लखनऊ: वर्ष 2012-13 में उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में एक साथ खनन घोटाले को अंजाम दिया गया था. इसे लेकर सीबीआई ने तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापित समेत 6 आईएस अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. इस मामले में बुधवार को सीबीआई ने छापेमारी भी की थी.
सीबीआई ने खनन घोटाले के आरोपियों पर कसा शिकंजा. किन मामलों में दर्ज हुई एफआईआर आईएएस ऑफिसर अभय सिंहसीबीआई ने आईएएस ऑफिसर अभय सिंह के आवास से 50 लाख रुपये बरामद किए हैं. साथ ही अभय के प्रॉपर्टी के दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं. जिस समय खनन घोटाले किए गए, उस समय अभय सिंह फतेहपुर के डीएम थे. अभय सिहं के खिलाफ वर्ष 2012 में फतेहपुर के डीएम रहते हुए अवैध खनन कराने और नियमों को ताक पर रखकर 5 पट्टो का आवंटन कराने का आरोप है. सीबीआई की छापेमारी के समय अभय बुलंदशहर जिलाधिकारी के पद पर तैनात थे. छापेमारी के बाद अभय को डीएम पद से हटा दिया गया है.
आईएएस ऑफिसर विवेक कुमार
सीबीआई ने आईएएस ऑफिसर विवेक कुमार के राजधानी लखनऊ स्थित आवास पर छापेमारी की. छापेमारी में विवेक कुमार के घर से 3 प्लॉट के कागजात मिले हैं. विवेक पर आरोप है कि 4 मार्च 2013 से 10 जून 2013 तक देवरिया के जिलाधिकारी रहते हुए उन्होंने अवैध तरीके से खनन पट्टा दिया. खनन का पट्टा देने में इन्होंने सीधे तौर पर हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना की. सीबीआई की छापेमारी के वक्त आईएस विवेक कुमार यूपी कौशल विकास निगम के एमडी के पद पर तैनात थे. प्रमोटी आईएस डीएस उपाध्याय
सीबीआई ने आईएएस ऑफिसर डीएस उपाध्याय के घर भी छापेमारी की. उपाध्याय के आजमगढ़ स्थित आवाज से 10 लाख की धनराशि बरामद की. डीएस उपाध्याय पर आरोप है कि देवरिया में 3 नवंबर 2012 से 15 अप्रैल 2013 तक एडीएम प्रशासन व खनन प्रभारी पद के दौरान नियमों को ताक पर रखकर खनन के पट्टे दिए. मौजूदा वक्त में वह आजमगढ़ के मुख्य विकास अधिकारी के पद पर तैनात थे.
इन पर भी कसा शिकंजा
सीबीआई ने आईएएस ऑफिसर जे नंदन के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है. 13 जिलों में एक साथ हुए खनन घोटाले के वक्त जयनंदन खनन विभाग के सचिव थे. इसके अलावा 6 मार्च 2013 से 18 मई 2017 तक विशेष सचिव खनन रहे प्रमोटी आईएस ऑफिसर संतोष सिंह व आईएस बी चंद्रकला के खिलाफ भी सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है.