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स्मारक घोटाला मामला: 57 अभियुक्तों के खिलाफ दाखिल किया गया आरोप पत्र

स्मारक घोटाला मामले में आरोपियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. सोमवार को एमपी-एमलए की विशेष कोर्ट में 57 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया.

स्मारक घोटाला मामला
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Published : Sep 6, 2021, 10:18 PM IST

लखनऊ : अरबों रुपये के स्मारक घोटाला मामले में सोमवार को एमपी-एमलए की विशेष कोर्ट में 57 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया. इनमें कुछ अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 409 व 120बी के तहत, जबकि कुछ के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) व 13 (2) में आरोप पत्र दाखिल किया गया है. विशेष जज पवन कुमार राय ने आरोप पत्र पर संज्ञान के बिन्दू पर सुनवाई के लिए 15 सितंबर की तारीख तय की है. उल्लेखनीय है कि कुछ ही दिनों पहले हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भी पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की याचिका पर चार सप्ताह में विवेचना पूर्ण करने का आदेश दिया था.

क्या है मामला

उल्लेखनीय है कि यह वर्ष 2007-2011 के दौरान लखनऊ व नोएडा में स्मारकों व उद्यानों के निर्माण व इससे जुड़े अन्य कार्यो में प्रयोग किए जाने वाले सैंडस्टोन की खरीद-फरोख्त में अरबों के घोटाले का मामला है. इन स्मारको में अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, मान्यवर कांशीराम स्मार स्थल, गौतम बु़द्ध उपवन, ईको पार्क व नोएडा का अम्बेडकर पार्क है.

इसके लिए 42 अरब 76 करोड़ 83 लाख 43 हजार का बजट आवंटित हुआ था. जिसमें 41 अरब 48 करोड़ 54 लाख 80 हजार की धनराशि खर्च की गई. लोकायुक्त की जांच में खुलासा हुआ कि खर्च की गई धनराशि का 34 प्रतिशत यानि 14 अरब 10 करोड़ 50 लाख 63 हजार 200 रुपए विभागीय मंत्रियों व अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गए. लोकायुक्त की रिपोर्ट में इस मामले की एफआईआर दर्ज कर विवेचना की संस्तुति की गई थी.

इसे भी पढे़ं- बीएचयू: छात्रों व कर्मियों में मारपीट, विरोध में मुख्य द्वार किया बंद, पुलिस फोर्स तैनात

आपको बता दें, मामले की एफआईआर 1 जनवरी 2014 को उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक राम नरेश सिंह राठौर ने थाना गोमती नगर में दर्ज कराई थी. मामले में तत्कालीन मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, खनन मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा समेत तमाम अधिकारियों-कर्मचारियों को नामजद किया गया था.

लखनऊ : अरबों रुपये के स्मारक घोटाला मामले में सोमवार को एमपी-एमलए की विशेष कोर्ट में 57 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया. इनमें कुछ अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 409 व 120बी के तहत, जबकि कुछ के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) व 13 (2) में आरोप पत्र दाखिल किया गया है. विशेष जज पवन कुमार राय ने आरोप पत्र पर संज्ञान के बिन्दू पर सुनवाई के लिए 15 सितंबर की तारीख तय की है. उल्लेखनीय है कि कुछ ही दिनों पहले हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भी पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की याचिका पर चार सप्ताह में विवेचना पूर्ण करने का आदेश दिया था.

क्या है मामला

उल्लेखनीय है कि यह वर्ष 2007-2011 के दौरान लखनऊ व नोएडा में स्मारकों व उद्यानों के निर्माण व इससे जुड़े अन्य कार्यो में प्रयोग किए जाने वाले सैंडस्टोन की खरीद-फरोख्त में अरबों के घोटाले का मामला है. इन स्मारको में अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, मान्यवर कांशीराम स्मार स्थल, गौतम बु़द्ध उपवन, ईको पार्क व नोएडा का अम्बेडकर पार्क है.

इसके लिए 42 अरब 76 करोड़ 83 लाख 43 हजार का बजट आवंटित हुआ था. जिसमें 41 अरब 48 करोड़ 54 लाख 80 हजार की धनराशि खर्च की गई. लोकायुक्त की जांच में खुलासा हुआ कि खर्च की गई धनराशि का 34 प्रतिशत यानि 14 अरब 10 करोड़ 50 लाख 63 हजार 200 रुपए विभागीय मंत्रियों व अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गए. लोकायुक्त की रिपोर्ट में इस मामले की एफआईआर दर्ज कर विवेचना की संस्तुति की गई थी.

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आपको बता दें, मामले की एफआईआर 1 जनवरी 2014 को उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक राम नरेश सिंह राठौर ने थाना गोमती नगर में दर्ज कराई थी. मामले में तत्कालीन मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, खनन मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा समेत तमाम अधिकारियों-कर्मचारियों को नामजद किया गया था.

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