लखनऊ: नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय में इसको लेकर कुछ विभागों में सब्जेक्ट के चयन में दिक्कत आ रही थी. नई शिक्षा नीति के लागू होने के 3 वर्ष बाद विश्वविद्यालय के विभागों ने अपने अनुभव के आधार पर अब इसमें सुधार करना भी शुरू कर दिया है. ताकि नई शिक्षा नीति क्या जो मूर्त रूप है उसके अनुसार बच्चों को अच्छे शिक्षा प्रदान की जाए.
विश्वविद्यालय के बीएससी में केमेस्ट्री के छात्रों की मेजर और माइनर से होने वाली समस्या नए शैक्षणिक सत्र से समाप्त (Changes from new session in Lucknow University) कर दी गई है. अब छात्रों को पहले सेमेस्टर में थ्योरी के दो सब्जेक्ट के साथ एक प्रैक्टिकल नहीं देना होगा. विश्वविद्यालय के केमेस्ट्री विभाग ने केमेस्ट्री में एनईपी के तहत नया कोर्स स्ट्रक्चर लागू किया है. इससे इंटर के बाद सीधे चौथे सेमेस्टर में इनआर्गेनिक को पढ़ने में आने वाली समस्या को दूर कर दिया गया है. नए संसोधन के अनुसार छात्रों को अब हर सेमेस्टर में एक सब्जेक्ट और उसी का प्रैक्टिकल देंना होगा.
लखनऊ विश्वविद्यालय में नए सत्र में बदलाव को लेकर विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल मिश्रा ने बताया कि अभी तक बीएससी में केमेस्ट्री विषय लेने वाले छात्रों को इंटर करके आने बाद पहले सेमेस्टर में दो थ्योरी विषय पढ़ने होते थे. इसमें एक मेजर और एक माइनर सब्जेक्ट होता था. आर्गेनिक केमेस्ट्री मेजर और माइनर दोनों होती है इसलिए उसे कम्पलसरी किया गया था. इस वजह से छात्रों को सीधे चौथे सेमेस्टर में इनआर्गेनिक पढ़नी होती थी. जबकि, पिछला कुछ भी उनको ज्ञान नहीं होता था. इसको देखते हुए एनईपी के तहत विषय के कोर्स स्ट्रक्टचर में बदलाव किया गया. अब प्रत्येक सेमेस्टर में छात्रों एक थ्योरी पढ़ेंगे और उसी थ्योरी पर प्रैक्टिकल (One theory One practical rule in Chemistry) करेंगे.
यह नया स्ट्रक्चर तैयार किया गया है
- पहला सेमेस्टर - इनआर्गेनिक थ्योरी और प्रैक्टिकल
- दूसरा सेमेस्टर - आर्गेनिक थ्योरी और प्रैक्टिकल
- तीसरा सेमेस्टर - फिजिकल थ्योरी और प्रैक्टिकल
- चौथा सेमेस्टर - आर्गेनिक व इनआर्गेनिक थ्योरी और प्रैक्टिकल
- पांचवां सेमस्टर - आर्गेनिक व फिजिकल थ्योरी और प्रैक्टिकल
- छठा सेमेस्टर - इनआर्गेनिक, आर्गेनिक व फिजिकल थ्योरी और प्रैक्टिकल
पांचवें सेमेस्टर से मिलेंगे इलेक्टिव पेपर: प्रो. अनिल मिश्रा ने बताया कि पांचवें और छठे सेमेस्टर में छात्रों को प्रैक्टिकल के साथ इंटर्नशिप और दो इलेक्टिव पेपर के विकल्प मिलेगा. इलेक्टिव का पेपर भी दो भागों में बांटा गया है, जैसे केमेस्ट्री और फिजिक्स वाले छात्र अगर इलेक्टिव में केमेस्ट्री चुनेंगे तो उन्हें फिजिक्स में इंटर्नशिप करनी होगी. जबकि छठे सेमेस्टर में इसका बिल्कुल उलट हो जाएगा. फिजिक्टस को इलेक्टिव में चुनकर उन्हीं आधे छात्रों को केमेस्ट्री में इंटर्नशिप करनी होगी. उन्होंने बताया कि जल्द ही यूनिवर्सिटी से जुड़े सम्बद्ध महाविद्यालयों को इंटर्नशिप और इलेक्टिव पेपर के संबंध में एक पत्र के माध्यम से सूचनाएं भेज कर जानकारी दी जाएगी.