लखनऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान सरकार लोगों की मदद करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी ओर फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनी इस मौके का फायदा उठाने में नहीं चूक रही है.
कोरोना महामारी के दौरान मुरादाबाद की मैसर्स शांति भोग फूड प्रोडक्ट कंपनी को राजधानी में गरीब और असहाय लोगों को राशन की किट मुहैया कराने का ठेका दिया गया था. इस दौरान कंपनी ने खराब गुणवत्ता की खाद्य सामग्री मुहैया कराई.
यह बात तब सामने आई जब प्रशासन की तरफ से इस राशन की जांच कराई गई. जांच के दौरान यह साबित हुआ कि आटा, दाल और चावल सभी की गुणवत्ता खराब है.
यहां की गयी थी सप्लाई
प्रशासन ने मैसर्स शांति भोग फूड प्रोडक्ट कंपनी पर एफआईआर दर्ज कराई है. इस कंपनी ने पहले ही चरण में लखनऊ में करीब 5000 राशन की किट सप्लाई की थी. कंपनी ने लखनऊ सदर, सरोजिनी नगर, बीकेटी और मोहनलालगंज तहसीलों में राशन की किट मुहैया कराए थे. उसी दौरान नगर निगम के कम्युनिटी किचन में भी इस कंपनी ने राशन उपलब्ध कराया था.
कंपनी पर एफआईआर
डीसीपी पश्चिमी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने बताया कि प्रशासन की तरफ से मुरादाबाद की शांति भोग फूड प्रोडक्ट लि. के खिलाफ खराब राशन किट भेजने का मुकदमा कैसरबाग कोतवाली में गुरुवार को दर्ज कराया गया है. कंपनी के खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 420 व आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.