लखनऊ: सपा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गोमती रिवरफ्रंट में बड़े घोटाले की बात सामने आ रही है. अब इस घोटाले की जांच सीबीआई के हाथों में है. सीबीआई ने इसमें अब तक तत्कालीन मुख्य अभियंता रूप सिंह यादव और वरिष्ठ लिपिक राजकुमार यादव को गिरफ्तार करके उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की है, जिसमें महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, सीबीआई को मुख्य अभियंता ने पूछताछ में कमीशन में 50 करोड़ से ज्यादा रकम मिलने की बात बताई है. अभियंता ने बताया कि यह रकम उसे कमीशन के रूप में मिली थी, जिससे उसने चल और अचल संपत्ति बनाई है. यहां तक कि घर की महिलाओं के नाम उसने निवेश भी किया है.
रिवरफ्रंट घोटाले में कमीशन में मिली थी बड़ी रकम
गोमती रिवरफ्रंट योजना सपा सरकार में 2012 से लेकर 2017 तक सिंचाई विभाग के अधीन 1513 करोड़ के बजट से गोमती नदी के दोनों तरफ घाटों की सुंदरता और नदी में नौकायन को विकसित करने के लिए बनाई गई थी. वहीं इस योजना में घोटाले की बात अब जांच में सामने आ रही है. प्रदेश की योगी सरकार ने इस मामले में सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की थी, जिसके बाद अब सीबीआई ने जांच में घोटाले की बात को सही पाया है. अब तक सीबीआई ने तत्कालीन मुख्य अभियंता रूप सिंह यादव और वरिष्ठ लिपिक राजकुमार यादव को गिरफ्तार किया है. दोनों से सीबीआई ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभियंता ने इस पूछताछ में बताया कि उसे कमीशन के रूप में 50 करोड़ से ज्यादा रकम मिले थे, जिसको उसने घर की महिलाओं और कई काम में निवेश किया है.
काम पूरा नहीं, लेकिन 95 फीसदी बजट खर्च
सपा सरकार की इस योजना में बड़ी खामी मिली थी, जिसे देखते हुए सत्ता में आते ही प्रदेश की योगी सरकार ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज से इसकी जांच कराई. क्योंकि इस योजना में काम पूरा हुए बगैर ही बजट का 95 फीसदी हिस्सा खर्च कर दिया गया था. जबकि काम 60 फीसदी भी पूरा नहीं हुआ था. मुख्य अभियंता समेत कई लोगों पर कार्रवाई की सिफारिश भी की गई. इस मामले में सीबीआई जांच कर रही है. सीबीआई अब तक इस मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है.
आरोपियों से पूछताछ के लिए मिली 4 दिन की रिमांड
गोमती रिवरफ्रंट घोटाले सीबीआई सिंचाई विभाग के पकड़े गए मुख्य अभियंता रूप सिंह यादव और लिपिक राजकुमार से पूछताछ के लिए आज चार और दिन की रिमांड मिली है. अब 28 नवंबर तक सीबीआई दोनों आरोपियों से और पूछताछ कर सकेगी क्योंकि पहले रिमांड में सीबीआई को दोनों से पूछताछ में काफी अहम जानकारियां मिली थी.