविधायें उपलब्ध और सीसीटीवी कैमरे क्रियाशील होने चाहिये.'

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिए निर्देश
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिए निर्देश

गेहूं खरीद की समीक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि 'सभी जनपदों में गेहूं क्रय की प्रतिदिन समीक्षा करते हुये प्रगति लाई जाये. जनपद स्तर पर पंचायती राज विभाग का सहयोग प्राप्त कर ग्राम पंचायतों के माध्यम से गेहूं क्रय करने की कार्ययोजना तैयार की जाये. ग्राम प्रधानों को क्रय लक्ष्य देते हुए उनका सहयोग प्राप्त कर गेहूं खरीद में प्रगति लाई जाये. उन्होंने अत्यधिक गेहूं क्रय कराने वाले ग्राम प्रधान को सम्मानित करने का भी सुझाव दिया.' उन्होंने कहा कि 'संरक्षित निराश्रित गोवंश के भरण पोषण के लिये लगभग 80 लाख कुंतल भूसे की आवश्यकता होगी. सभी जनपदों को गौ आश्रय स्थल में संरक्षित गोवंश के अनुसार भूसा क्रय एवं दान से प्राप्त करने के लिए लक्ष्य उपलब्ध करा दिया गया है. सभी जिलाधिकारी भूसे की स्थिति की समीक्षा कर 31 मई, 2023 तक एक तिहाई भूसे का भण्डारण अवश्य सुनिश्चित करा लिया जाये. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत डीबीटी के माध्यम से भुगतान के लिए गो-आश्रय पोर्टल तैयार कराया गया है. इस पोर्टल पर लाभार्थियों का आधार नंबर व बैंक खातों का विवरण दर्ज किया जाना है, अतः सभी जिलाधिकारी एमआईएस के अनुसार समस्त अवशेष डाटा का सत्यापन कराते हुये 7 दिनों के भीतर पोर्टल पर अपलोड कराना सुनिश्चित करायें, जिससे जून, 2023 का भुगतान जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में किया जा सके.'


कौशल विकास मिशन की समीक्षा करते हुये चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि 'बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने का यह एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है. अतः मिशन के तहत जनपदों में चल रहे प्रशिक्षण कार्यों का समय-समय पर अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर कौशल विकास मिशन को बढ़ावा दिया जाये. निर्धारित लक्ष्य के अनुसार, शत-प्रतिशत युवाओं का पंजीकरण कराकर प्रशिक्षण कार्य को समय से पूरा कराया जाये. प्लेसमेंट के डाटा को भी यूपीएसडीएम पोर्टल पर अपलोड कराया जाये. प्रशिक्षण समय से पूरा न कराने वाली एजेन्सियों के विरुद्ध भी नियमानुसार कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाये. उन्होंने प्रस्तावित ग्राउंड ब्रेक्रिंग सेरेमनी की प्रगति की गहन समीक्षा की. उन्होंने कहा कि निवेशकों को निरन्तर संवाद बनाते हुये उन्हें अधिक से अधिक फैसिलिटेट और प्रोत्साहित किया जाये, साथ ही सभी औपचारिकताओं को समय से पूरा कराया जाये और जनपद में उपलब्ध लैंड बैंक की भी जानकारी दी जाये, जिससे अधिक से अधिक प्रोजेक्ट जीबीसी के लिये तैयार हो सकें. जनपद में नियुक्त होने वाले उद्यमी मित्र का सहयोग निवेशकों के हैंडहोल्डिंग व उनकी समस्याओं का समाधान कराने में सहयोग लिया जाये.'


समीक्षा के दौरान बताया गया कि 'जीबीसी के लिये 7,86,748 करोड़ रुपये के 5,701 एमओयू को शार्टलिस्टेड किया गया है, जिनमें से 71,738 करोड़ रुपये के 1,199 एमओयू जीबीसी के लिये तैयार हैं, अगले माह से सभी जनपदों में एक-एक उद्यमी मित्र ज्वाइन करेंगे, उन्हें 14 दिनों का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा.'



‘मिशन निरामयाः’ की समीक्षा बैठक आयोजित : मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में ‘मिशन निरामयाः’ की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. मुख्य सचिव ने कहा कि ‘मिशन निरामयाः’ अधिक कार्यकुशल नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने की एक महत्वाकांक्षी अभियान है. इससे प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे और सुदृढ़ होगा और लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधायें प्राप्त होंगी. इस अभियान में तेजी लाते हुये भविष्य की जरूरतों के अनुसार नर्सिंग एवं पैरामेडिकल प्रशिक्षण में व्यापक परिवर्तन पर जोर दिया जाये. उन्होंने कहा कि नर्सिंग कॉलेज व पैरामेडिकल कॉलेज में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाये और कोर्स की प्रवेश परीक्षा तथा एकेडेमिक परीक्षा को नकलविहीन व पारदर्शिता के साथ संपन्न करायी जायें, ताकि प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें बेहतर प्लेसमेंट प्राप्त हो सके. इसके अलावा अभियान चलाकर प्रदेश में अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग व पैरामेडिकल कालेजों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाये.

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