लखनऊ: राजधानी के बख्शी तालाब स्थित चंद्र भानु गुप्ता कृषि महाविद्यालय के पशुपालन एवं दुग्ध विज्ञान विभाग ने किसानों की आय को बढ़ाने के लिए बकरी शोध परियोजना की पहल शुरू की है. महाविद्यालय ने अब कृषि के साथ-साथ किसान को बरबरी बकरी पालन के माध्यम से भी अपनी आय को बढ़ाने के लिए इस योजना में शामिल किया है.
चंद्र भानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. गजेंद्र सिंह ने ईटीवी से बातचीत के दौरान बताया कि जिस तरह से किसानों की आय में दिन पर दिन कमी आती जा रही है उसको देखते हुए हम लोगों ने बरबरी बकरी पालन की योजना शुरू की है. इसमें हम लोग किसानों को प्रशिक्षण दे रहे है, जिससे किसान कृषि के साथ-साथ इस योजना के माध्यम से अपनी आय में वृद्धि कर सके. उन्होंने बताया कि इस बरबरी बकरी में काम बहुत कम होता है. एक बकरी से किसान को लगभग 2200 रुपये बनाने में लगेंगे और जब बकरी तैयार हो जाती है तो लगभग किसान को 10 हजार रुपये मिल जाते है.
उन्होंने बताया कि इस बकरी को बिना चराए भी एक ही जगह पर रखा जा सकता है. इससे किसान को काम भी कम होता है और आय भी है. उन्होंने बताया कि सबसे खास बात यह है कि ये बकरी एक साथ दो बच्चे पैदा करती है, जबकि अन्य बकरी में सिर्फ एक बच्चे की ही पैदाइश होती है. वहीं, उन्होंने बताया कि इस बकरी के दूध में काफी मिनरल व विटामिन हैं और डेंगू की बीमारी में इसका दूध सबसे ज्यादा लाभदायक है, जो प्लेटलेट्स बढ़ाता है. इसके दूध में रोध प्रतिरोधक क्षमता भी अन्य बकरियों की अपेक्षा ज्यादा है.
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महाविद्यालय के पशुपालन एवं डेयरी दूध विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉक्टर सुधीर कुमार रघुवंशी ने बताया कि बरबरी बकरी पालन बख्शी का तालाब क्षेत्र में पहली बार किया जा रहा है. यह बहुत अच्छा व्यवसाय है. इससे कम समय में अधिक आय प्राप्त होगी. महाविद्यालय से बकरियों की कम दाम पर बिक्री भी की जाएगी और उनकी देख-रेख के लिए समय-समय पर किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. महाविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कृषि के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने को लेकर महाविद्यालय के पशुपालन विभाग ने किसानों को प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू किया है उन्होंने बताया कि इसमें किसानों के साथ साथ महिलाओं को भी प्रशिक्षित किया जाएगा.