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प्रधानमंत्री आवास योजनाः लापरवाह अफसरों की मनमानी, सुविधाओं के नाम पर खानापूर्ति

एक ओर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत रेहड़ी, पटरी और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए मकान देने के दावे किए गए. वहीं दूसरी ओर राजधानी लखनऊ के दाऊद नगर चौराहे पर स्थित ट्रांजिट हॉस्टल में रहने वाले लोगों ने उन दावों की पोल खोल दी है.

सिर ढकने के लिए आसियाने की मांग
सिर ढकने के लिए आसियाने की मांग
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Published : Jul 2, 2021, 1:17 PM IST

Updated : Jul 2, 2021, 1:26 PM IST

लखनऊः प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत रेहड़ी, पटरी और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए मकान देने के दावे किए गए. जिसके बारे में लोगों का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारियों ने रेहड़ी, पटरी से उठाकर मकान देने की बात कही थी. लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी उनके नाम से मकान आज तक नहीं दिया गया. जिसके वजह से आए दिन कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही आये दिन बिजली विभाग और नगर निगम के अफसर उन्हें परेशान करते हैं.

सुविधाओं के नाम पर सरकारी आवास की खानापूर्ति

जब इस मामले में जमीनी स्तर की रियलिटी चेक करने की कोशिश की गई तो पता चला कि कई सरकारी मकान में कैसरबाग माल गोदाम रोड पर रहने वाले लोगों को रेहड़ी, पटरी से लाकर नगर निगम और डूडा के अधिकारियों द्वारा ऐसे ही रख दिया गया. इसके साथ ही उनसे कहा गया कि आपके नाम से मकान दिया जाएगा. वहीं एक ओर मकान में रहने वाले लोग सारे कागजी खानापूर्ति कर चुके हैं और सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा चुके हैं. इसके बावजूद भी उनके नाम से मकान का आवंटन नहीं किया गया है. हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि सरकार ने मकान मुहैया करा दिया है. लेकिन न ही पानी की व्यवस्था की गई है न ही लोगों के लिए शौचालय का प्रबंधन किया गया है. लोगों का कहना है कि नाली की व्यवस्था न होने से बरसात में सरकारी कॉलोनी में जलभराव हो जाता है.

प्रधानमंत्री आवास योजना में अफसरों का लापरवाह रवैया

आवास में रहने वाले लोगों को नहीं मिला आवंटन

लखनऊ के माल गोदाम रोड के रेहड़ी, पटरी पर रहने वाले मकान में आवंटन को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सरकारी आवास में लाया गया. लेकिन आज भी कई लोगों को सरकारी आवास देने के नाम पर खानापूर्ति किया गया है. जिसमें आज भी आरती, मुमताज, आसमा, शीला, रामराज शुक्ला, तरन्नुम खान, राजाराम, ज्योति देवी, पति राज जैसे अनेक परिवारों को लापरवाह अधिकारियों के रवैये के चलते अभीतक मकान का आवंटन नहीं किया गया है.

सिर ढकने के लिए आसियाने की मांग
सिर ढकने के लिए आसियाने की मांग

इसे भी पढ़ें- यूपी पुलिस भर्ती के अभ्यार्थियों को आज नियुक्ति पत्र देंगे सीएम योगी

ईटीवी भारत की टीम से बातचीत करते हुए समाजसेवी ममता त्रिपाठी ने बताया कि ट्राजिट हॉस्टल के लोगों के मकान आवंटन को लेकर पूरी तरह से सरकारी बंदरबांट किया गया है. डूडा और नगर निगम के कर्मचारियों के द्वारा रेहड़ी, पटरी पर रहने वाले लोगों को सरकारी आवास में लाकर रख दिया गया है. न ही उनके नाम से किसी तरह का आवंटन किया गया है और न ही आवंटन पत्र दिया गया है.

प्रधानमंत्री आवास योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना

स्थानीय पति राज का कहना है कि हमारा परिवार बीते दिनों झुग्गी झोपड़ियों में माल गोदाम रोड के पटरियों के किनारे रहता था. वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों ने हम लोगों को वहां से उठाकर यहां पर ले आए और आवास देने के दावे किए. वहीं बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए सारे कागजी खानापूर्ति किए और सरकारी ऑफिसों का चक्कर लगाया. इसके बावजूद भी मकान आवंटन मेरे नाम से नहीं किया गया. वहीं आवंटन को लेकर 3 साल बीत गए.

वहीं तरन्नुम खान ने बताया कि आवंटन को लेकर कई बार सरकारी ऑफिसों का चक्कर लगाया गया. कागजी खानापूर्ति किया, इसके बावजूद भी मकान का आवंटन आजतक नहीं किया गया. जब भी हमने अधिकारियों से मकान आवंटन के बारे में पूछा तो उन्होंने मकान आवंटन को लेकर सांत्वना देते हुए कई बार कहा कि आपके नाम से मकान का आवंटन कर दिया जाएगा. लेकिन आलम ये है कि सरकारी ऑफिस का चक्कर लगाकर उल्टे पांव वापस आना पड़ता है.

