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लखनऊ: पीजीआई की नकली कोरोना रिपोर्ट बनाने वालों पर मामला दर्ज

यूपी के लखनऊ में पीजीआई की नकली कोरोना रिपोर्ट बनाकर लोगों को ठगने का काम किया जा रहा था. शुक्रवार को इस पूरे मामले में पीजीआई के द्वारा संज्ञान लिया गया. साथ ही दोषियों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया गया.

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Published : Aug 8, 2020, 3:33 AM IST

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पीजीआई.

लखनऊ: राजधानी में कोरोना संक्रमित मरीजों के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसी बीच एक ऐसा मामला सामना आया है, जिससे हड़कंप मच गया है. राजधानी में पीजीआई की नकली कोरोना रिपोर्ट बनाकर लोगों को ठगने का काम किया जा रहा था. शुक्रवार को इस पूरे मामले में पीजीआई द्वारा संज्ञान लिया गया. साथ ही दोषियों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया गया.

एसजीपीजीआई में भर्ती होने वाले मरीजों की नकली कोविड-19 की जांच तैयार करने का मामला सामने आया है. एसजीपीजीआई ने इस पूरे मामले का संज्ञान लिया है. दरअसल पीजीआई में भर्ती होने से पहले मरीजों को कोरोना जांच करानी होती है, जिसका फायदा अराजक तत्वों ने उठाना शुरू कर दिया है. दरअसल गरीब और लाचार मरीज पीजीआई के आस-पास होटल और गेस्ट हाउस में रुकते हैं. उनको कम दर पर कोविड-19 जांच कराने का आश्वासन देकर पैसे वसूले जा रहे थे. साथ ही पीजीआई की रिपोर्ट के जैसी ही हुबहू कोरोना रिपोर्ट दी जा रही थी, जोकि पूरी तरह से गैर कानूनी है.

इस पूरे मामले पर प्रोफेसर एसपी अंबेश चेयरमैन सिक्योरिटी कमेटी द्वारा पीजीआई थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब संस्थान के वार्ड में भर्ती होने आए एक रोगी से कोविड-19 जांच के संदेहास्पद होने पर पूछताछ की गई. इस पूरे मामले में दोषियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट लिखवाई गई है. सभी दोषी फरार हैं. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

लखनऊ: राजधानी में कोरोना संक्रमित मरीजों के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसी बीच एक ऐसा मामला सामना आया है, जिससे हड़कंप मच गया है. राजधानी में पीजीआई की नकली कोरोना रिपोर्ट बनाकर लोगों को ठगने का काम किया जा रहा था. शुक्रवार को इस पूरे मामले में पीजीआई द्वारा संज्ञान लिया गया. साथ ही दोषियों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया गया.

एसजीपीजीआई में भर्ती होने वाले मरीजों की नकली कोविड-19 की जांच तैयार करने का मामला सामने आया है. एसजीपीजीआई ने इस पूरे मामले का संज्ञान लिया है. दरअसल पीजीआई में भर्ती होने से पहले मरीजों को कोरोना जांच करानी होती है, जिसका फायदा अराजक तत्वों ने उठाना शुरू कर दिया है. दरअसल गरीब और लाचार मरीज पीजीआई के आस-पास होटल और गेस्ट हाउस में रुकते हैं. उनको कम दर पर कोविड-19 जांच कराने का आश्वासन देकर पैसे वसूले जा रहे थे. साथ ही पीजीआई की रिपोर्ट के जैसी ही हुबहू कोरोना रिपोर्ट दी जा रही थी, जोकि पूरी तरह से गैर कानूनी है.

इस पूरे मामले पर प्रोफेसर एसपी अंबेश चेयरमैन सिक्योरिटी कमेटी द्वारा पीजीआई थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब संस्थान के वार्ड में भर्ती होने आए एक रोगी से कोविड-19 जांच के संदेहास्पद होने पर पूछताछ की गई. इस पूरे मामले में दोषियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट लिखवाई गई है. सभी दोषी फरार हैं. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

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