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Crime News : लखनऊ के बर्खास्त लेखपाल पर धोखाधड़ी का एक और मुकदमा दर्ज

लखनऊ में जमीन खरीद फरोख्त में हेराफेरी कर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले चर्चित लेखपाल सुशील कुमार शुक्ला पर एक और मुकदमा सरोजनीनगर थाने में दर्ज किया गया है. इस बार लेखपाल पर गलत जानकारी देकर जमीन की रजिस्ट्री कराने का आरोप है. इस मामले में एक प्रापर्टी डीलर को भी आरोपी बनाया गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 26, 2023, 2:50 PM IST

लखनऊ : सरोजनीनगर क्षेत्र के गौरी विहार कॉलोनी निवासी मधुलिका सिंह ने अमौसी गांव निवासी प्रॉपर्टी डीलर सुरेश कुमार रावत और उसके अज्ञात साथी के अलावा अमौसी गांव के ही मैकू व भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त रहे लेखपाल सुशील कुमार शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी करने के साथ ही गाली गलौज और जान से मारने की धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज कराई है. सरोजनीनगर थाना प्रभारी शैलेंद्र कुमार गिरि ने बताया कि मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. मामले की जांच पड़ताल की जा रही है.


सरकारी जमीन पर दिया कब्जा

मधुलिका का कहना है कि उन्होंने 12 जून 2018 को अमौसी स्थित भूमि खसरा संख्या-180, रकबा 1600 वर्ग फीट जमीन प्रॉपर्टी डीलर सुरेश कुमार रावत और उसके अज्ञात पार्टनर से खरीदी थी. उस दौरान सुरेश द्वारा विक्रेता मैकू से रजिस्ट्री कराई गई थी. इसके बाद सुरेश कुमार रावत के बैंक खाते में चेक के जरिए तीन लाख रुपये और नगद के रूप में आठ लाख रुपये दिए थे, लेकिन आरोप है कि सभी आरोपियों ने मिलकर पीड़िता को खसरा संख्या-180 के बजाय खसरा संख्या 181 की सरकारी जमीन में कब्जा दे दिया.


लेखपाल पर गलत जमीन का चिन्हांकन का आरोप

मधुलिका ने लेखपाल सुशील कुमार शुक्ला और प्रॉपर्टी डीलर पर मिलीभगत का भी आरोप लगाया है. मधुलिका का कहना है कि क्षेत्रीय लेखपाल सुशील कुमार शुक्ला ने गलत जगह पर जमीन चिन्हित कर दी थी. इस बाबत जानकारी होने पर वह अपने पिता के साथ सुरेश और मैकू के पास गईं तो उन्होंने उसके साथ गाली गलौज करने के अलावा दोबारा दिखाई पड़ने पर जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भगा दिया गया.

पहले भी दर्ज हैं लेखपाल पर मुकदमे

सरोजनीनगर तहसील में पूर्व में कार्यरत लेखपाल सुशील शुक्ला पर पहले से कई मामले पंजीकृत हैं. सुशील कुमार शुक्ला पर सरोजनीनगर थाने में ही बेस कीमती सरकारी जमीन का फर्जी पट्टा कराने और फिर उस जमीन को अपने बेटे को दान में दिलाने और इस सरकारी जमीन पर अपने बेटे को 30 करोड़ का मुआवजा दिलवाने का मामला दर्ज है. मामला पकड़े जाने के बाद लेखपाल सुशील शुक्ला को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. प्रशासन ने सुशील शुक्ला से 30 करोड़ रुपये वसूलने की नोटिस भी जारी की है. इसके अलावा सुशील शुक्ला ने सरोजनीनगर तहसील में कार्य रहते हुए कई सरकारी जमीनों में गोलमाल करके प्रॉपर्टी डीलरों को लाभ पहुंचाया था.

यह भी पढ़ें : वाराणसी में ब्रिटिश प्रतिनिधि मंडल, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में संभावनाओं पर हुई चर्चा

लखनऊ : सरोजनीनगर क्षेत्र के गौरी विहार कॉलोनी निवासी मधुलिका सिंह ने अमौसी गांव निवासी प्रॉपर्टी डीलर सुरेश कुमार रावत और उसके अज्ञात साथी के अलावा अमौसी गांव के ही मैकू व भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त रहे लेखपाल सुशील कुमार शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी करने के साथ ही गाली गलौज और जान से मारने की धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज कराई है. सरोजनीनगर थाना प्रभारी शैलेंद्र कुमार गिरि ने बताया कि मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. मामले की जांच पड़ताल की जा रही है.


सरकारी जमीन पर दिया कब्जा

मधुलिका का कहना है कि उन्होंने 12 जून 2018 को अमौसी स्थित भूमि खसरा संख्या-180, रकबा 1600 वर्ग फीट जमीन प्रॉपर्टी डीलर सुरेश कुमार रावत और उसके अज्ञात पार्टनर से खरीदी थी. उस दौरान सुरेश द्वारा विक्रेता मैकू से रजिस्ट्री कराई गई थी. इसके बाद सुरेश कुमार रावत के बैंक खाते में चेक के जरिए तीन लाख रुपये और नगद के रूप में आठ लाख रुपये दिए थे, लेकिन आरोप है कि सभी आरोपियों ने मिलकर पीड़िता को खसरा संख्या-180 के बजाय खसरा संख्या 181 की सरकारी जमीन में कब्जा दे दिया.


लेखपाल पर गलत जमीन का चिन्हांकन का आरोप

मधुलिका ने लेखपाल सुशील कुमार शुक्ला और प्रॉपर्टी डीलर पर मिलीभगत का भी आरोप लगाया है. मधुलिका का कहना है कि क्षेत्रीय लेखपाल सुशील कुमार शुक्ला ने गलत जगह पर जमीन चिन्हित कर दी थी. इस बाबत जानकारी होने पर वह अपने पिता के साथ सुरेश और मैकू के पास गईं तो उन्होंने उसके साथ गाली गलौज करने के अलावा दोबारा दिखाई पड़ने पर जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भगा दिया गया.

पहले भी दर्ज हैं लेखपाल पर मुकदमे

सरोजनीनगर तहसील में पूर्व में कार्यरत लेखपाल सुशील शुक्ला पर पहले से कई मामले पंजीकृत हैं. सुशील कुमार शुक्ला पर सरोजनीनगर थाने में ही बेस कीमती सरकारी जमीन का फर्जी पट्टा कराने और फिर उस जमीन को अपने बेटे को दान में दिलाने और इस सरकारी जमीन पर अपने बेटे को 30 करोड़ का मुआवजा दिलवाने का मामला दर्ज है. मामला पकड़े जाने के बाद लेखपाल सुशील शुक्ला को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. प्रशासन ने सुशील शुक्ला से 30 करोड़ रुपये वसूलने की नोटिस भी जारी की है. इसके अलावा सुशील शुक्ला ने सरोजनीनगर तहसील में कार्य रहते हुए कई सरकारी जमीनों में गोलमाल करके प्रॉपर्टी डीलरों को लाभ पहुंचाया था.

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