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कोर्ट के आदेश के बाद पांच पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज

राजधानी लखनऊ में पांच पुलिसकर्मियों पर कोर्ट के आदेश के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलस्त तिवारी ने इन पुलिसकर्मियों पर दो लाख रुपये न देने पर मुठभेड़ में गिरफ्तार करने का आरोप लगाया था.

कोर्ट के आदेश के बाद पांच पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज
कोर्ट के आदेश के बाद पांच पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज
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Published : Mar 18, 2021, 2:30 PM IST

लखनऊ: राजधान में पच्चीस हजार के इनामी बदमाश पुलस्त तिवारी को मुठभेड़ में गिरफ्तार करने वाले इंस्पेक्टर संजय राय, दारोगा महेश दुबे समेत पांच पुलिसकर्मियों पर कोर्ट के आदेश पर आशियाना थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलस्त तिवारी ने इन पुलिसकर्मियों पर दो लाख रुपये न देने पर मुठभेड़ में गिऱफ्तार करने का आरोप लगाया था. पुलस्त तिवारी का एक पत्र मीडिया में वायरल हुआ था.

जानिए पूरा मामला

गाजीपुर निवासी मंजिला तिवारी ने सीजेएम कोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि 9 अगस्त 2020 की शाम उनके बेटे पुलस्त को आशियाना थाने में तैनात दारोगा महेश दुबे घर से पकड़ कर ले गए थे. 9 अगस्त 2020 की रात 11:14 पर आशियाना के तत्कालीन इंस्पेक्टर संजय राय, दारोगा महेश दुबे, सिपाही मोहित सोनी, राकेश सिंह और बलवंत कुमार ने पुलस्त तिवारी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार करने का दावा किया था. पुलस्त के पैर में गोली लगी थी. पुलिस ने आरोप लगाया था कि वाहन चेकिंग के लिए रोकने पर वह पुलिस पर फायरिंग करके भाग रहा था, जवाबी कार्रवाई में पुलस्त को पुलिस की गोली लगी.

परिजनों का आरोप

मंजुला ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी. इस बीच जेल में बंद पुलस्त का एक पत्र भी वायरल हुआ था, जिसमें उसने पुलिस को दो लाख रुपये न देने पर मुठभेड़ का आरोप लगाया था. मंजुला की अर्जी पर सीजेएम सुशील कुमारी ने आशियाना इंस्पेक्टर को केस दर्ज करने का आदेश दिया था. बुधवार रात पांचों पर जानलेवा हमले साजिश रचने साक्ष्य छिपाने समेत गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है.

लखनऊ: राजधान में पच्चीस हजार के इनामी बदमाश पुलस्त तिवारी को मुठभेड़ में गिरफ्तार करने वाले इंस्पेक्टर संजय राय, दारोगा महेश दुबे समेत पांच पुलिसकर्मियों पर कोर्ट के आदेश पर आशियाना थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलस्त तिवारी ने इन पुलिसकर्मियों पर दो लाख रुपये न देने पर मुठभेड़ में गिऱफ्तार करने का आरोप लगाया था. पुलस्त तिवारी का एक पत्र मीडिया में वायरल हुआ था.

जानिए पूरा मामला

गाजीपुर निवासी मंजिला तिवारी ने सीजेएम कोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि 9 अगस्त 2020 की शाम उनके बेटे पुलस्त को आशियाना थाने में तैनात दारोगा महेश दुबे घर से पकड़ कर ले गए थे. 9 अगस्त 2020 की रात 11:14 पर आशियाना के तत्कालीन इंस्पेक्टर संजय राय, दारोगा महेश दुबे, सिपाही मोहित सोनी, राकेश सिंह और बलवंत कुमार ने पुलस्त तिवारी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार करने का दावा किया था. पुलस्त के पैर में गोली लगी थी. पुलिस ने आरोप लगाया था कि वाहन चेकिंग के लिए रोकने पर वह पुलिस पर फायरिंग करके भाग रहा था, जवाबी कार्रवाई में पुलस्त को पुलिस की गोली लगी.

परिजनों का आरोप

मंजुला ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी. इस बीच जेल में बंद पुलस्त का एक पत्र भी वायरल हुआ था, जिसमें उसने पुलिस को दो लाख रुपये न देने पर मुठभेड़ का आरोप लगाया था. मंजुला की अर्जी पर सीजेएम सुशील कुमारी ने आशियाना इंस्पेक्टर को केस दर्ज करने का आदेश दिया था. बुधवार रात पांचों पर जानलेवा हमले साजिश रचने साक्ष्य छिपाने समेत गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है.

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