ETV Bharat / state

यूपी के 71 निजी आईटीआई संस्थानों के खिलाफ मथुरा में दर्ज कराया मुकदमा, जानिए पूरा मामला

यूपी के 71 निजी आईटीआई संस्थानों के खिलाफ समाज कल्याण विभाग ने मुकदमा दर्ज कराया है. विभाग ने इन सभी संस्थाओं के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : May 31, 2023, 3:38 PM IST

लखनऊ : समाज कल्याण विभाग ने छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति में हुए घोटाले के आरोप में मथुरा में 71 निजी आईटीआई संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. समाज कल्याण विभाग ने प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार में शामिल इन सभी संस्थाओं के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. ज्ञात हो कि प्रदेश के मथुरा जिले में वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक निजी आईटीआई संस्थानों में विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति घोटाले की शिकायत प्राप्त होने पर इसकी जांच शुरू की थी. शिकायत मिलने पर विभाग ने निदेशालय स्तर पर एक जांच समिति गठित कर पूरे मामले की अपने स्तर से जांच कराई थी, जिसमें इन संस्थाओं द्वारा छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति में घोटाले की बात सामने आई है.

समाज कल्याण विभाग ने दर्ज कराया मुकदमा
समाज कल्याण विभाग ने दर्ज कराया मुकदमा

ऑनलाइन व स्थलीय निरीक्षण में खुली पोल : विभाग की ओर से गठित जांच समिति ने इन संस्थानों का स्थानीय व ऑनलाइन निरीक्षण किया तो पूरा खेल सामने आ गया. जांच टीम ने शिक्षण संस्थानों द्वारा छात्रवृत्ति के मास्टर डाटाबेस में भरे गये डाटा को लिया व उसे नेशनल काउंसिल फार वोकेशनल ट्रेनिंग, नई दिल्ली में जाकर मास्टर डाटा में दर्ज सभी 195 शिक्षण संस्थानों के मान्यता की प्रतियां प्राप्त कीं. जांच टीम ने इन सभी संस्थानों को पाठ्यक्रमवार स्वीकृत सीटों का भी परीक्षण किया, जिसके बाद जांच समिति ने पाया कि इन संस्थानों ने डुप्लीकेट विद्यार्थियों के साथ-साथ परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों व संस्थान में स्वीकृत सीटों से अधिक संख्या में छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि को साजिशपूर्ण तरीके से हड़पने का काम किया है. समाज कल्याण विभाग को भेजी गई अपनी जांच रिपोर्ट में समिति ने बताया है कि इन संस्थानों द्वारा डुप्लीकेट विद्यार्थियों, परीक्षा में न बैठने वाले विद्यार्थियों, स्वीकृत सीट से अधिक संख्या में विद्यार्थियों के डाटा में खेलकर विभाग को 22.99 करोड़ की धनराशि का नुकसान पहुंचाया है.

जांच में माना गया दोषी : समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि 'इस मामले में शिक्षण संस्थाओं, विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के निलंबन की कार्रवाई करते हुए सदर थाना मथुरा में एफआईआर दर्ज करायी गयी है. मंत्री असीम अरुण ने बताया कि प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर हमारा विभाग काम कर रहा है. इसी कड़ी में समाज कल्याण विभाग के योजना में घोटाला सामने आने पर आरोपी संस्थान और विभागीय अधिकारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जा रही है. जांच टीम द्वारा गहन जांच करने के बाद इस पूरे मामले पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति घोटाले की जांच आर्थिक अपराध शाखा, कानपुर नगर कर रहा है. इसी मामले में मथुरा के ही 13 अन्य शिक्षण संस्थानों ने निदेशालय के कूटरचित अभिलेख तैयार करके हाईकोर्ट में अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से रिट याचिका योजित की गयी थी. जांच में यह सभी 13 शिक्षण संस्थान दोषी पाये जाने पर इनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है. मंत्री ने बताया कि समाज कल्याण विभाग की ओर से गठित की गई जांच समिति ने सभी पक्षों की जांच करने के बाद 30 मई को 45 निजी आईटीआई व 13 कूटरचित अभिलेख प्रयोग करने वाले शिक्षण संस्थानों सहित कुल 58 शिक्षण संस्थाओं को काली सूची डाल दिया है, इन सभी से दी गई धनराशि वसूल करने के निर्देश दिए गए हैं.'

