लखनऊ: यूपी में डॉक्टर-स्वास्थ्य कर्मियों का आन्दोलन टल गया है. उन्हें स्थानांतरण नीति में बदलाव का भरोसा दिया गया है. राजधानी लखनऊ में स्वास्थ्यकर्मी बीते दो दिनों से दिन में दो घंटे के लिए सारे कामकाज बंद कर अपना विरोध जता रहे थे.
चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ दो दिनों से स्थानांतरण नीति को लेकर आंदोलन कर रहा है. सुबह आठ से दस बजे तक प्रदेश भर के अस्पतालों में इलाज ठप रहा. अपर मुख्य सचिव गृह से सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल डॉ सचिन वैश्य, केके सचान, अशोक कुमार, डॉ अमित सिंह, सर्वेश पाटिल, सुनील कुमार ने लोक भवन में मुलाकात की. इस दौरान कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए चिकित्सक, नर्सेज व पैरामेडिकल का नीति के बजाए अनुरोध के आधार पर स्थानांतरण करने की बात कही गई. ऐसे में महासंघ ने धरना टाल दिया है. वहीं रविवार को स्वास्थ्य मंत्री से वार्ता के बाद अगली रणनीति तय करने की बात कही है.
दरअसल, प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारी जारी हैं. ऐसे में 11 बीएसएल-2 लैब और बनकर तैयार हो गई हैं. यह लैब अमेठी, औरैया, बुलंदशहर, बिजनौर, महोबा, कासगंज, देवरिया, कुशीनगर, सोनभद्र, सिद्धार्थनगर में हैं. जिनका मुख्यमंत्री रविवार को लोकार्पण करेंगे. इनके लोकार्पण के बाद अब कुल लैब 44 हो जाएंगी.
आपको बता दें कि रविवार को सीएचसी-पीएचसी एप को भी लांच किया जाएगा. इसमें लोगों की स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं का निदान होगा. वहीं नव विवाहितों को परिवार नियोजन के प्रति प्रोत्साहन के लिए शगुन किट का वितरण किया जायेगा. साथ ही जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़ा की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री रविवार को 'जनसंख्या नीति' का भी विमोचन करेंगे.