लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर एक बार फिर से कयासों का बाजार गर्म है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार की शाम को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की. इस सूचना के बाहर आने के साथ ही यह भी कयास लगाए जाने लगे हैं कि बहुत जल्दी उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार संभव है. ओमप्रकाश राजभर जो कि लंबे समय से मंत्रिमंडल विस्तार के इंतजार में लगे हुए हैं उनके मन में सकारात्मक भाव फिर से बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं, दूसरी ओर मऊ में हुए उप चुनाव में हार का सामना करने वाले दारा सिंह चौहान को भी यह उम्मीद होगी कि उनको यूपी के मंत्रिमंडल में स्थान दिया जा सकता है. फिलहाल यह सब अनुमानों पर आधारित है. सियासी गलियारों में यह सारे अनुमान तब तब लगाए जाते हैं जब-जब मुख्यमंत्री राज्यपाल से मुलाकात करते हैं.
राज्यपाल को पुस्तक भेंट की : इससे पहले दीपावली से पहले मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से मुलाकात की थी तब कहा जा रहा था कि धनतेरस के दिन यूपी में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. पांच राज्यों में चुनाव परिणाम आने के बाद एक बार फिर से माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए यूपी में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजभवन पहुंचे और यहां करीब 20 मिनट तक रुके. उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को एक पुस्तक भी भेंट की. मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उनके मुख्यमंत्री से बात हुई है या नहीं इस विषय पर कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है.
यूपी में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्य नाम ओमप्रकाश राजभर का चर्चा में है. राजभर लंबे समय से मीडिया में इस तरह के बयान दे रहे हैं कि उनको मंत्री बनाया जा सकता है. अपने साथ ही दारा सिंह चौहान का भी वे नाम ले रहे हैं. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के भीतर से रामपुर के विधायक आकाश सक्सेना के अलावा एक ब्राह्मण चेहरा भी मंत्री बनाया जाना चर्चा में है. उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल में अभी छह सीटों का स्कोप और है. यानी की विस्तार होने की दशा में छह विधायक और मंत्री बनाए जा सकते हैं. लोकसभा चुनाव से पहले अगर मंत्रिमंडल विस्तार हुआ तो मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी भविष्य में जातिगत संदेश देना चाहेगी, ताकि उसको लोकसभा चुनाव में इसका लाभ मिल सके. फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार की बातें भविष्य पर ही निर्भर करेंगी यह सब अभी केवल अनुमान है.