लखनऊ: बढ़ते सड़क हादसों और उनसे होने वाली मौतों की संख्या से मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज काफी चिंतित है. हादसों में कमी लाने के साथ ही दुर्घटना में मृतकों की संख्या कम करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक नई स्कीम तैयार की है. इसका नाम है 'स्टेट सपोर्ट प्रोग्राम फ़ॉर स्ट्रेनथिंग रोड सेफ्टी'.इस स्कीम के तहत देश के 14 राज्य विशेष तौर पर शामिल किए गए हैं. इन राज्यों में ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं. इन सभी प्रदेशों में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है.
इस स्कीम के तहत दुर्घटना बाहुल्य राज्यों को मंत्रालय की तरफ से फंड दिया जाएगा. किस राज्य को कितना फंड मिले इसके लिए मापदंड भी तय किए गए हैं. इन पर खरा उतरने के बाद ही तय धनराशि मिलेगी. इस स्कीम का उद्देश्य दुर्घटना औसत जीरो पर लाना है. 2026-2027 तक 30 फीसद दुर्घटनाओं में कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है.
14 राज्यों में होती हैं 85 फीसद दुर्घटनाएं
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने साल 2019 के आंकड़ों को लेकर यह स्कीम तैयार की है. इसमें राज्य में दुर्घटनाओं की संख्या कितनी है? रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या कितनी है? सड़क नेटवर्क कितना लंबा है, इन बिंदुओं को प्रमुखता से शामिल किया गया है.
साल 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, देश में साल में कुल 4,49,000 एक्सीडेंट होते हैं और इनमें से 1,51000 लोगों की मौके पर ही मौत हो जाती है. ये आंकड़ा साल दर साल कम होने की बजाय बढ़ रहा है. इसीलिए केंद्र सरकार ने मौतों की संख्या में कमी लाने और एक्सीडेंट कम करने के उद्देश्य से राज्यों को मदद देने का प्लान बनाया है. यह छह साल का प्लान तैयार किया गया है. इसके तहत 14 ऐसे राज्यों को चिन्हित किया गया है, जहां सड़क दुर्घटनाओं का औसत अन्य राज्यों की तुलना में काफी ज्यादा है. आंकड़ों के मुताबिक, 14 राज्यों में ही कुल एक्सीडेंट का 85 फीसद हादसे होते हैं. इनमें भी उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है. यही वजह है कि फंड के मामले में भी उत्तर प्रदेश को ही सबसे ज्यादा सपोर्ट मिलेगा.
इस स्कीम में कुल 14 राज्य शामिल किए गए हैं. इनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, गुजरात, बिहार, तेलंगाना, वेस्ट बंगाल, उड़ीसा, हरियाणा और पूर्वोत्तर राज्य का असम शामिल हैं.
इसे भी पढ़ें- यूपी में RLD नेता हाजी यूनुस के काफिले पर ताबड़तोड़ फायरिंग, एक की मौत, दो गंभीर
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप