लखनऊ: राजधानी में मुसलमानों का दूसरा सबसे बड़ा पर्व ईद उल अजहा में अब कुछ दिन ही बाकी रह गए हैं, लेकिन कोरोना महामारी के चलते बकरीद की कुर्बानी को लेकर असमंजस की स्तिथि बनी हुई है. यूपी में शनिवार और रविवार को 55 घंटे का लॉकडाउन लागू है, ऐसे में शनिवार 1 अगस्त को पड़ रहे बकरीद के त्योहार पर कुर्बानी को लेकर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने सरकार से स्तिथि स्प्ष्ट करने की मांग कर रहे हैं. ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने केंद्र सरकार से ईद उल अजहा के त्योहार पर जल्द गाइडलाइंस जारी करने की मांग की है.
बकरीद को लेकर की मांग
देश में कुछ दिनों के बाद मुसलमानों का बड़ा पर्व बकरीद का त्योहार आने वाला है. ऐसे में अपनी आस्था के अनुसार मुसलमान कानूनी तौर पर जायज जानवरों की कुर्बानी देकर अपना धर्म निभाते हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के संकट को देखते हुए कुर्बानी के इस पर्व पर मुसलमानों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड का भी बयान सामने आया है. अपने जारी किए गए बयान में शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता और शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने मांग करते हुए कहा कि बकरीद के त्योहार को लेकर केंद्र सरकार जल्द गाइडलाइंस जारी करे.
उन्होंने कहा कि जहां तक नामाज का मसला है, लोग कोविड19 के प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए घरों में नामाज अदा करेंगे. जहां मस्जिदों में नमाजी नामाज अदा करेंगे, वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल पहले की तरह रखा जाएगा. मौलाना ने कहा कि कुर्बानी हमेशा से इस दुनिया में होती चली आ रही है और कुर्बानी का मतलब यह नहीं है कि आप किसी जानवर की जान लीजिए, बल्कि कुर्बानी एक त्याग है. कुर्बानी हमकों दूसरों की मदद करने का तरीका बताती है. मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि कुर्बानी हर धर्म में दी जाती है, लिहाजा सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए कुर्बानी की इजाजत देनी चाहिए.