लखनऊ. जनपद से पिछली योगी कैबिनेट में डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, डॉ. महेंद्र सिंह, स्वाति सिंह, ब्रजेश पाठक, मोहसिन रज़ा और आशुतोष टंडन को मिलाकर 6 मंत्री थे. इस बार कैबिनेट में इस बात को लेकर नजर होगी कि लखनऊ से कितने मंत्री होंगे. स्वाति सिंह अब भाजपा विधायक नहीं हैं.
डॉ. दिनेश शर्मा और डॉ. महेंद्र सिंह का दायित्व भी बदला जा सकता है. सरोजनीनगर से चुनाव जीत चुके राजेश्वर सिंह को राज्य मंत्री बनाया जा सकता है. वहीं, आशुतोष टंडन का भी मंत्रालय कायम रहने की उम्मीद की जा रही है. इस बार मुस्लिम कोटे से 2017 में राज्य मंत्री बनाए गए मोहसिन रज़ा की सीट भी फंसी हुई बताई जा रही है.
योगी आदित्यनाथ की सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 25 मार्च को किया जाएगा. लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेई इकाना स्टेडियम में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन होगा. यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह सहित वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी के नेता मौजूद होंगे. ऐसे में सवाल पूरे मंत्रिमंडल के स्वरूप को तो लेकर हैं.
नजर इस बात पर भी बनी हुई है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की धरोहर लखनऊ को लेकर भाजपा संगठन की नीति क्या होगी. 2017 के कैबिनेट में लखनऊ को जबरदस्त स्थान मिला था. कुल छह मंत्री पद लखनऊ के खाते में गए थे.
इनमें से एक उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा थे. इनके अलावा आशुतोष टंडन, बृजेश पाठक को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था जबकि सरोजनी नगर से तत्कालीन विधायक स्वाति सिंह, अल्पसंख्यक कोटे से मोहसिन रजा और संगठन में काम कर चुके हैं. डॉ. महेंद्र सिंह को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था.
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भाजपा सूत्रों का कहना है कि लखनऊ में भाजपा का प्रतिनिधित्व कैबिनेट में कम हो सकता है. डॉ. दिनेश शर्मा, डॉ. महेंद्र सिंह और मोहसिन रज़ा की कुर्सी खतरे में नजर आ रही है जबकि स्वाति सिंह तो विधायक न होने की वजह से इस दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकी हैं.
यह दीगर बात है कि सरोजनी नगर से जीते राजेश्वर सिंह को जरूर कैबिनेट में जगह दी जा सकती है. उनके अलावा भारतीय जनता पार्टी के मोहनलालगंज से विधायक अमरेश मौर्य, मलिहाबाद से जया देवी कौशल और बक्शी का तालाब से योगेश शुक्ल के मंत्रिमंडल में होने की कम ही संभावना नजर आ रही है. ऐसे में लखनऊ की संख्या 6 से घटकर 3 हो सकती है.
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