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जेलों में तीसरी आंख से रखी जाएगी कैदियों पर नजर, लगाए जाएंगे 2100 CCTV

जेलों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सरकार ने सभी प्रदेश की सभी 70 जेलों पर कैमरे लगाने का फैसला लिया है. राजधानी स्थित जेल मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम का निर्माण किया गया है. जहां मुख्यालय पर बनी दीवारों पर 2100 कैमरों का डिस्प्ले होगा.

यूपी पुलिस मुख्यालय लखनऊ
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Published : Sep 7, 2019, 12:31 PM IST

Updated : Sep 7, 2019, 12:39 PM IST

लखनऊ: यूपी में माफिया भले ही सलाखों के पीछे क्यों न हो लेकिन अपने रसूख और दबदबे के चलते वह जेल में रहते हुए अपराध की दुनिया को ऑपरेट करते हैं. पिछले दिनों जेल से कुछ ऐसे वीडियो वायरल हुए जिस ने जेल में अपराधियों को मिलने वाली सुविधा, प्रतिबंधित वस्तुओं की उपलब्धता की पोल खोल दी.

यूपी की जेलों में लगेंगे कैमरे.

अब आने वाले दिनों में जेल से बैठकर माफिया और अपराधी जुर्म की दुनिया को ऑपरेट नहीं कर पाएंगे. राजधानी स्थित जेल मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम का निर्माण किया गया है. जहां पर एक दीवाल पर उत्तर प्रदेश के 70 जिलों में लगे 2100 कैमरों का डिस्प्ले होगा. इस दीवार की मदद से अधिकारी जब चाहेंगे तब जेलों का हाल-चाल स्क्रीन पर देख सकेंगे और इससे जेल में प्रतिबंधित वस्तुओं के प्रयोग और मनमाने रवैए पर लगाम लग सकेगी.

  • प्रदेश की 70 जेलों में लगेंगे 2100 कैमरे.
  • जेल की गतिविधियों पर रखी जाएगी नजर.
  • जिसके लिए राजधानी स्थित जेल मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम का निर्माण किया गया है.
  • मुख्यालय पर बनी दीवाल पर 2100 कैमरों का डिस्प्ले होगा.
  • 42 करोड़ की लागत से कंट्रोल रूम दीवाल का निर्माण किया जा रहा है.

जेल में प्रतिबंधित वस्तु मिलने पर लगेगा सवा सौ गुना जुर्माना
जेलों में मोबाइल फोन के प्रयोग और प्रतिबंधित वस्तुओं के प्रयोग की स्थिति में सवा सौ गुना ज्यादा जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं अगर अब अपराधियों के पास फोन या प्रतिबंधित वस्तुओं पाई गई तो उन्हें 3 साल तक की सजा भी हो सकती है. जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार कैदी के पास फोन बरामद होने की स्थिति में 25,000 का जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं अगर कोई कैदी जेल में रहते हुए बाहर घटित किसी अपराध में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें: DGP ने बेहतर कानून व्यवस्था के लिए अधिकारियों के साथ की वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग

डीजी कारागार आनंद कुमार ने बताया कि-
मुख्यालय पर 24 छोटी स्क्रीन को मिलाकर एक वॉल तैयार की गई है. जहां स्क्रीन पर आईपी एड्रेस और पासवर्ड के जरिए किसी भी जेल में लगे कैमरे के डिस्प्ले को स्क्रीन पर देखा जा सकता है. साथ ही इन कैमरों को लखनऊ से ही ऑपरेट भी किया जा सकता है. इस पूरे सेटअप को तैयार करने में 42 करोड़ का खर्च किया गया है. दीवार का द्घाटन 30 सितंबर को राजधानी लखनऊ स्थित कारागार मुख्यालय पर किया जाएगा.

लखनऊ: यूपी में माफिया भले ही सलाखों के पीछे क्यों न हो लेकिन अपने रसूख और दबदबे के चलते वह जेल में रहते हुए अपराध की दुनिया को ऑपरेट करते हैं. पिछले दिनों जेल से कुछ ऐसे वीडियो वायरल हुए जिस ने जेल में अपराधियों को मिलने वाली सुविधा, प्रतिबंधित वस्तुओं की उपलब्धता की पोल खोल दी.

यूपी की जेलों में लगेंगे कैमरे.

अब आने वाले दिनों में जेल से बैठकर माफिया और अपराधी जुर्म की दुनिया को ऑपरेट नहीं कर पाएंगे. राजधानी स्थित जेल मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम का निर्माण किया गया है. जहां पर एक दीवाल पर उत्तर प्रदेश के 70 जिलों में लगे 2100 कैमरों का डिस्प्ले होगा. इस दीवार की मदद से अधिकारी जब चाहेंगे तब जेलों का हाल-चाल स्क्रीन पर देख सकेंगे और इससे जेल में प्रतिबंधित वस्तुओं के प्रयोग और मनमाने रवैए पर लगाम लग सकेगी.