यह भी पढ़ें : लखनऊ में स्कॉर्पियो ने स्कूटी को मारी टक्कर, 2 बच्चों समेत 4 की मौत

लखनऊ : समाज कल्याण विभाग ने छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति में हुए घोटाले के आरोप में मथुरा में 71 निजी आईटीआई संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. समाज कल्याण विभाग ने प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार में शामिल इन सभी संस्थाओं के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. ज्ञात हो कि प्रदेश के मथुरा जिले में वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक निजी आईटीआई संस्थानों में विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति घोटाले की शिकायत प्राप्त होने पर इसकी जांच शुरू की थी. शिकायत मिलने पर विभाग ने निदेशालय स्तर पर एक जांच समिति गठित कर पूरे मामले की अपने स्तर से जांच कराई थी, जिसमें इन संस्थाओं द्वारा छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति में घोटाले की बात सामने आई है.

समाज कल्याण विभाग ने दर्ज कराया मुकदमा
समाज कल्याण विभाग ने दर्ज कराया मुकदमा

ऑनलाइन व स्थलीय निरीक्षण में खुली पोल : विभाग की ओर से गठित जांच समिति ने इन संस्थानों का स्थानीय व ऑनलाइन निरीक्षण किया तो पूरा खेल सामने आ गया. जांच टीम ने शिक्षण संस्थानों द्वारा छात्रवृत्ति के मास्टर डाटाबेस में भरे गये डाटा को लिया व उसे नेशनल काउंसिल फार वोकेशनल ट्रेनिंग, नई दिल्ली में जाकर मास्टर डाटा में दर्ज सभी 195 शिक्षण संस्थानों के मान्यता की प्रतियां प्राप्त कीं. जांच टीम ने इन सभी संस्थानों को पाठ्यक्रमवार स्वीकृत सीटों का भी परीक्षण किया, जिसके बाद जांच समिति ने पाया कि इन संस्थानों ने डुप्लीकेट विद्यार्थियों के साथ-साथ परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों व संस्थान में स्वीकृत सीटों से अधिक संख्या में छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि को साजिशपूर्ण तरीके से हड़पने का काम किया है. समाज कल्याण विभाग को भेजी गई अपनी जांच रिपोर्ट में समिति ने बताया है कि इन संस्थानों द्वारा डुप्लीकेट विद्यार्थियों, परीक्षा में न बैठने वाले विद्यार्थियों, स्वीकृत सीट से अधिक संख्या में विद्यार्थियों के डाटा में खेलकर विभाग को 22.99 करोड़ की धनराशि का नुकसान पहुंचाया है.

जांच में माना गया दोषी : समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि 'इस मामले में शिक्षण संस्थाओं, विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के निलंबन की कार्रवाई करते हुए सदर थाना मथुरा में एफआईआर दर्ज करायी गयी है. मंत्री असीम अरुण ने बताया कि प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर हमारा विभाग काम कर रहा है. इसी कड़ी में समाज कल्याण विभाग के योजना में घोटाला सामने आने पर आरोपी संस्थान और विभागीय अधिकारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जा रही है. जांच टीम द्वारा गहन जांच करने के बाद इस पूरे मामले पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति घोटाले की जांच आर्थिक अपराध शाखा, कानपुर नगर कर रहा है. इसी मामले में मथुरा के ही 13 अन्य शिक्षण संस्थानों ने निदेशालय के कूटरचित अभिलेख तैयार करके हाईकोर्ट में अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से रिट याचिका योजित की गयी थी. जांच में यह सभी 13 शिक्षण संस्थान दोषी पाये जाने पर इनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है. मंत्री ने बताया कि समाज कल्याण विभाग की ओर से गठित की गई जांच समिति ने सभी पक्षों की जांच करने के बाद 30 मई को 45 निजी आईटीआई व 13 कूटरचित अभिलेख प्रयोग करने वाले शिक्षण संस्थानों सहित कुल 58 शिक्षण संस्थाओं को काली सूची डाल दिया है, इन सभी से दी गई धनराशि वसूल करने के निर्देश दिए गए हैं.'

यह भी पढ़ें : लखनऊ में स्कॉर्पियो ने स्कूटी को मारी टक्कर, 2 बच्चों समेत 4 की मौत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.