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UPP में भर्ती होने वाले दरोगाओं का होगा अब यह टेस्ट, पुलिस ट्रेनिंग में हुआ बड़ा बदलाव - दरोगाओं की ट्रेनिंग में बदलाव

उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती होने वाले दरोगाओं की ट्रेनिंग में बदलाव किया गया है. ट्रेनिंग के दौरान मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए मनोचिकित्सक की क्लास कराई जा रही है.

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Published : May 31, 2023, 3:47 PM IST

लखनऊ : बरेली में तैनात सिपाही शुभम ने ड्यूटी के दौरान अचानक खुद को गोली मार ली. प्रतापगढ़ में एक दरोगा सड़क पर बाइक सवार युवक को बेवजह पीटने लगा. बीते दिनों बदायूं में एक पुलिसकर्मी चौकी में एक युवक पर थर्ड डिग्री इस्तेमाल करता दिखा. इतना ही नहीं पुलिसकर्मियों के आपस में भिड़ने, सीनियर अधिकारियों से अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने के कई मामले आ चुके हैं. इसको लेकर पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग में बड़ा बदलाव किया जा रहा है. खास बात यह है कि ट्रेनिंग पूरी होने के बाद यदि पुलिसकर्मी साइकियाट्रिस्ट टेस्ट में मानसिक स्ट्रांग नहीं दिखे तो उन्हें ट्रेनिंग सेंटर से ही वापस जाना होगा.

दरोगाओं की ट्रेनिंग में बदलाव
दरोगाओं की ट्रेनिंग में बदलाव

मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती होने वाले दरोगाओं की ट्रेनिंग में बदलाव किया गया है. पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में दी जाने वाली ट्रेनिंग अब डिप्टी एसपी की ट्रेनिंग के स्तर की हो रही है. दरोगाओं को मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए मनोचिकित्सक की क्लास कराई जा रही है, ताकि उन्हें ऐसा तैयार किया जाए ताकि वो किसी भी चुनौती का सामना करते वक्त टूटे नहीं और न ही खुद का कंट्रोल खोएं. सभी पीटीसी में कुल 3700 सब इंस्पेक्टर की नए कोर्स के साथ ट्रेनिंग चल रही है और इन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए विदेशों से भी पुलिसिंग के एक्सपर्ट ट्रेनिंग देने के लिए आएंगे.




ट्रेनिंग में दी जाती है जानकारी
ट्रेनिंग में दी जाती है जानकारी

एडीजी पीटीएस जालौन ज्योति नारायण बताते हैं कि 'शासन का आदेश है कि यूपी पुलिस फोर्स में जवान ऐसे भर्ती हों जो मानवाधिकार को समझें, उनका लोगों के प्रति व्यवहार अच्छा हो और सबसे अधिक जोर उनके मानसिक मजबूती पर हो, जिसके चलते समय-समय को ट्रेनिंग में इस्तमाल होने वाले कोर्स में बदलाव होता रहता है. इस बार कैंडिडेट्स को मानसिक तौर पर मजबूती देने में अधिक जोर देते हुए उन्हें ट्रेनिंग कराई जा रही है.'


मुरादाबाद पीटीसी में तैनात दिग्विजय सिंह बताते हैं कि 'कैंडिडेट्स जैसे ही विभाग में नियुक्त होते हैं उनका वेतन शुरू हो जाता है. उनके मुताबिक एक सब इंस्पेक्टर को विभाग में शामिल करने के लिए तैयार करने में तीन से पांच लाख रुपये खर्च होता है. उनके मुताबिक, ट्रेनिंग के दौरान पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी अब तक नहीं की जाती थी, लेकिन अब ट्रेनिंग के दौरान ही बर्खास्तगी करने का नया नियम भी आ गया है. ऐसे में यदि ट्रेनिंग के बाद मनोचिकित्सक को लगता है कि वह फोर्स में शामिल होने के लायक नहीं है तो उसे शामिल न करते हुए बैरंग वापस भेज दिया जाएगा.'

यह भी पढ़ें : फ्लड लाइट से जगमगाया लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेडियम, दूधिया रोशनी में होंगे मैच

लखनऊ : बरेली में तैनात सिपाही शुभम ने ड्यूटी के दौरान अचानक खुद को गोली मार ली. प्रतापगढ़ में एक दरोगा सड़क पर बाइक सवार युवक को बेवजह पीटने लगा. बीते दिनों बदायूं में एक पुलिसकर्मी चौकी में एक युवक पर थर्ड डिग्री इस्तेमाल करता दिखा. इतना ही नहीं पुलिसकर्मियों के आपस में भिड़ने, सीनियर अधिकारियों से अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने के कई मामले आ चुके हैं. इसको लेकर पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग में बड़ा बदलाव किया जा रहा है. खास बात यह है कि ट्रेनिंग पूरी होने के बाद यदि पुलिसकर्मी साइकियाट्रिस्ट टेस्ट में मानसिक स्ट्रांग नहीं दिखे तो उन्हें ट्रेनिंग सेंटर से ही वापस जाना होगा.

दरोगाओं की ट्रेनिंग में बदलाव
दरोगाओं की ट्रेनिंग में बदलाव

मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती होने वाले दरोगाओं की ट्रेनिंग में बदलाव किया गया है. पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में दी जाने वाली ट्रेनिंग अब डिप्टी एसपी की ट्रेनिंग के स्तर की हो रही है. दरोगाओं को मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए मनोचिकित्सक की क्लास कराई जा रही है, ताकि उन्हें ऐसा तैयार किया जाए ताकि वो किसी भी चुनौती का सामना करते वक्त टूटे नहीं और न ही खुद का कंट्रोल खोएं. सभी पीटीसी में कुल 3700 सब इंस्पेक्टर की नए कोर्स के साथ ट्रेनिंग चल रही है और इन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए विदेशों से भी पुलिसिंग के एक्सपर्ट ट्रेनिंग देने के लिए आएंगे.




ट्रेनिंग में दी जाती है जानकारी
ट्रेनिंग में दी जाती है जानकारी

एडीजी पीटीएस जालौन ज्योति नारायण बताते हैं कि 'शासन का आदेश है कि यूपी पुलिस फोर्स में जवान ऐसे भर्ती हों जो मानवाधिकार को समझें, उनका लोगों के प्रति व्यवहार अच्छा हो और सबसे अधिक जोर उनके मानसिक मजबूती पर हो, जिसके चलते समय-समय को ट्रेनिंग में इस्तमाल होने वाले कोर्स में बदलाव होता रहता है. इस बार कैंडिडेट्स को मानसिक तौर पर मजबूती देने में अधिक जोर देते हुए उन्हें ट्रेनिंग कराई जा रही है.'


मुरादाबाद पीटीसी में तैनात दिग्विजय सिंह बताते हैं कि 'कैंडिडेट्स जैसे ही विभाग में नियुक्त होते हैं उनका वेतन शुरू हो जाता है. उनके मुताबिक एक सब इंस्पेक्टर को विभाग में शामिल करने के लिए तैयार करने में तीन से पांच लाख रुपये खर्च होता है. उनके मुताबिक, ट्रेनिंग के दौरान पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी अब तक नहीं की जाती थी, लेकिन अब ट्रेनिंग के दौरान ही बर्खास्तगी करने का नया नियम भी आ गया है. ऐसे में यदि ट्रेनिंग के बाद मनोचिकित्सक को लगता है कि वह फोर्स में शामिल होने के लायक नहीं है तो उसे शामिल न करते हुए बैरंग वापस भेज दिया जाएगा.'

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