लखनऊ : राजधानी लखनऊ के निशातगंज स्थित एससीईआरटी कार्यालय के बाहर सोमवार को 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सैकड़ों अभ्यर्थियों ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. अभ्यर्थी उनके मूल अभिलेखों की जांच कर उन्हें नियुक्ति देने की मांग कर रहे थे.
प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थी आशुतोष ने बताया कि अधिकारी दोहरा चरित्र दिखा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि धन उगाही करके लगभग 25 जनपदों में नियुक्ति पत्र बांटे गए थे. उन लोगों को विद्यालय भी आवंटित कर दिए गए हैं. त्रुटि संशोधन का निवारण करते हुए 18 जनवरी के आदेश के बाद रायबरेली, प्रतापगढ़, एटा, बलिया, अलीगढ़ आदि जनपदों में मूल अभिलेखों का मिलान कर जनपदीय चयन समिति ने अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र प्रदान कर दिए है. दूसरी तरफ कुछ लोगों ने अपने जिले के बीएसए से नियुक्ति की मांग की थी, तो उन्होंने कहा कि हम लोगों के संबंध में कोई स्पष्ट शासनादेश नहीं आया है. अभ्यर्थी आशुतोष ने बताया कि जब वे लोग अपनी समस्याओं को लेकर एससीईआरटी कार्यालय पहुंचे तो अधिकारियों ने कहा कि आप लोगों के लिए कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ है.
'अभ्यर्थियों को नियुक्ति कैसे दे दी गई'
अभ्यर्थी का कहना है कि जब हम लोगों के लिए कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ है, तो 21 जिलों के बीएसए ने अभ्यर्थियों को नियुक्ति कैसे दे दी. आशुतोष ने बताया कि किसी भी अभ्यर्थी को उनकी नियुक्ति से कोई समस्या नहीं है. बस हमारा मानना है कि हमारे लिए भी स्पष्ट शासनादेश जारी कर दिया जाए. इससे हम लोग भी नियुक्ति पा सकेंगे.
'मूल अभिलेखों की जांच कर ली जाए'
आशुतोष ने कहा कि हमारी कोई गलत मांग नहीं है. हमारे मूल अभिलेखों की जांच कर ली जाए. अभ्यर्थी आशुतोष ने कहा कि हमारा बस इतना कहना है कि शासन ने प्रदेश स्तर पर 6,78,067 की अभ्यर्थियों लिस्ट जारी की है, उसमें अगर हम आते हैं तो हमें नियुक्ति दे दी जाए. मूल अभिलेखों के हिसाब से इस चयन प्रक्रिया में नहीं आते हैं, तो हमें बाहर कर दिया जाए. उन्होंने कहा कि जब तक हम लोग की मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक हम धरने से नहीं हटेंगे.
हम लोग अपनी मांगों को लेकर एससीईआरटी कार्यालय में धरने पर बैठे हैं. जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक धरने से नहीं हटेंगे. हम लोगों की मांग है कि शासन हम लोगों के लिए भी स्पष्टीकरण आदेश जारी करें, जिससे हम लोग भी नियुक्ति पा सकें.
-बबली पाल, अभ्यर्थी