लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश की वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट योजना को आज पूरा देश आजमा रहा है. इस योजना की वजह से आज उत्तर प्रदेश का कोई ऐसा जिला नहीं है जहां से निर्यात न हो रहा हो. इस योजना से पौने दो लाख करोड़ रुपए का निर्यात आज पूरी दुनिया में हो चुका है. इसकी वजह है कि उत्तर प्रदेश के कारीगरों को हमारी सरकार हर संभव प्रोत्साहन दे रही है. विश्वकर्मा श्रम सम्मान की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है. हम आगे भी ऐसे ही उत्तर प्रदेश में लघु एवं अति सूक्ष्म उद्योग को बढ़ावा देते रहेंगे.'
ओडीओपी के अंतर्गत राज्य निर्यात पुरस्कार, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य पुरस्कार, संतकबीर राज्य हथकरघा पुरस्कार व विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजनांतर्गत टूलकिट का वितरण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार की शाम लोक भवन के सभागार में किया. इस मौके पर उद्योग मंत्री नंद गोपाल नंदी भी मौजूद रहे. 600 से अधिक कारीगरों को इस मौके पर सम्मानित किया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'मुझे प्रसन्नता है कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना को शुरू किया था. हम आज टूल किट उपलब्ध करवा रहे हैं, जिनकी संख्या 600 है. प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत को गति दे रहे हैं. 24 जनवरी 2019 को हमने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना को शुरू किया था. एक जनपद एक उत्पाद योजना में एक प्रोडक्ट को प्रोत्साहित करना शुरू किया था.'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'यह योजना आज भारत की रीढ़ की हड्डी बन गया है. आज हर जिले से निर्यात हो रहा है. उत्तर प्रदेश में आज 96 लाख msme यूनिट स्थापित हुई हैं. 40 लाख कामगार लॉक डाउन में वापस आए थे. लोगों को उत्तर प्रदेश में काम मिल गया है. इसी वजह से उत्तर प्रदेश निवेश का सबसे बड़ा गढ़ बन गया है.'
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