हैदराबाद: गाजर वैसे तो स्वास्थ के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है. लेकिन कुछ इसके दुष्प्रभाव भी हैं. मसलन, बहुत अधिक मात्रा में सेवन करने से नींद न आने की समस्या हो सकती है. गाजर का पीला वाला भाग बहुत गर्म गोता है. गाजर के पीले भाग को ज्यादा मात्रा में खाने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. यह पेट में जलन का कारण बन सकता है.
गाजर में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है. लगातार गाजर का सेवन करना हमारे शरीर में फाइबर की मात्रा को अत्यंत बढ़ा देता है और यह हमें पेट दर्द जैसी समस्या खड़ी कर सकता है.
गाजर के फायदे
गाजर का जूस हो या हलवा हर रूप में वह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है. आयुर्वेद में गाजर को कई बीमारियों के लिए इलाज के तौर पर प्रयोग किया जाता है क्योंकि गाजर में फैट न के बराबर होता है लेकिन पौष्टिकता भरपूर मात्रा में होती है. जैसे- सोडयम, पोटाशियम, कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन, विटामिन ए, डी, सी, बी6 आदि.
इन पौष्टिकताओं के कारण गाजर को आधासीसी, कान का दर्द, मुँह का बदबू,पेट दर्द जैसे बीमारियों के लिए गाजर के जड़, फल और बीज का इस्तेमाल औषधि के लिए किया जाता है। चलिये गाजर के बारे में अनजाने तथ्यों के बारे में जानते हैं.
गाजर क्या है?
गाजर की केवल सब्जी ही नहीं, इससे हलवा, अचार, मुरब्बा, पाक आदि अनेक व्यंजन भी बनाए जाते हैं. गाजर खून में पित्त और वात कम करने में, बवासीर, दस्त और कफ से राहत दिलाने में मदद करती है. गाजर मधुर, रुचि बढ़ाने वाली, पेट फूलने या एसिडिटी दूर करने वाली, कृमि निकालने में, जलन-दर्द से पित्त और प्यास से राहत दिलाने वाली होती है. जंगली गाजर-चरपरी, गर्म, कफ और वात कम करने वाली, कुष्ठ, अर्श या पाइल्स, शूल या दर्द, दाह या जलन, दमा और हिचकी में लाभकारी होती है.