लखनऊ : जिला जेल लखनऊ में बंदी चांद के साथ मारपीट करने तथा जेलर व उप जेलर को धमकी देने के मामले में अभियुक्त मुख्तार अंसारी समेत चार आरोपियों का बयान शुक्रवार को दर्ज किया गया. अदालत ने मामले में अंतिम बहस के लिए 24 जनवरी की तिथि नियत की है.
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने जिला जेल बांदा में बंद माफिया मुख्तार अंसारी का धारा 313 दंड प्रक्रिया संहिता का बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दर्ज किया. जबकि अन्य आरोपी यूसुफ चिश्ती, आलम व लालजी यादव व्यक्तिगत रूप से न्यायालय के समक्ष उपस्थित रहे. जहां पर उनका नियमानुसार बयान दर्ज किया गया. अदालत ने आरोपियों से बचाव साक्ष्य के सम्बंध में पूछे जाने के उपरांत अंतिम बहस के लिए 24 जनवरी की तिथि नियत कर दी है. अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि अभियुक्त मुख्तार अंसारी के बयान को उसके हस्ताक्षर के लिए जिला कारागार बांदा भेजा जाए.
मामले की सुनवाई के समय अदालत में अभियोजन की ओर से सहायक अभियोजन अधिकारी सोनू सिंह राठौर ने बताया कि इस मामले की रिपोर्ट जेलर एसएन द्विवेदी व उप जेलर बैजनाथ राम ने 1 अप्रैल 2000 को थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया था कि 29 मार्च 2000 को करीब छह बजे शाम को पेशी से वापस आकर जिस समय बंदी जेल में जा रहे थे. उसी समय जिस बैरक में बंदी चांद था. उसमें माफिया विधायक मुख्तार अंसारी अपने साथी युसूफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित, प्रभु जिंदर सिंह व लालजी यादव के साथ घुस गया और बंदी चांद को बुरी तरह से मारना शुरू कर दिया. कहा गया कि जब जेलर व उप जेलर ने बचाने का प्रयास किया तो अभियुक्तों ने जेल के अधिकारियों व प्रधान बंदी रक्षक स्वामी दयाल अवस्थी पर हमला बोल दिया.
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