लखनऊ/गोरखपुर/संभल : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जीवन को सुखमय और आनंदमई बनाना है तो योग को अपनी नियमित दिनचर्या का लोगों को हिस्सा बनाना पड़ेगा. सीएम योगी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर गोरखनाथ मंदिर के दिग्विजय नाथ सभागार में आयोजित योग शिविर में लोगों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने योगासन की विभिन्न मुद्राओं को भी लोगों के बीच प्रस्तुत करके योगाभ्यास से जुड़ने का संदेश दिया.
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श्री गोरखनाथ मंदिर, गोरखपुर में 09वें 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' के अवसर पर...@GorakhnathMndr https://t.co/7iZpdwcYvx
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उन्होंने कहा कि योग प्रमाणिक है. कोरोना काल में लोगों ने इसका महत्व देखा है. योग में प्राणायाम सबसे ज्यादा लाभकारी है. लंग्स जब प्रभावित हुआ तो लोगों ने इसका उपयोग किया. योगी ने कहा कि जो लोग ज्यादा श्रम करते रहे उनके लंग्स ज्यादा मजबूत रहे हैं. योग से व्यक्तित्व बदल जाता है. अच्छी नींद आती है. इससे व्यक्तिगत सिद्धि मिलती है. योग से जोड़ों का दर्द दूर होता है. योग अपनाएं जीवन स्वस्थ बनाएं. दुनिया के अंदर तमाम ऐसे परिणाम आए जो हमको चेतावनी देने लगे हैं. प्राणायाम हमारे शारीरिक स्फूर्ति का माध्यम बनते हैं. यह शारीरिक सुदृढ़ता और स्थिरता प्रदान करता है. योग बेहतर पाचन तंत्र और आंतरिक अंग को मजबूत करता है. योग अस्थमा का भी इलाज है.
उन्होंने कहा कि योग दिवस आज पूरी दुनिया में भारत की पहल की वजह से जाना जा रहा है. जिसको पूरी दुनिया मना रही है. अगर विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना है तो योग उसका बड़ा माध्यम है. आज विभिन्न प्रकार की जो बीमारियां हैं उस पर योग से लगाम लगाया जा सकता है. इसका क्षेत्र बहुत विस्तृत है. एक सामान्य नागरिक के लिए सारी बीमारियों पर विजय प्राप्त करने का माध्यम है योग. बता दें कि बुधवार को पूरी दुनिया में मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए योग को अपनाने की अपील की थी. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो संदेश जारी करते हुए यह संदेश दिया था. वहीं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने लखनऊ में राजभवन प्रांगण में योगाभ्यास किया. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने रेजीडेंसी लखनऊ तो भारत सरकार के राज्य मंत्री आवास एवं शहरी कार्य कौशल किशोर ने लखनऊ के काकोरी शहीद स्मारक में लोगों के साथ योग किया.
वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि 'योग के माध्यम से जो श्रम किया जाता है वो कभी निरर्थक नहीं जाता. योग सम्पूर्ण दुखों का निवारण कर देता है. आप सभी को 9वें 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. योग से शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं. यह स्वास्थ्य, सुख, शांति, समन्वय का माध्यम है. प्रारंभ से ही योग हमारी सनातन परंपरा का अभिन्न अंग रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की पहल पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत की परंपरागत विरासत योग को मान्यता प्रदान करते हुए प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का संकल्प सर्वसम्मति से अनुमोदित किया. 21 जून 2015 को प्रथम अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया. आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा इस वर्ष इसकी थीम 'हर आंगन योग' रखी गई है. इसका उद्देश्य प्रत्येक परिवार को योग से जोड़ते हुए कल्याण एवं स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति है. प्रदेश में व्यापक रूप से योग दिवस का आयोजन किया जा रहा है. अतः योग अवश्य अपनाएं. स्वस्थ रहें, सानंद रहें.'
मदरसे में दर्जनों बच्चों ने किया योगाभ्यास : सोमवार को 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर जगह-जगह योगाभ्यास किया गया. एक तरफ जहां मुख्यमंत्री, राज्यपाल और सरकार के मंत्री योग करते नज़र आए तो वहीं मदरसों में भी खूबसूरत नजारा देखने को मिला. सुबह सवेरे लखनऊ के गोमतीनगर स्थित एक मदरसे में दर्जनों बच्चों ने योगाभ्यास किया. गोमतीनगर स्थित मदरसा दारूल उलूम वारसिया में योगी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ, हज राज्यमंत्री दानिश अंसारी ने पहुंचकर मदरसे के बच्चों के साथ योगा किया. मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने कहा कि योग जीवन का वह अन्त दर्शन है जो मनुष्य को उसकी आत्मा से जोड़ता है. योग हमारे ह्रदय, भावनाओं और शरीर को स्थिर कर नियंत्रण स्थापित करता है. दानिश अंसारी के साथ भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष कुंवर बासित अली, उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी समेत भाजपा के कई नेता मौजूद रहे. गौरतलब है कि भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने सभी मदरसों, सूफी दरगाओं से अपील की थी कि इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सभी अपने यहां योगाभ्यास करें और इस खास मौके पर मुसलमान भी बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी दिखाएं.
तमाम मदरसों ने जहां योग दिवस का विरोध कर अपने यहां योग दिवस नहीं मनाया तो वहीं संभल के सपा सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क ने भी मदरसों में योग दिवस न कराकर तालीम दिवस मनाने की मांग उठाई थी, लेकिन इन सब के बीच संभल के कुछ मदरसों ने योग दिवस पर न सिर्फ योगा कराया, बल्कि विरोध करने वालों के मुंह पर करारा तमाचा भी मारा है. आपको बता दें कि देश भर में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया, वहीं मदरसों में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग कराया गया. संभल के कुछ मदरसों में योग दिवस को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया. संभल के हिलाली सराय स्थित मदरसा सिराजुल उलूम एवं सराय तरीन के मदरसा जियाउल उलूम में योग दिवस पर छात्रों और शिक्षकों ने योग किया. बारिश के कारण मदरसों में छत के नीचे योग कराया गया. मदरसा सिराजुल उलूम के मौलाना जकरिया ने योग के दौरान छात्रों को योग से होने वाले फायदों के बारे में बताया तो वहीं उन्होंने योग से शरीर और मस्तिष्क स्वस्थ रहने तथा निरंतर योग करने का आह्वान किया. उन्होंने योग के दौरान छात्रों को प्रतिदिन योग करने से होने वाले फायदों को गिनाया. मदरसा जियाउल उलूम के शिक्षक मोहम्मद जुबेर सलामी ने बताया कि 'उन्होंने अपने मदरसे में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर छात्रों को योग कराया और उन्हें बताया कि योग जिंदगी का अहम हिस्सा है, जो लोग प्रतिदिन योग करते हैं उनकी जिस्मानी ताकत अच्छी होती है. दिमाग भी सही रहता है यही नहीं हड्डी मजबूत होती हैं, इसलिए रोजाना योग करने की नसीहत दी. गौरतलब हो कि सरकार ने इस बार सभी मदरसों में योग दिवस पर योग करने के निर्देश दिए थे, लेकिन तमाम मदरसों ने योग दिवस का विरोध किया तो वहीं संभल के सपा सांसद डॉ बर्क ने भी मदरसों में योग दिवस का विरोध करते हुए कहा था कि मदरसों में योग दिवस नहीं तालीम दिवस मनाना चाहिए.'
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