लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय में नए शैक्षिक सत्र से सेंट्रल मेस का संचालन नहीं किया जाएगा. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से छात्रावासों की व्यवस्था में बदलाव करने का फैसला लिया गया है. यहां सेंट्रल मेस के स्थान पर कोऑपरेटिव मेस का संचालन किया जाएगा. लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रावासों के मेस छात्रों की देखरेख में संचालित किया जाएगा. 1 सितंबर से इस व्यवस्था को लागू करने की तैयारी है. लखनऊ विश्वविद्यालय के पुराने और नए परिसर को मिलाकर कुल 17 छात्रावास हैं. इनमें, से 10 छात्रों के लिए हैं.
ये लिए गए फैसले
- तय हुआ कि एलबीएस, महमूदाबाद, हबीबुल्लाह, कौटिल्य, होमी भाभा लॉ हास्टल सहित जो भी छात्रावास छात्रों के हैं, वहां छात्र ही मेस संचालित करेंगे.
- प्रत्येक छात्रावास में चार से छह सदस्यीय कमेटी होगी. वहीं खाने का मेनू तय करेगी. खाने के शुल्क में भी कोई बढ़ोत्तरी नहीं की जाएगी.
करोड़ों में बना सेंट्रल मेस अब सिर्फ एक कैंटीन
लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह के कार्यकाल में सेंट्रल मेस के न केवल निर्माण का कार्य पूरा किया गया बल्कि इसकी शुरुआत भी कर दी गई थी. करोड़ों रुपए की लागत से बनी इस सेंट्रल मेस में परिसर में स्थित आसपास के सभी छात्रावासों में रहने वाले छात्रों के खाने की व्यवस्था की गई. कोरोना संक्रमण के बाद इसकी व्यवस्था में परिवर्तन किया गया. मेस को बंद कर दिया गया. उसके बाद छात्रों को पैकेट वाला खाना उपलब्ध कराया गया. हालांकि उसको लेकर लगातार शिकायतें सामने आती नहीं है. छात्रों की तरफ से खाने की गुणवत्ता ठीक ना होने की शिकायत करते हुए कई बार हंगामा भी किया गया. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अब सेंट्रल मेस का संचालन नहीं करने का फैसला लिया गया है.
प्रवेश परीक्षा का आयोजन
लखनऊ विश्वविद्यालय में चल रहे स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षाओं के क्रम में शनिवार को दो पारियों में बीसीए और बीए की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की गईं. सुबह की पारी में बीसीए पाठ्यक्रम के लिए 1315 अभ्यर्थी उपस्थित रहे और 690 अनुपस्थित रहे. सायंकाल की पारी में बीए की प्रवेश परीक्षा आयोजित हुई, जिसमें 8394 अभ्यर्थी उपस्थित थे और 3107 अनुपस्थित रहे. दोनों ही पारियों में परीक्षाएं सफलतापूर्वक संपन्न हुईं.