लखनऊ: यूपी में माफिया भले ही सलाखों के पीछे क्यों न हो लेकिन अपने रसूख और दबदबे के चलते वह जेल में रहते हुए अपराध की दुनिया को ऑपरेट करते हैं. पिछले दिनों जेल से कुछ ऐसे वीडियो वायरल हुए जिस ने जेल में अपराधियों को मिलने वाली सुविधा, प्रतिबंधित वस्तुओं की उपलब्धता की पोल खोल दी.
अब आने वाले दिनों में जेल से बैठकर माफिया और अपराधी जुर्म की दुनिया को ऑपरेट नहीं कर पाएंगे. राजधानी स्थित जेल मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम का निर्माण किया गया है. जहां पर एक दीवाल पर उत्तर प्रदेश के 70 जिलों में लगे 2100 कैमरों का डिस्प्ले होगा. इस दीवार की मदद से अधिकारी जब चाहेंगे तब जेलों का हाल-चाल स्क्रीन पर देख सकेंगे और इससे जेल में प्रतिबंधित वस्तुओं के प्रयोग और मनमाने रवैए पर लगाम लग सकेगी.
- प्रदेश की 70 जेलों में लगेंगे 2100 कैमरे.
- जेल की गतिविधियों पर रखी जाएगी नजर.
- जिसके लिए राजधानी स्थित जेल मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम का निर्माण किया गया है.
- मुख्यालय पर बनी दीवाल पर 2100 कैमरों का डिस्प्ले होगा.
- 42 करोड़ की लागत से कंट्रोल रूम दीवाल का निर्माण किया जा रहा है.
जेल में प्रतिबंधित वस्तु मिलने पर लगेगा सवा सौ गुना जुर्माना
जेलों में मोबाइल फोन के प्रयोग और प्रतिबंधित वस्तुओं के प्रयोग की स्थिति में सवा सौ गुना ज्यादा जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं अगर अब अपराधियों के पास फोन या प्रतिबंधित वस्तुओं पाई गई तो उन्हें 3 साल तक की सजा भी हो सकती है. जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार कैदी के पास फोन बरामद होने की स्थिति में 25,000 का जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं अगर कोई कैदी जेल में रहते हुए बाहर घटित किसी अपराध में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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डीजी कारागार आनंद कुमार ने बताया कि-
मुख्यालय पर 24 छोटी स्क्रीन को मिलाकर एक वॉल तैयार की गई है. जहां स्क्रीन पर आईपी एड्रेस और पासवर्ड के जरिए किसी भी जेल में लगे कैमरे के डिस्प्ले को स्क्रीन पर देखा जा सकता है. साथ ही इन कैमरों को लखनऊ से ही ऑपरेट भी किया जा सकता है. इस पूरे सेटअप को तैयार करने में 42 करोड़ का खर्च किया गया है. दीवार का द्घाटन 30 सितंबर को राजधानी लखनऊ स्थित कारागार मुख्यालय पर किया जाएगा.