लखनऊ: भ्रष्टाचार में आकंठ तक डूबे रेलवे इंजीनियरों पर अब गाज गिरने वाली है. पिछले दिनों घूस लेते रंगे हाथों पकड़े गए रेलवे के एक इंजीनियर के बाद अब सीबीआई ऐसे भ्रष्ट इंजीनियरों की सूची तैयार कर रही है कि जो बिना पैसा लिए कोई काम करते ही नहीं है. रेलवे वर्कशॉप में घूसखोरी चरम पर है. रेलवे के कैरिज एंड वैगन वर्कशॉप में ठेकेदारों से भुगतान के नाम पर इंजीनियर पैसे की वसूली करते हैं. ऐसे ही एक भ्रष्ट डिप्टी चीफ इंजीनियर को पिछले सोमवार को सीबीआई ने ठेकेदार से 18000 रुपये घूस लेते रंगे हाथों धर दबोचा था. अब सीबीआई रेलवे की योजनाओं के आय-व्यय का ब्योरा भी जुटाएगी. सीबीआई कई अन्य इंजीनियरों से पूछताछ की तैयारी कर रही है. इससे रेलवे के भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के होश उड़ गए हैं.
उत्तर रेलवे की आलमबाग स्थित कैरिज एंड वैगन वर्कशॉप में सोमवार को सीबीआई की टीम ने डिप्टी चीफ इंजीनियर राम अवतार को रंगे हाथ पकड़ा था. इंजीनियर बिलों के भुगतान के एवज में ठेकेदार से 18 हजार रुपये की रिश्वत ले रहे थे. रेलवे में यह पहला मामला नहीं है, जब किसी अधिकारी को घूस लेते रंगे हाथों धर दबोचा गया हो. इससे पहले पिछले साल दिसंबर में कंस्ट्रक्शन विंग से जुड़े डिप्टी चीफ इंजीनियर अरुण कुमार मित्तल को सीबीआई ने चारबाग से गिरफ्तार किया था. वह ठेकेदार से 50 हजार रुपये रिश्वत ले रहे थे.
सीबीआई की टीम ने अगले 10 दिन तक कंस्ट्रक्शन विभाग के कई अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की थी. कंस्ट्रक्शन के डिप्टी चीफ इंजीनियर एके मित्तल के पास जो प्रोजेक्ट थे, उन पर काम करने वाले ठेकेदारों को भी सीबीआई ने तलब किया था और अकेले में पूछताछ की थी. ठेकेदारों ने सीबीआई को ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को जानकारी दी थी, जो बिना पैसा लिए कोई काम करते ही नहीं है. रेलवे की तमाम योजनाओं में उन्होंने करोड़ों रुपये का घपला कर रखा है. अब कैरिज एंड वैगन वर्कशॉप के डिप्टी चीफ इंजीनियर राम अवतार की गिरफ्तार के बाद सीबीआई के रडार पर उत्तर रेलवे के भ्रष्ट इंजीनियर हैं.
सूत्र यह भी बताते हैं कि ठेकेदारों की तरफ से उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के आधार पर सीबीआई भ्रष्ट इंजीनियरों से एक-एक कर जवाब तलब करेगी. उत्तर रेलवे ही नहीं पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के इंजीनियर भी सीबीआई जांच को लेकर पसीने-पसीने हो रहे हैं. उन्हें भी डर सता रहा है कि कहीं इधर नजर घूमी तो दिक्कत हो सकती है. क्योंकि, घपला घोटाला हर जगह है, हर मंडल में है.
रेलवे की कैरिज एंड वैगन वर्कशॉप, ब्रिज और लोको वर्कशॉप के अपग्रेडेशन के लिए पहले चरण में 90 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. ऐसे में इन दोनों ही वर्कशॉप में भ्रष्टाचार का अंदेशा सीबीआई को हो गया है. रेलवे से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई की टीम बुधवार को पूछताछ के लिए कैरिज एंड वैगन वर्कशॉप पहुंची थी. डिप्टी चीफ इंजीनियर राम अवतार के मामले को लेकर कर्मचारियों से पूछताछ कर जानकारी जुटाई. रेलवे के विश्वस्त सूत्र की मानें तो वर्कशॉप अपग्रेडेशन के जुड़े कार्यों पर हुए खर्च का ब्योरा भी सीबीआई ने जुटाना शुरू कर दिया है. आशंका जताई जा रही है कि इसमें सीबीआई के हाथ बड़े अधिकारियों की गर्दन तक पहुंच सकते हैं.
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