लखनऊः झूठे मुकदमे में दो युवकों को फंसाने के मामले में सीबीसीआईडी की टीम ने पुलिस विभाग के तत्कालीन सीओ पर गोमती नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. साल 2019 में गोमती नगर थाने में रिंकू रावत नाम के एक युवक ने आकाश यादव और अभिषेक के खिलाफ 12 फरवरी को गाली गलौज, जान से मारने की धमकी और एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था.
इस पूरे मुकदमे की विवेचना सीओ अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव कर रहे थे. उन्होंने 54 दिनों तक इस मामले की विवेचना की और फिर 6 अप्रैल 2019 को चार्जशीट लगा दी.चार्जशीट में आकाश और अभिषेक को दोषी बताया. इस मामले में आकाश ने प्रमुख सचिव गृह से शिकायत की. इसके बाद पूरी जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई. अब सीबीसीआईडी की जांच में दोनों युवकों को निर्दोष पाया है. इस मामले में सीओ अवनीश्वर चंद श्रीवास्तव को दोषी पाते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.
2019 में युवकों को खिलाफ दर्ज किया था मुकदमा
गोमती नगर के तत्कालीन सीओ ईश्वर चंद्र श्रीवास्तव आकाश और अभिषेक नाम के दो युवकों को झूठे मुकदमे में फंसाने के मामले में खुद फंस गए हैं. साल 2019 में रिंकू रावत की तरफ से एक मुकदमा गोमती नगर थाने में दर्ज कराया गया था. जिसमें आकाश और अभिषेक नाम के दो युवकों पर एससी एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया. जबकि इस मामले में दोनों युवकों ने खुद को निर्दोष बताया और खुद सीओ पर रिंकू से मिलीभगत का आरोप भी लगाया था.
गृह विभाग के प्रमुख सचिव को की थी शिकायत
गृह विभाग के प्रमुख सचिव शिकायत करने के बाद पूरी जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई तो मामला खुलकर सामने आ गया. अब जांच में खुद सीओ साहब फस गए हैं और उनके खिलाफ गोमतीनगर थाने में मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है. सीबीसीआईडी की जांच में पाया गया सीओ अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव जांच में मौखिक बयानों के आधार पर ही चार्जशीट लगा दी. वही तत्कालीन सीओ ने रिंकू से सांठगांठ कर आकाश और अभिषेक के खिलाफ झूठी कहानी बनाकर केस दर्ज कराया और साक्ष्यों का सही से परीक्षण भी नहीं किया था.