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सामूहिक दुष्कर्म के बाद हुई थी पीड़िता की हत्या: CBI चार्जशीट - हाथरस गैंगरेप मामला

हाथरस गैंगरेप मामले में सीबीआई ने चारों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. जांच अधिकारी सीमा पाहुजा चार्जशीट दाखिल करने के लिए गाजियाबाद से सीधे हाथरस पहुंची थी. वहीं सीबीआई की चार्जशीट में सामूहिक दुष्कर्म के बाद पीड़िता की हत्या का खुलासा हुआ है.

हाथरस गैंगरेप मामला.
हाथरस गैंगरेप मामला.
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Published : Dec 18, 2020, 4:17 PM IST

Updated : Dec 18, 2020, 8:57 PM IST

लखनऊ: हाथरस गैंगरेप मामले में शुक्रवार को सीबीआई ने चारों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. जांच अधिकारी सीमा पाहुजा चार्जशीट दाखिल करने के लिए गाजियाबाद से सीधे हाथरस पहुंची थी.चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, छेड़छाड़ और एससी-एसटी एक्ट की धारा में केस बनाया गया है. मामले में गांव से पीड़िता के भाई और भाभी को भी कोर्ट में लाया गया है. सभी को सीआरपीएफ की सुरक्षा में कोर्ट लाया गया.

कोर्ट में सीबीआई ने दाखिल की चार्जशीट.
कोर्ट में सीबीआई ने दाखिल की चार्जशीट.

सूत्रों की मानें तो सीबीआई पीड़िता के भाई का पहले पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहती थी लेकिन उसने मना कर दिया था. अब सीबीआई फिर पीड़िता के भाई को गुजरात ले जा सकती है, जहां उससे पूछताछ की जाएगी. साथ ही उसका फॉरेंसिक साइकोलॉजिकल टेस्ट भी कराया जाएगा. हाथरस के थाना चंदपा क्षेत्र में 14 सितंबर को एक युवती के साथ कथित गैंगरेप की वारदात हुई. इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़िता की दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में मौत हो गई थी. मामले में चार युवकों को आरोपी बनाया गया है और सीबीआई इसकी जांच कर रही है.

ढाई महीने की जांच के बाद दाखिल की गई चार्जशीट

ढाई महीने की जांच के बाद सीबीआई ने शुक्रवार को हाथरस के एससी- एसटी कोर्ट में चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने पहुंची. सीबीआई ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है. वहीं हाईकोर्ट में 25 नवंबर को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने आज के दिन चार्जशीट दाखिल करने की बात कही थी. पिछले दिनों चारों आरोपियों को सीबीआई की टीम गुजरात लेकर गई थी, जहां सभी आरोपियों का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया था.

सीबीआई कोर्ट से मांग सकती है अनुमति

जानकारी के अनुसार कोर्ट से सीबीआई पीड़िता के भाई का फॉरेंसिक साइकोलॉजिकल टेस्ट कराने की अनुमति मांग सकती है. इस टेस्ट में मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन कराया जाता है, जिसमें किसी भी व्यक्ति से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रश्न किए जाते हैं. प्रश्न के दिए गए उत्तर को रिकॉर्ड करके मनोवैज्ञानिक पहलुओं, लक्ष्यों और उद्देश्यों को नापा जाता है. इससे यह पता चल जाता है कि व्यक्ति के दिए गए जवाब में कितनी सच्चाई है.

लखनऊ: हाथरस गैंगरेप मामले में शुक्रवार को सीबीआई ने चारों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. जांच अधिकारी सीमा पाहुजा चार्जशीट दाखिल करने के लिए गाजियाबाद से सीधे हाथरस पहुंची थी.चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, छेड़छाड़ और एससी-एसटी एक्ट की धारा में केस बनाया गया है. मामले में गांव से पीड़िता के भाई और भाभी को भी कोर्ट में लाया गया है. सभी को सीआरपीएफ की सुरक्षा में कोर्ट लाया गया.

कोर्ट में सीबीआई ने दाखिल की चार्जशीट.
कोर्ट में सीबीआई ने दाखिल की चार्जशीट.

सूत्रों की मानें तो सीबीआई पीड़िता के भाई का पहले पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहती थी लेकिन उसने मना कर दिया था. अब सीबीआई फिर पीड़िता के भाई को गुजरात ले जा सकती है, जहां उससे पूछताछ की जाएगी. साथ ही उसका फॉरेंसिक साइकोलॉजिकल टेस्ट भी कराया जाएगा. हाथरस के थाना चंदपा क्षेत्र में 14 सितंबर को एक युवती के साथ कथित गैंगरेप की वारदात हुई. इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़िता की दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में मौत हो गई थी. मामले में चार युवकों को आरोपी बनाया गया है और सीबीआई इसकी जांच कर रही है.

ढाई महीने की जांच के बाद दाखिल की गई चार्जशीट

ढाई महीने की जांच के बाद सीबीआई ने शुक्रवार को हाथरस के एससी- एसटी कोर्ट में चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने पहुंची. सीबीआई ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है. वहीं हाईकोर्ट में 25 नवंबर को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने आज के दिन चार्जशीट दाखिल करने की बात कही थी. पिछले दिनों चारों आरोपियों को सीबीआई की टीम गुजरात लेकर गई थी, जहां सभी आरोपियों का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया था.

सीबीआई कोर्ट से मांग सकती है अनुमति

जानकारी के अनुसार कोर्ट से सीबीआई पीड़िता के भाई का फॉरेंसिक साइकोलॉजिकल टेस्ट कराने की अनुमति मांग सकती है. इस टेस्ट में मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन कराया जाता है, जिसमें किसी भी व्यक्ति से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रश्न किए जाते हैं. प्रश्न के दिए गए उत्तर को रिकॉर्ड करके मनोवैज्ञानिक पहलुओं, लक्ष्यों और उद्देश्यों को नापा जाता है. इससे यह पता चल जाता है कि व्यक्ति के दिए गए जवाब में कितनी सच्चाई है.

Last Updated : Dec 18, 2020, 8:57 PM IST
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