इस मामले को लेकर जब ईटीवी संवाददाता ने नगर निगम के जोनल अधिकारी राजेश सिंह से कैमरे पर बात करने की कोशिश की तो वे कुछ भी बोलने से बचते नजर आए. उन्होंने कहा कि जिन लोगों का अभी तक आवंटन नहीं किया गया है, जल्द ही आवंटन कर दिया जाएगा. जिससे किसी तरह का लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े.

लखनऊः प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत रेहड़ी, पटरी और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए मकान देने के दावे किए गए. जिसके बारे में लोगों का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारियों ने रेहड़ी, पटरी से उठाकर मकान देने की बात कही थी. लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी उनके नाम से मकान आज तक नहीं दिया गया. जिसके वजह से आए दिन कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही आये दिन बिजली विभाग और नगर निगम के अफसर उन्हें परेशान करते हैं.

सुविधाओं के नाम पर सरकारी आवास की खानापूर्ति

जब इस मामले में जमीनी स्तर की रियलिटी चेक करने की कोशिश की गई तो पता चला कि कई सरकारी मकान में कैसरबाग माल गोदाम रोड पर रहने वाले लोगों को रेहड़ी, पटरी से लाकर नगर निगम और डूडा के अधिकारियों द्वारा ऐसे ही रख दिया गया. इसके साथ ही उनसे कहा गया कि आपके नाम से मकान दिया जाएगा. वहीं एक ओर मकान में रहने वाले लोग सारे कागजी खानापूर्ति कर चुके हैं और सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा चुके हैं. इसके बावजूद भी उनके नाम से मकान का आवंटन नहीं किया गया है. हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि सरकार ने मकान मुहैया करा दिया है. लेकिन न ही पानी की व्यवस्था की गई है न ही लोगों के लिए शौचालय का प्रबंधन किया गया है. लोगों का कहना है कि नाली की व्यवस्था न होने से बरसात में सरकारी कॉलोनी में जलभराव हो जाता है.

प्रधानमंत्री आवास योजना में अफसरों का लापरवाह रवैया

आवास में रहने वाले लोगों को नहीं मिला आवंटन

लखनऊ के माल गोदाम रोड के रेहड़ी, पटरी पर रहने वाले मकान में आवंटन को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सरकारी आवास में लाया गया. लेकिन आज भी कई लोगों को सरकारी आवास देने के नाम पर खानापूर्ति किया गया है. जिसमें आज भी आरती, मुमताज, आसमा, शीला, रामराज शुक्ला, तरन्नुम खान, राजाराम, ज्योति देवी, पति राज जैसे अनेक परिवारों को लापरवाह अधिकारियों के रवैये के चलते अभीतक मकान का आवंटन नहीं किया गया है.

सिर ढकने के लिए आसियाने की मांग
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इसे भी पढ़ें- यूपी पुलिस भर्ती के अभ्यार्थियों को आज नियुक्ति पत्र देंगे सीएम योगी

ईटीवी भारत की टीम से बातचीत करते हुए समाजसेवी ममता त्रिपाठी ने बताया कि ट्राजिट हॉस्टल के लोगों के मकान आवंटन को लेकर पूरी तरह से सरकारी बंदरबांट किया गया है. डूडा और नगर निगम के कर्मचारियों के द्वारा रेहड़ी, पटरी पर रहने वाले लोगों को सरकारी आवास में लाकर रख दिया गया है. न ही उनके नाम से किसी तरह का आवंटन किया गया है और न ही आवंटन पत्र दिया गया है.

प्रधानमंत्री आवास योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना

स्थानीय पति राज का कहना है कि हमारा परिवार बीते दिनों झुग्गी झोपड़ियों में माल गोदाम रोड के पटरियों के किनारे रहता था. वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों ने हम लोगों को वहां से उठाकर यहां पर ले आए और आवास देने के दावे किए. वहीं बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए सारे कागजी खानापूर्ति किए और सरकारी ऑफिसों का चक्कर लगाया. इसके बावजूद भी मकान आवंटन मेरे नाम से नहीं किया गया. वहीं आवंटन को लेकर 3 साल बीत गए.

वहीं तरन्नुम खान ने बताया कि आवंटन को लेकर कई बार सरकारी ऑफिसों का चक्कर लगाया गया. कागजी खानापूर्ति किया, इसके बावजूद भी मकान का आवंटन आजतक नहीं किया गया. जब भी हमने अधिकारियों से मकान आवंटन के बारे में पूछा तो उन्होंने मकान आवंटन को लेकर सांत्वना देते हुए कई बार कहा कि आपके नाम से मकान का आवंटन कर दिया जाएगा. लेकिन आलम ये है कि सरकारी ऑफिस का चक्कर लगाकर उल्टे पांव वापस आना पड़ता है.

इस मामले को लेकर जब ईटीवी संवाददाता ने नगर निगम के जोनल अधिकारी राजेश सिंह से कैमरे पर बात करने की कोशिश की तो वे कुछ भी बोलने से बचते नजर आए. उन्होंने कहा कि जिन लोगों का अभी तक आवंटन नहीं किया गया है, जल्द ही आवंटन कर दिया जाएगा. जिससे किसी तरह का लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े.

Last Updated : Jul 2, 2021, 1:26 PM IST
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