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लखनऊः केजीएमयू में घटनाओं पर नजर रखने के लिए आए कैमरे डिब्बे में ही बंद पड़े रह गए

उत्तर प्रदेश की राजधानी में स्थित केजीएमयू में हो रही घटनाओं को देखते हुए विभागाध्यक्ष ने चार साल पहले सीसीटीवी कैमरे लगवाने की मांग की थी. डेढ़ करोड़ की लागत से सीसीटीवी कैमरे खरीदे गए लेकिन इन कैमरों को लगावाया नहीं गया. केजीएमयू प्रशासन ने जल्द से जल्द कैमरे लगाने के आदेश दिए है.

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Published : Aug 22, 2019, 9:54 PM IST

केजीएमयू, लखनऊ

लखनऊः राजधानी में स्थित केजीएमयू में एक तरफ महिला कर्मचारियों से छेड़छाड़ और सामान चोरी की घटनाएं हो रही हैं. इन्हीं सब घटनाओं को देखते हुए विभागाध्यक्ष ने सीसीटीवी कैमरे लगवाने की मांग की थी. लाखों रुपए के सीसीटीवी कैमरे आए तो लेकिन अभी तक उन्हें लगवाया नहीं जा सका है. मुख्य सचिव की ओर से आदेश जारी होने के बाद केजीएमयू प्रशासन की आंख खुली है और जल्द से जल्द कैमरे लगाने की दुहाई दे रहा है.

केजीएमयू में अब तक नहीं लगे कैमरे

इसे भी पढ़ें- सफल हुआ KGMU में 5वां लीवर ट्रांसप्लांट


केजीएमयू में नहीं लगे कैमरे-

  • राजधानी के केजीएमयू में वर्ष 2015 में कई विभागाध्यक्ष ने कुलपति से सीसीटीवी कैमरे लगवाने की मांग की थी.
  • जिसके पीछे तर्क दिया गया था कि कैमरे होने से पारदर्शिता बनी रहेगी और विभाग पर भी नजर रहेगी.
  • संस्थान में करीब डेढ़ करोड़ की लागत से सीसीटीवी कैमरे खरीदे गए थे लेकिन इन कैमरों को लगाया नहीं गया.
  • 4 साल पहले खरीदे गए इन कैमरों के लिए अभी तक तार का भी इंतजाम नहीं हो पाया है.
  • कैमरे संस्थान के स्टोर रूम में ही पड़े रहे.
  • बाद में जरूरत पड़ने पर विभिन्न विभागाध्यक्ष ने कुछ कैमरे खरीद कर लगवा लिए.

कैमरे के उपकरण आ रहे है. जैसे -जैसे उपकरण आते जा रहे है कैमरों को लगवाया जा रहा है.
डॉ सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू

लखनऊः राजधानी में स्थित केजीएमयू में एक तरफ महिला कर्मचारियों से छेड़छाड़ और सामान चोरी की घटनाएं हो रही हैं. इन्हीं सब घटनाओं को देखते हुए विभागाध्यक्ष ने सीसीटीवी कैमरे लगवाने की मांग की थी. लाखों रुपए के सीसीटीवी कैमरे आए तो लेकिन अभी तक उन्हें लगवाया नहीं जा सका है. मुख्य सचिव की ओर से आदेश जारी होने के बाद केजीएमयू प्रशासन की आंख खुली है और जल्द से जल्द कैमरे लगाने की दुहाई दे रहा है.

केजीएमयू में अब तक नहीं लगे कैमरे

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केजीएमयू में नहीं लगे कैमरे-

  • राजधानी के केजीएमयू में वर्ष 2015 में कई विभागाध्यक्ष ने कुलपति से सीसीटीवी कैमरे लगवाने की मांग की थी.
  • जिसके पीछे तर्क दिया गया था कि कैमरे होने से पारदर्शिता बनी रहेगी और विभाग पर भी नजर रहेगी.
  • संस्थान में करीब डेढ़ करोड़ की लागत से सीसीटीवी कैमरे खरीदे गए थे लेकिन इन कैमरों को लगाया नहीं गया.
  • 4 साल पहले खरीदे गए इन कैमरों के लिए अभी तक तार का भी इंतजाम नहीं हो पाया है.
  • कैमरे संस्थान के स्टोर रूम में ही पड़े रहे.
  • बाद में जरूरत पड़ने पर विभिन्न विभागाध्यक्ष ने कुछ कैमरे खरीद कर लगवा लिए.

कैमरे के उपकरण आ रहे है. जैसे -जैसे उपकरण आते जा रहे है कैमरों को लगवाया जा रहा है.
डॉ सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू

Intro:केजीएमयू में एक तरफ महिला कर्मचारियों से छेड़छाड़ और सामान चोरी की घटनाएं हो रही हैं। वहीं दूसरी तरफ लाखों रुपए के सीसीटीवी कैमरे डिब्बे में बंद है। 4 साल पहले खरीदे गए इन कैमरों के लिए अभी तक तार का भी इंतजाम नहीं हो पाया है। मुख्य सचिव की ओर से आदेश जारी करने के बाद केजीएमयू प्रशासन की आंख खुली है। अब इसे जल्द से जल्द लगवाने की दुहाई दी जा रही है।




Body:केजीएमयू में बीते दिनों महिला कर्मचारियों से छेड़छाड़ और सामान चोरी की घटनाएं हुई तो वहीं दूसरी तरफ लाखों रुपए के सीसीटीवी कैमरे डिब्बे में बंद है। 4 साल पहले खरीदे गए इन कैमरों के लिए अभी तक तार का भी इंतजाम नहीं हो पाया है। मुख्य सचिव की ओर से आदेश जारी करने के बाद केजीएमयू प्रशासन की आंख खुली है। अब इसे जल्द से जल्द लगवाने की दुहाई दी जा रही है। वर्ष 2015 में कई विभाग अध्यक्ष ने तत्कालीन कुलपति से सीसीटीवी कैमरे लगवाने की मांग की थी। इसके पीछे तर्क दिया गया। कि कैमरे होने से पारदर्शिता बनी रहेगी विभाग में होने वाली किसी अनहोनी केपर भी नजर रहेगी। इसके बाद संस्थान में करीब डेढ़ करोड़ की लागत से करीब 200 सीसीटीवी कैमरे खरीदे गए। इसका भुगतान वेलफेयर सोसायटी के जरिए किया गया। लेकिन इन कैमरों को लगाया नहीं गया। यह कैमरा संस्थान के स्टोर रूम में ही पड़े रहे। बाद में जरूरत पड़ी तो विभिन्न विभागाध्यक्ष ने कुछ कैमरे खरीद लिए। जिन्हें लगाया जा चुका है। पहले दिनों कर्मचारियों एवं रेजिडेंस के बीच हुए विवाद के दौरान भी सीसीटीवी कैमरे लगवाने की मांग उठी थी। लेकिन संस्थान सीसीटीवी कैमरे नहीं लगवा सका।

तुम्हारी जब हमने केजीएमयू में सीसीटीवी कैमरा न लग पाने में देरी पर हमने केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि संसाधनों उपलब्धता होते ही जल्द कैमरे लगवा दिया जाएंगे।

बाइट- डॉ सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू




Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
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