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सीबीआई की टीम पहुंची डीआरएम दफ्तर, रडार पर कई रेलवे अफसर

उत्तर रेलवे के चीफ इंजीनियर के घर पर छापेमारी के बाद मिले कैश से सीबीआई की जांच का दायरा अब और बढ़ने लगा है. बुधवार को सीबीआई की टीम उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के एकाउंट डिपार्टमेंट (CBI searched files in DRM office) में भी पूछताछ के सिलसिले में गई. यहां निर्माण कार्यों में पिछले दो साल के दौरान किन योजनाओं में कहां, कितना भुगतान हुआ, इसकी पूरी रिपोर्ट ली.

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Published : Dec 7, 2022, 10:54 PM IST

लखनऊ : उत्तर रेलवे के चीफ इंजीनियर के घर पर छापेमारी के बाद मिले कैश से सीबीआई की जांच का दायरा अब और बढ़ने लगा है. बुधवार को सीबीआई की टीम उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के एकाउंट डिपार्टमेंट (CBI searched files in DRM office) में भी पूछताछ के सिलसिले में गई. यहां निर्माण कार्यों में पिछले दो साल के दौरान किन योजनाओं में कहां, कितना भुगतान हुआ, इसकी पूरी रिपोर्ट ली. इतना ही नहीं सीबीआई के रडार पर कई रेलवे अफसर भी हैं, जिन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. सीबीआई टीम के डीआरएम दफ्तर पहुंचने से कई आला अफसर सकते में हैं.

पिछली एक दिसम्बर को सीबीआई की टीम ने उत्तर रेलवे के कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के उपमुख्य अभियंता अरुण कुमार मित्तल को रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया था. इसके बाद सीबीआई ने मित्तल के ठिकानों से 1.38 करोड़ रुपये भी बरामद किए. अभियंता मित्तल पर चारबाग परियोजना में काम कर रही एक फर्म का बिल पास करने के एवज में एक ठेकेदार से रिश्वत मांगने का आरोप था, जिसमें सीबीआई ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक, मामले की जांच को लेकर टीम हजरतगंज स्थित डीआरएम कार्यालय भी गई थी, जहां एकाउंट डिपार्टमेंट में पूछताछ भी की.

हालांकि, रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट का वित्तीय लेनदेन मंडल के वित्तीय लेनदेन से अलग रहता है, लेकिन सीबीआई के सूत्र बताते हैं कि पूछताछ के दौरान मित्तल ने मंडल के निर्माण कार्यों से जुड़ी जानकारी दी है, जिसे लेकर एकाउंट विभाग से पिछले दो साल के दौरान निर्माण कार्यों के लिए ठेकेदारों को किए गए भुगतान की जानकारियां जुटाई गई हैं. मंडल के इंजीनियरिंग, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल आदि विभागों के अधिकारी भी सीबीआई टीम के पहुंचने से परेशान हो गए हैं.

सीबीआई के रडार पर अधिकारी : जानकारी के मुताबिक, उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में कई रेलवे अफसर हैं जो सीबीआई के रडार पर हैं और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. इसके अलावा कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट में रहे दूसरे पूर्व सीपीएम भी जांच के दायरे में आ रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट में रह चुके पूर्व अफसरों से घोटाले व भ्रष्टाचार की कई परतें खुलेंगी. बता दें कि एके मित्तल रेलवे के कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट में उपमुख्य अभियंता थे. जानकारी के मुताबिक, उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की ओर से पिछले दो से तीन साल के अंदर चारबाग रेलवे स्टेशन के निर्माण कार्यों के ठेकों, आलमनगर स्टेशन के सेटेलाइट बनाए जाने से जुड़े भुगतानों, उतरेठिया बाईपास के अलावा सोलर पैनलों को लगाने और डबलिंग के साथ ही वाराणसी के कार्यों के भुगतान की फाइल तलब हुई है.

यह भी पढ़ें : सरकारी वकीलों की नियुक्तियों पर नहीं है कोई रोक, हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता के संदेह पर किया स्पष्ट

लखनऊ : उत्तर रेलवे के चीफ इंजीनियर के घर पर छापेमारी के बाद मिले कैश से सीबीआई की जांच का दायरा अब और बढ़ने लगा है. बुधवार को सीबीआई की टीम उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के एकाउंट डिपार्टमेंट (CBI searched files in DRM office) में भी पूछताछ के सिलसिले में गई. यहां निर्माण कार्यों में पिछले दो साल के दौरान किन योजनाओं में कहां, कितना भुगतान हुआ, इसकी पूरी रिपोर्ट ली. इतना ही नहीं सीबीआई के रडार पर कई रेलवे अफसर भी हैं, जिन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. सीबीआई टीम के डीआरएम दफ्तर पहुंचने से कई आला अफसर सकते में हैं.

पिछली एक दिसम्बर को सीबीआई की टीम ने उत्तर रेलवे के कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के उपमुख्य अभियंता अरुण कुमार मित्तल को रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया था. इसके बाद सीबीआई ने मित्तल के ठिकानों से 1.38 करोड़ रुपये भी बरामद किए. अभियंता मित्तल पर चारबाग परियोजना में काम कर रही एक फर्म का बिल पास करने के एवज में एक ठेकेदार से रिश्वत मांगने का आरोप था, जिसमें सीबीआई ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक, मामले की जांच को लेकर टीम हजरतगंज स्थित डीआरएम कार्यालय भी गई थी, जहां एकाउंट डिपार्टमेंट में पूछताछ भी की.

हालांकि, रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट का वित्तीय लेनदेन मंडल के वित्तीय लेनदेन से अलग रहता है, लेकिन सीबीआई के सूत्र बताते हैं कि पूछताछ के दौरान मित्तल ने मंडल के निर्माण कार्यों से जुड़ी जानकारी दी है, जिसे लेकर एकाउंट विभाग से पिछले दो साल के दौरान निर्माण कार्यों के लिए ठेकेदारों को किए गए भुगतान की जानकारियां जुटाई गई हैं. मंडल के इंजीनियरिंग, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल आदि विभागों के अधिकारी भी सीबीआई टीम के पहुंचने से परेशान हो गए हैं.

सीबीआई के रडार पर अधिकारी : जानकारी के मुताबिक, उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में कई रेलवे अफसर हैं जो सीबीआई के रडार पर हैं और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. इसके अलावा कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट में रहे दूसरे पूर्व सीपीएम भी जांच के दायरे में आ रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट में रह चुके पूर्व अफसरों से घोटाले व भ्रष्टाचार की कई परतें खुलेंगी. बता दें कि एके मित्तल रेलवे के कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट में उपमुख्य अभियंता थे. जानकारी के मुताबिक, उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की ओर से पिछले दो से तीन साल के अंदर चारबाग रेलवे स्टेशन के निर्माण कार्यों के ठेकों, आलमनगर स्टेशन के सेटेलाइट बनाए जाने से जुड़े भुगतानों, उतरेठिया बाईपास के अलावा सोलर पैनलों को लगाने और डबलिंग के साथ ही वाराणसी के कार्यों के भुगतान की फाइल तलब हुई है.

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