  • प्रदेश की 70 जेलों में लगेंगे 2100 कैमरे.
  • जेल की गतिविधियों पर रखी जाएगी नजर.
  • जिसके लिए राजधानी स्थित जेल मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम का निर्माण किया गया है.
  • मुख्यालय पर बनी दीवाल पर 2100 कैमरों का डिस्प्ले होगा.
  • 42 करोड़ की लागत से कंट्रोल रूम दीवाल का निर्माण किया जा रहा है.

जेल में प्रतिबंधित वस्तु मिलने पर लगेगा सवा सौ गुना जुर्माना
जेलों में मोबाइल फोन के प्रयोग और प्रतिबंधित वस्तुओं के प्रयोग की स्थिति में सवा सौ गुना ज्यादा जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं अगर अब अपराधियों के पास फोन या प्रतिबंधित वस्तुओं पाई गई तो उन्हें 3 साल तक की सजा भी हो सकती है. जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार कैदी के पास फोन बरामद होने की स्थिति में 25,000 का जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं अगर कोई कैदी जेल में रहते हुए बाहर घटित किसी अपराध में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें: DGP ने बेहतर कानून व्यवस्था के लिए अधिकारियों के साथ की वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग

डीजी कारागार आनंद कुमार ने बताया कि-
मुख्यालय पर 24 छोटी स्क्रीन को मिलाकर एक वॉल तैयार की गई है. जहां स्क्रीन पर आईपी एड्रेस और पासवर्ड के जरिए किसी भी जेल में लगे कैमरे के डिस्प्ले को स्क्रीन पर देखा जा सकता है. साथ ही इन कैमरों को लखनऊ से ही ऑपरेट भी किया जा सकता है. इस पूरे सेटअप को तैयार करने में 42 करोड़ का खर्च किया गया है. दीवार का द्घाटन 30 सितंबर को राजधानी लखनऊ स्थित कारागार मुख्यालय पर किया जाएगा.

Intro:एंकर लखनऊ। उत्तर प्रदेश में तमाम माफिया भले ही सलाखों के पीछे क्यों ना हो लेकिन अपने रसूख और दबदबे के चलते व जेल में रहते हुए अपराध की दुनिया को ऑपरेट करते हैं। पिछले दिनों जेल से कुछ ऐसे वीडियो वायरल हुए जिस ने जेल में अपराधियों को मिलने वाली सुविधा व प्रतिबंधित वस्तुओं की उपलब्धता की पोल खोल दी। लेकिन अब आने वाले दिनों में जेल से इन माफियाओं व अपराधियों द्वारा जुर्म की दुनिया को ऑपरेट कर पाना आसान नहीं होगा, क्योंकि राजधानी लखनऊ स्थित जेल मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम का निर्माण किया गया है जहां पर एक दीवाल पर उत्तर प्रदेश के 70 जिलों में लगे 2100 कैमरो का डिस्प्ले होगा। इस वाल की मदद से अधिकार जब चाहेंगे तब जेलों के हाल-चाल स्क्रीन पर देख सकेंगे ऐसे में जेल में प्रतिबंधित वस्तुओं के प्रयोग व मनमाने रवैए पर लगाम लगेगी। 42 करोड़ की लागत से या कंट्रोल वॉल का निर्माण किया जा रहा है जिसका उद्घाटन 30 सितंबर को राजधानी लखनऊ स्थित कारागार मुख्यालय पर किया जाएगा।


Body:वियो इतना ही नहीं जेलों में मोबाइल फोन के प्रयोग व प्रतिबंधित वस्तुओं के प्रयोग की स्थिति में सवा सौ गुना ज्यादा जुर्माना लगाया जाएगा वहीं अगर अब अपराधियों के पास फोन या प्रतिबंधित वस्तुओं पाई गई तो उन्हें 3 साल तक की सजा भी हो सकती है। जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार कैदी के पास फोन बरामद होने की स्थिति में 25000 का जुर्माना लगाया जाएगा वहीं अगर कोई कैदी जेल में रहते हुए बाहर घटित किसी अपराध में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्यवाही की जाएगी इस स्थिति में जहां संबंधित अपराध को लेकर बंदी पर कार्यवाही होगी तो वही जेल में रहते हुए अपराध में संलिप्त रहने की अलग से कार्यवाही की जाएगी। डीजी कारागार आनंद कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यालय पर 24 छोटी स्कीमों को मिलाकर एक वॉल तैयार की गई है स्क्रीन पर आईपी एड्रेस और पासवर्ड के जरिए किसी भी जेल में लगे कैमरे के डिस्प्ले को स्क्रीन पर देखा जा सकता है साथ ही इन कैमरों को लखनऊ से ही ऑपरेट भी किया जा सकता है इस पूरे सेटअप को तैयार करने में 42 करोड का खर्च किया गया है।


Conclusion:संवाददाता प्रशांत मिश्रा 90 2639 25 26
Last Updated : Sep 7, 2019, 12:39 PM IST
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